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सड़क हादसे में घायल की मदद करने वालों से बगैर इजाजत नहीं हो सकती पूछताछ, जबरन करने वाले पुलिसकर्मी पर होगी कार्रवाई

रांची में जुवेनाइल जस्टिस ट्रैफिक रूल्स और सोशल सिक्योरिटी स्कीम के प्रति जागरूकता अभियान चलाया गया. जिसमें बताया गया कि सड़क दुर्घटना में घायल की मदद करने वाले व्यक्ति पर उसके मर्जी के बगैर पुलिसिया पूछताछ नहीं की जा सकती है.

जुवेनाइल जस्टिस नियम ट्रैफिक रूल्स
Juvenile Justice Traffic Rules awareness campaign
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Published : Feb 13, 2020, 1:02 PM IST

रांची: जुवेनाइल जस्टिस ट्रैफिक रूल्स और सोशल सिक्योरिटी स्कीम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए डालसा की ओर से जागरूकता अभियान चलाया गया.

देखें पूरी खबर

घायल व्यक्ति की मदद

इस दौरान बताया गया कि सड़क दुर्घटना में अगर कोई घायल हो जाता है तो उस शख्स की मदद करने वाले व्यक्ति को पुलिसिया कार्रवाई से डरने की जरुरत नहीं है. घायल व्यक्ति की मदद करने पर पुलिस सहायता करने वालों से किसी तरह की पूछताछ नहीं करेगी. अगर कोई पुलिस कर्मी ऐसा करता है तो उस पुलिसकर्मी पर धारा 166 बी के तहत कार्रवाई की जा सकती है.

ये भी पढ़ें-एनोस एक्का की आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई पूरी, 25 फरवरी को आएगा फैसला

पुलिसिया कार्रवाई

अक्सर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को देखकर लोग उसकी मदद करने में संकोच करते हैं. लोगों को लगता है कि मदद करने से पुलिसिया कार्रवाई में उन्हें परेशानी हो सकती है, लेकिन कानून कहता है कि अगर आप किसी घायल की मदद करते हैं तो आपकी मर्जी के बगैर पुलिस आपसे कोई सवाल नहीं कर सकती है. अगर वह आपसे सवाल पूछती है तो पुलिस पर मुकदमा का प्रावधान है.

अस्पताल पर भी है कार्रवाई का प्रावधान

ट्रैफिक एसपी ने बताया कि अगर कोई सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को लेकर अस्पताल में पहुंचता है तो उसका प्राथमिक उपचार करना उसकी जवाबदेही होगी. ऐसा न करने पर अस्पताल पर भी कार्रवाई का प्रावधान है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने बताया कि इस कार्यक्रम में जुवेनाइल जस्टिस नियम से भी लोगों को अवगत कराया गया.

रांची: जुवेनाइल जस्टिस ट्रैफिक रूल्स और सोशल सिक्योरिटी स्कीम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए डालसा की ओर से जागरूकता अभियान चलाया गया.

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घायल व्यक्ति की मदद

इस दौरान बताया गया कि सड़क दुर्घटना में अगर कोई घायल हो जाता है तो उस शख्स की मदद करने वाले व्यक्ति को पुलिसिया कार्रवाई से डरने की जरुरत नहीं है. घायल व्यक्ति की मदद करने पर पुलिस सहायता करने वालों से किसी तरह की पूछताछ नहीं करेगी. अगर कोई पुलिस कर्मी ऐसा करता है तो उस पुलिसकर्मी पर धारा 166 बी के तहत कार्रवाई की जा सकती है.

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पुलिसिया कार्रवाई

अक्सर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को देखकर लोग उसकी मदद करने में संकोच करते हैं. लोगों को लगता है कि मदद करने से पुलिसिया कार्रवाई में उन्हें परेशानी हो सकती है, लेकिन कानून कहता है कि अगर आप किसी घायल की मदद करते हैं तो आपकी मर्जी के बगैर पुलिस आपसे कोई सवाल नहीं कर सकती है. अगर वह आपसे सवाल पूछती है तो पुलिस पर मुकदमा का प्रावधान है.

अस्पताल पर भी है कार्रवाई का प्रावधान

ट्रैफिक एसपी ने बताया कि अगर कोई सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को लेकर अस्पताल में पहुंचता है तो उसका प्राथमिक उपचार करना उसकी जवाबदेही होगी. ऐसा न करने पर अस्पताल पर भी कार्रवाई का प्रावधान है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने बताया कि इस कार्यक्रम में जुवेनाइल जस्टिस नियम से भी लोगों को अवगत कराया गया.

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