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पर्यावरण को बचाने के लिए मनाया जाता है कर्मा पूजा, राजभवन में आयोजित हुआ समारोह

राजभवन के मूर्ति गार्डन में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग रांची विश्वविद्यालय के सहयोग से कर्म पर्व की पूर्व संध्या पर एक समारोह का आयोजन किया गया है. इस समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं.

राजभवन में आयोजित हुआ समारोह
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Published : Sep 7, 2019, 2:08 PM IST

Updated : Sep 7, 2019, 3:01 PM IST

रांची: राजभवन में कर्म पूजा की पूर्व संध्या एक समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहीं. समारोह में जनजाति और क्षेत्र भाषा विभाग के छात्रों ने स्थानीय भाषा में नागपुरी नृत्य, कुंडुख नृत्य, पंचपड़गानिया नृत्य, खोरठा नृत्य, खड़िया, कुरमाली, संथाली, मुंडारी और हो नृत्य का लोकभावन प्रदर्शन किया.

देखें पूरी खबर


वहीं, मौके पर मौजूद राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने लोगों को कर्मा पूजा की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं दी, साथ ही उन्होंने इस अवसर पर राज्यवासियों को संदेश देते हुए कहा कि पर्यावरण बचाना समाज की प्राथमिकता है. विश्व में हो रहे ग्लोबल वार्मिंग से बचा जा सकता है. मौके पर मौजूद रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ हरि उरांव ने बताया कि आदिवासी समाज सदियों से पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को प्रेरित करते रहे हैं. इसलिए आदिवासी संस्थाओं के द्वारा पर्यावरण को बचाने और उसके संरक्षण के लिए कर्मा पूजा के माध्यम से मजबूत संदेश दिया जाता है. वहीं, उन्होंने बताया कि इस पर्व में अध्यात्म के अनुसार आदिवासी बहनें अपने भाइयों की सुख, समृद्धि और शांति के लिए करमदेव भगवान की आराधना करते हैं.

Karma Puja celebrated in Raj Bhavan ranchi
स्थानीय भाषा में नागपुरी नृत्य करते छात्र

ये भी देखें- आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी में जुटे सीएम रघुवर दास, लौहनगरी के गोलमुरी मंदिर में की पूजा-अर्चना


कर्मा पूजा की पूर्व संध्या पर आयोजित इस समारोह पर मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के अलावा राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एसके शतपथी, राज्यपाल के प्रधान सचिव सत्येंद्र सिंह, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रति कुलपति, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा कई अन्य व्यक्ति और राजभवन परिवार के सदस्य उपस्थित रहे.

रांची: राजभवन में कर्म पूजा की पूर्व संध्या एक समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहीं. समारोह में जनजाति और क्षेत्र भाषा विभाग के छात्रों ने स्थानीय भाषा में नागपुरी नृत्य, कुंडुख नृत्य, पंचपड़गानिया नृत्य, खोरठा नृत्य, खड़िया, कुरमाली, संथाली, मुंडारी और हो नृत्य का लोकभावन प्रदर्शन किया.

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वहीं, मौके पर मौजूद राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने लोगों को कर्मा पूजा की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं दी, साथ ही उन्होंने इस अवसर पर राज्यवासियों को संदेश देते हुए कहा कि पर्यावरण बचाना समाज की प्राथमिकता है. विश्व में हो रहे ग्लोबल वार्मिंग से बचा जा सकता है. मौके पर मौजूद रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ हरि उरांव ने बताया कि आदिवासी समाज सदियों से पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को प्रेरित करते रहे हैं. इसलिए आदिवासी संस्थाओं के द्वारा पर्यावरण को बचाने और उसके संरक्षण के लिए कर्मा पूजा के माध्यम से मजबूत संदेश दिया जाता है. वहीं, उन्होंने बताया कि इस पर्व में अध्यात्म के अनुसार आदिवासी बहनें अपने भाइयों की सुख, समृद्धि और शांति के लिए करमदेव भगवान की आराधना करते हैं.

Karma Puja celebrated in Raj Bhavan ranchi
स्थानीय भाषा में नागपुरी नृत्य करते छात्र

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कर्मा पूजा की पूर्व संध्या पर आयोजित इस समारोह पर मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के अलावा राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एसके शतपथी, राज्यपाल के प्रधान सचिव सत्येंद्र सिंह, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रति कुलपति, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा कई अन्य व्यक्ति और राजभवन परिवार के सदस्य उपस्थित रहे.

Intro:राजभवन के मूर्ति गार्डन में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग रांची विश्वविद्यालय के सहयोग से करम पर्व पूर्व संध्या समारोह का आयोजन किया गया।

समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रही।

समारोह में जनजाति एवं क्षेत्र भाषा विभाग के छात्रों द्वारा स्थानीय भाषा में नागपुरी नृत्य, कुंडुख़ नृत्य, पंचपड़गानिया नृत्य,खोरठा नृत्य,खड़िया,क़ुरमाली,संथाली,मुंडारी और हो नृत्य का लोकभावन प्रदर्शन किया गया।


Body:मौके पर मौजूद महामहिम राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने लोगों को करमा पूजा की पूर्व संध्या पर करमा पूजा की शुभकामनाएं दी साथ ही उन्होंने इस अवसर पर राज्यवासियों को संदेश देते हुए कहा कि करमा पूजा के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाता है कि पर्यावरण बचाना समाज की प्राथमिकता है, तभी विश्व में हो रहे ग्लोबल वार्मिंग से बचा जा सकता है।

वही मौके पर मौजूद रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ हरी उरांव ने बताया कि आदिवासी समाज सदियों से पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को प्रेरित करते रहे हैं। इसीलिए आदिवासी संस्थाओं द्वारा पर्यावरण को बचाने एवं उसके संरक्षण के लिए करमा पूजा के माध्यम से मजबूत संदेश दिया जाता है।

वहीं उन्होंने बताया कि इस पर्व में अध्यात्म के अनुसार आदिवासी बहने अपने भाइयों की सुख,समृद्धि और शांति के लिए करमदेव भगवान की आराधना करते हैं।


Conclusion:करमा पूजा के पूर्व संध्या पर आयोजित इस समारोह पर मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुरमू के अलावा राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एसके शतपथी, राज्यपाल के प्रधान सचिव सत्येंद्र सिंह, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रति कुलपति, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं राजभवन परिवार के सदस्य गण उपस्थित रहे।

बाइट- श्रीमती द्रौपदी मुरमू,महामहिम राज्यपाल।
बाइट- हरि उरांव, जनजातीय एवं उच्च क्षेत्रीय भाषा के विभागाध्यक्ष।
Last Updated : Sep 7, 2019, 3:01 PM IST
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