रांची: कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जहां बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं. वहीं अब हर दिन हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित ठीक भी हो रहे हैं. कोरोना के खतरनाक मंजर को आंख के सामने देखने और महसूस करने वाले लोग जब ठीक हो रहे हैं, तो उनके मन में कई तरह के सवाल होते हैं. कोरोना को परास्त कर चुके लोग न सिर्फ कई तरह के पोस्ट कोविड समस्याओं(post covid complications) से जूझ रहे होते हैं, बल्कि कई तरह के ख्यालात उनके मन में होते हैं. इसी को दूर करने के लिए राज्यभर में अब पोस्ट कोविड ओपीडी (post covid OPD) खोले जा रहे हैं, जहां डॉक्टरों और मनोचिकित्सकों की टीम उन्हें सलाह दे रही है.
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क्या कहती हैं मनोचिकित्सक डॉ वीणा
रांची सदर अस्पताल में पोस्ट कोविड ओपीडी में कोरोना से ठीक हुए मरीजों का काउंसलिंग कर उनके मन में उठ रहे कई सवालों का जवाब देने वाली मनोचिकित्सक डॉ वीणा कहती हैं, कि अभी कोरोना को हराकर ठीक हुए मरीज भी ब्लैक फंगस, वाइट फंगस, MIS-C जैसे नई बीमारियों से ग्रस्त हो जाने के डर से सहमे रहते हैं, अधिकतर मरीज पूछते हैं, कि ये सब बीमारी तो उनको नहीं हो जाएगी? कई मरीज जो फेफड़े के खतरनाक संक्रमण से जूझ रहे होते हैं, उन्हें डर इस बात का सताता है कि क्या वह पहले जैसा हो पाएंगे? क्योंकि वह अपने आपको कमजोर पाते हैं. डॉ वीणा के अनुसार ज्यादातर मरीज यह भी पूछते हैं कि एक बार कोरोना हो गया तो अब कितने दिनों तक यह नहीं होगा, तो कुछ लोग खांसी और सांस लेने में तकलीफ के कायम रहने की बात करते हैं. ऐसे लोगों को फेफड़े को मजबूत करने वाले एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है और स्पायरोमीटर का इस्तेमाल करने सिखाया जाता है.
पोस्ट कोविड(post covid complications) में डिप्रेशन बड़ी समस्या
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सव्यसाची मंडल ने बताते हैं कि कोविड को मात दे चुके लोगों में पोस्ट कोविड डिप्रेशन बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रही है, घर के कई लोगों के कोरोना संक्रमित होने, कई अपने प्रिय को इस महामारी में खो देने, कई का इलाज में हुए खर्च के चलते तंगहाली जैसे तमाम वजहें हैं. उन्होंने बताया कि संक्रमण से ठीक होने के बावजूद व्यक्ति परेशान रहता है, ऐसे में पोस्ट कोविड ओपीडी उनकी सहायता करता है.
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कई लोग कोविड प्रभाव से सहमे
पहले से ही कोरोना के चलते शरीर में आई कमजोरी और कई परेशानियों के साथ इस बार कई तरह के फंगस और MIS-C जैसी बीमारियों से इंसान कोरोना को परास्त करने के बावजूद उसके पोस्ट कोविड प्रभाव से डरे सहमे हैं. ऐसे में डॉक्टर और मनोचिकित्सक की कोशिश होती है, कि वैसे लोगों के अंदर का डर निकाल दिया जाए, ताकि वह कोविड होने से पहले वाली स्थिति में लौट सकें.
कई मरीजों को अस्पतालों में कराना पड़ता है भर्ती
कोरोना वायरस से संक्रमित बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. अधिकरत मरीजों के फेफड़े पर कोरोना वायरस ने खतरनाक प्रभाव डाला है और फेफड़े को डैमेज किया है. ऐसे में जो मरीजों ने कोरोना को मात दी है, उनको भी सांस लेने में दिक्कत और खांसी परेशानी होती है. ऐसे मरीजों के लिए लंग एक्सरसाइज कराने वाला स्पायरोमीटर एक बेहद महत्वपूर्ण मशीन है.
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चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सदर अस्पताल को दिए 50 स्पायरोमीटर
सदर अस्पताल के मेडिकल अफसर (सर्जन )डॉ अजीत कुमार ने बताया कि कोरोना को परास्त करने के बाद अस्पताल से घर जा रहे मरीजों के लंग एक्सरसाइज में स्पायरोमीटर बेहद कारगर होगा, सरकारी प्रक्रिया में इसकी खरीद में समय लगता है. ऐसे में उन्होंने झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स से संपर्क किया, जिसके बाद चैंबर ने न सिर्फ अभी तक 50 स्पायरोमीटर दिए हैं, बल्कि सदर अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले सभी कोविड मरीजों के लिए यह मशीन उपलब्ध कराने की सहमति दी है.
सदर अस्पताल भी अपने संसाधन से खरीदेगा स्पायरोमीटर
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सव्यसाची मंडल ने कहा कि चैम्बर की ओर से मिले स्पायरोमीटर को पोस्ट कोविड सेंटर में डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल करना मरीजों को बता दिया जाता है, ताकि अपने घर पर भी वह इसे इस्तेमाल करते रहें.