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रांची: संत जेवियर कॉलेज में करमा महोत्सव प्रतियोगिता का आयोजन, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया शिरकत - करमा महोत्सव प्रतियोगिता

प्रकृति पर्व करमा को लेकर रविवार को रांची के संत जेवियर कॉलेज में करमा महोत्सव प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जहां विभिन्न प्रतिभागियों ने आदिवासी संगीत और नृत्य के जरिए खूब झूमाया. इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हिस्सा लिया और लोगों से प्रकृति की रक्षा करने का संदेश दिया.

मांदर की थाप पर झूमते लोग
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Published : Sep 15, 2019, 8:55 PM IST

रांची: प्रकृति पर्व करमा को लेकर रांची के विभिन्न कॉलेजों, स्कूलों और सामाजिक संगठनों के द्वारा एक सप्ताह तक तरह-तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इसी क्रम में रविवार को संत जेवियर कॉलेज में करमा महोत्सव प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिरकत की.

देखें पूरी खबर

करमा महोत्सव प्रतियोगिता के माध्यम से आदिवासी संस्कृति के रीति-रिवाज, वेशभूषा और रहन-सहन की छटा देखने को मिला. इस प्रतियोगिता में विभिन्न प्रतिभागी टीमों ने हिस्सा लिया. प्रतिभागियों की ओर से विभिन्न आदिवासी संगीत और नृत्य से लोगों को खूब झूमाया, लोग मांदर की थाप पर झूमने पर मजबूर हो गए. संत जेवियर कॉलेज में होने वाले इस करमा महोत्सव प्रतियोगिता में नृत्य-संगीत के माध्यम से झारखंड के हरियाली, नदी-नाला, पहाड़-पर्वत को दर्शाने की कोशिश की गई थी.

ये भी पढ़ें:- अस्थमा को योग से मात देकर बनीं एशियन गोल्ड मेडलिस्ट, लगातार 5वीं बार हासिल किया गोल्ड

कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों को करमा महोत्सव पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि करमा महोत्सव प्रकृति का पर्व है, जिस प्रकृति से आदिवासी समाज पहले से जुड़ा है और प्रकृति को बचाकर रखने का काम कर रही है. आज प्रकृति की रक्षा के लिए सरकार लाखों करोड़ों खर्च करके जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन आदिवासी लोग हमेशा से प्रकृति की रक्षा करते आए हैं. आदिवासियों का जीवन-यापन ही प्रकृति से जुड़ा हुआ है. उन्होंने करमा महोत्सव के माध्यम से लोगों को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश भी दिए.

रांची: प्रकृति पर्व करमा को लेकर रांची के विभिन्न कॉलेजों, स्कूलों और सामाजिक संगठनों के द्वारा एक सप्ताह तक तरह-तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इसी क्रम में रविवार को संत जेवियर कॉलेज में करमा महोत्सव प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिरकत की.

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करमा महोत्सव प्रतियोगिता के माध्यम से आदिवासी संस्कृति के रीति-रिवाज, वेशभूषा और रहन-सहन की छटा देखने को मिला. इस प्रतियोगिता में विभिन्न प्रतिभागी टीमों ने हिस्सा लिया. प्रतिभागियों की ओर से विभिन्न आदिवासी संगीत और नृत्य से लोगों को खूब झूमाया, लोग मांदर की थाप पर झूमने पर मजबूर हो गए. संत जेवियर कॉलेज में होने वाले इस करमा महोत्सव प्रतियोगिता में नृत्य-संगीत के माध्यम से झारखंड के हरियाली, नदी-नाला, पहाड़-पर्वत को दर्शाने की कोशिश की गई थी.

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कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों को करमा महोत्सव पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि करमा महोत्सव प्रकृति का पर्व है, जिस प्रकृति से आदिवासी समाज पहले से जुड़ा है और प्रकृति को बचाकर रखने का काम कर रही है. आज प्रकृति की रक्षा के लिए सरकार लाखों करोड़ों खर्च करके जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन आदिवासी लोग हमेशा से प्रकृति की रक्षा करते आए हैं. आदिवासियों का जीवन-यापन ही प्रकृति से जुड़ा हुआ है. उन्होंने करमा महोत्सव के माध्यम से लोगों को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश भी दिए.

Intro:रांची
बाइट--- हेमंत सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री

प्राकृतिक का पर्व करमा पूजा को लेकर राजधानी रांची के विभिन्न कॉलेज स्कूलों और सामाजिक संगठनों के द्वारा 1 सप्ताह तक तरह तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं इसी क्रम में रांची के सन्त जेवियर कॉलेज में करमा महोत्सव प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता में विभिन्न प्रतिभागियों टीम के द्वारा हिस्सा लिया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिरकत की और साथ ही उन्होंने करमा महोत्सव और कर्मा पूजा को लेकर लोगों को संदेश भी दिए।


Body:करमा महोत्सव प्रतियोगिता के माध्यम से आदिवासी संस्कृति रीति रिवाज वेशभूषा रहन-सहन का छटा देखने को मिला प्रतिभागियों के द्वारा विभिन्न आदिवासी संगीत और नृत्य के माध्यम से लोगों को रिझाया गया लोग मांदर की थाप में झूमने पर मजबूर हो गए सन जेवियर कॉलेज में होने वाले इस करमा महोत्सव प्रतियोगिता में नृत्य संगीत के माध्यम से झारखंड के हरियाली नदी नाला पहाड़ पर्वत को दर्शाने का कोशिश किया गया बताया गया कि करमा महोत्सव प्राकृतिक पूजा है और आदिवासियों का जोड़ा हमेशा से ही प्रकृति के साथ रहा है


Conclusion:कार्यक्रम में उपस्थित हेमंत सोरेन ने करमा महोत्सव को लेकर लोगों को बधाई दी उन्होंने कहा कि करमा महोत्सव प्राकृतिक का पर्व है जिस प्रकृति से लोग पहले से जुड़ा है और जिन को बचाकर रखने का काम किया गया उसके लिए आज लाखों करोड़ों रुपए खर्च करके जागरूकता चलाया जा रहा है आदिवासियों का जीवन यापन प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ है उन्होंने करमा महोत्सव के माध्यम से वासियों को प्राकृतिक बचाओ का संदेश भी दिए
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