रांची: जेपीएससी थर्ड बैच के पदाधिकारियों की बेसिक ग्रेड से जूनियर सिलेक्शन ग्रेड में प्रोन्नति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार के अधिवक्ता से यह जानना चाहा कि अब तक प्रोन्नति क्यों नहीं दी गई है. जिस पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब पेश नहीं किया जा सका. इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और सरकार को अंतिम मौका देते हुए अपना स्टैंड क्लीयर करने का आदेश दिया. अदालत ने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार अपना स्टैंड क्लीयर नहीं कर पाती है तो अदालत इस मसले पर अपना आदेश पारित करेगी. मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस मामले में प्रोन्नति की सिफारिश तो कर दी गई है, लेकिन अधिसूचना जारी नहीं की गई है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने मांग की कि सरकार को शीघ्र अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया जाए.
इस जानकारी पर अदालत भी हैरान
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकार की ओर से एक पत्र जारी कर सभी प्रकार की प्रोन्नति पर रोक भी लगाई गई है. यह गलत है. विभाग को अधिसूचना जारी कर देनी चाहिए. अधिवक्ता ने पूछा कि जब एसडीओ से एडिशनल कलेक्टर के पद पर प्रोन्नति की अधिसूचना जारी कर दी गई है तो इस पद के लिए प्रोन्नति की अधिसूचना जारी क्यों नहीं की जा सकती है.
अदालत ने याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद राज्य सरकार के अधिवक्ता से यह जानना चाहा कि क्यों नहीं अभी तक प्रोन्नति दी गई है. इस पर सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब पेश नहीं किया जा सका. अदालत ने कहा कि कुछ लोगों को प्रोन्नति दी जाती है, कुछ लोगों की प्रोन्नति पर रोक लगा दी जाती है. यह कैसी व्यवस्था है.
यह मामला भी पहुंचा था अदालत
इससे पहले एसडीओ से एडिशनल कलेक्टर के पद पर प्रोन्नति नहीं दिए जाने और जानबूझकर टालमटोल किए जाने के बाद प्रोन्नति की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सरकार के रवैये पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव को हाई कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था. उसके बाद राज्य सरकार की ओर से प्रोन्नति की अधिसूचना जारी की गई थी.
यह है पूरा मामला
बता दें कि राज किशोर प्रसाद सहित अन्य 19 की ओर से याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ताओं ने याचिका के माध्यम से अदालत से प्रोन्नति की गुहार लगाई है. उन्होंने उच्च न्यायालय को बताया था कि प्रोन्नति की सिफारिश तो कर दी गई है, लेकिन अधिसूचना जारी नहीं की जा रही है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई. अब देखना अहम होगा कि 16 नवंबर से पूर्व राज्य सरकार अधिसूचना जारी करती है या अदालत में कोई जवाब पेश करती है.