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सिविल कोर्ट में 44 दिन बाद न्यायिक काम प्रारंभ, जमानत की 17 याचिकाओं पर हुई सुनवाई

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण पिछले 44 दिन से बंद न्यायिक काम को रांची में शुक्रवार से शुरू हो गया. पहले दिन 260 से अधिक याचिकाएं और आवेदन ड्रॉप बॉक्स में डाले गये. इसमें से जमानत, अग्रिम जमानत और इससे जुड़ी 140 याचिकाएं, सर्टिफाइड कॉपी के 120 आवेदन शामिल हैं.

Work started in court after 44 days
44 दिन बाद कोर्ट में काम शुरू
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Published : Jun 4, 2021, 10:30 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण पिछले 44 दिन से बंद न्यायिक काम शुक्रवार को वकीलों ने शुरू कर दिया. काम शुरू होने से सिविल कोर्ट परिसर में चहल-पहल बढ़ गयी. काम के पहले दिन 260 से अधिक याचिकाएं एवं आवेदन ड्रॉप बॉक्स में डाले गये. इसमें से जमानत, अग्रिम जमानत और इससे जुड़ी 140 याचिकाओं और सर्टिफाइड कॉपी के 120 आवेदन शामिल हैं. शुक्रवार को सैंकड़ों याचिकाओं में वर्चुअल सुनवाई हुई. न्यायायुक्त की अदालत में जमानत एवं अग्रिम जमानत से जुड़ी 17 याचिकाओं पर सुनवाई हुई.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमण कम होते ही सचिवालय में लौटी रौनक, सीएम ने मीटिंग कर जताई खुशी

बार एसोसिएशन को फायदा

अधिवक्ता पीयूष कुमार मिश्रा ने सिविल कोर्ट के ई-सेवा केंद्र से याचिकाओं की सुनवाई की, जबकि अधिकांश अधिवक्ताओं ने अपने आवासीय कार्यालय से अपने मामले में पक्ष रखा. उधर नोटरी पब्लिक में लंबित शपथपत्र बनाने के कार्य को किया गया. शपथपत्र न बनने के कारण बार एसोसिएशन की आमदनी रूकी हुई थी जो शपथपत्र बनाने के साथ शुरू हो गई है.

कोरोना संक्रमण के कारण बंद हुआ था काम
बता दें कि सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अपने आप को न्यायिक कार्य से दूर रखा था. 44 दिनों बाद जिला बार एसोसिएशन के निर्णय के बाद अधिवक्ता न्यायिक कार्य में शामिल हुए. वकीलों के न्यायिक कार्य नहीं करने के कारण जेल में बंद लगभग 145 आरोपियों की याचिकाओं पर सुनवाई लंबित चल रही थी, जिसकी सुनवाई आज से प्रारंभ हो गयी है.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण पिछले 44 दिन से बंद न्यायिक काम शुक्रवार को वकीलों ने शुरू कर दिया. काम शुरू होने से सिविल कोर्ट परिसर में चहल-पहल बढ़ गयी. काम के पहले दिन 260 से अधिक याचिकाएं एवं आवेदन ड्रॉप बॉक्स में डाले गये. इसमें से जमानत, अग्रिम जमानत और इससे जुड़ी 140 याचिकाओं और सर्टिफाइड कॉपी के 120 आवेदन शामिल हैं. शुक्रवार को सैंकड़ों याचिकाओं में वर्चुअल सुनवाई हुई. न्यायायुक्त की अदालत में जमानत एवं अग्रिम जमानत से जुड़ी 17 याचिकाओं पर सुनवाई हुई.

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बार एसोसिएशन को फायदा

अधिवक्ता पीयूष कुमार मिश्रा ने सिविल कोर्ट के ई-सेवा केंद्र से याचिकाओं की सुनवाई की, जबकि अधिकांश अधिवक्ताओं ने अपने आवासीय कार्यालय से अपने मामले में पक्ष रखा. उधर नोटरी पब्लिक में लंबित शपथपत्र बनाने के कार्य को किया गया. शपथपत्र न बनने के कारण बार एसोसिएशन की आमदनी रूकी हुई थी जो शपथपत्र बनाने के साथ शुरू हो गई है.

कोरोना संक्रमण के कारण बंद हुआ था काम
बता दें कि सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अपने आप को न्यायिक कार्य से दूर रखा था. 44 दिनों बाद जिला बार एसोसिएशन के निर्णय के बाद अधिवक्ता न्यायिक कार्य में शामिल हुए. वकीलों के न्यायिक कार्य नहीं करने के कारण जेल में बंद लगभग 145 आरोपियों की याचिकाओं पर सुनवाई लंबित चल रही थी, जिसकी सुनवाई आज से प्रारंभ हो गयी है.

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