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JPSC PT Result: रिजल्ट से खफा अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, सिविल सेवा परीक्षा रद्द करने की मांग उठी - JPSC PT Result controversy

जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2021 के परिणाम यानी JPSC PT 2021 Result ने एक बार फिर JPSC को विवाद में ला दिया है. इस परिणाम के विरोध में छात्र सड़क पर उतर आए हैं. बुधवार को मोरहाबादी बापू वाटिका के पास छात्रों ने प्रदर्शन किया. वहीं विपक्षी दल भाजपा ने इसके लिए राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं.

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जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2021
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Published : Nov 3, 2021, 8:18 PM IST

रांची: जेपीएससी फिर विवादों में घिर गया है. JPSC प्रारंभिक परीक्षा 2021 के Result यानी JPSC PT 2021 Result में सीरियल नंबर से अभ्यर्थियों का पास होना दूसरे अभ्यर्थियों के गले नहीं उतर रहा है. आयोग की ओर से सितंबर में आयोजित 7वीं से 10वीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा का परिणाम हाल ही में जारी किया गया है, लेकिन साहिबगंज के एक परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों के सीरियल नंबर से पास होने से अभ्यर्थी रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं. इसको लेकर अभ्यर्थियों ने रांची में प्रदर्शन किया और परीक्षा को रद्द करने की मांग की. वहीं इस पर राजनीति शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें-JPSC में सीएम के गृह जिले साहिबगंज के अभ्यर्थी सीरियल से हुए पास, केंद्र भी साहिबगंज में होने से गड़बड़ी की आशंका को हवा

दरअसल, पुराना साहिबगंज के उत्क्रमित उच्च विद्यालय को JPSC प्रारंभिक परीक्षा 2021 के लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया था. यह परीक्षा केंद्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिले साहिबगंज में है. अभ्यर्थियों का कहना है सीरियल नंबर से लगभग 33 विद्यार्थियों का चयन हुआ है और क्रम से पास होने वाले अभ्यर्थियों में बड़ी संख्या में साहिबगंज के ही हैं. इनमें से 15 तो पुराना साहिबगंज के उत्क्रमित उच्च विद्यालय के एक कमरे से ही हैं. इससे JPSC प्रारंभिक परीक्षा 2021 के परिणाम पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. मंगलवार को अभ्यर्थियों सहित कई छात्र संगठनों ने व्हाट्सएप पर इनके रोल नंबर भी वायरल किए. इसके अलावा ट्वीट करके परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. इसकी जांच कराने और रद्द करने की मांग की.

देखें पूरी खबर
जेपीएससी को भंग करने की मांग
इससे नाराज परीक्षार्थियों ने मोरहाबादी बापू वाटिका के समक्ष बुधवार को राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.नाराज अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. छात्र नेता मनोज कुमार के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे छात्रों ने जेपीएससी की कार्यशैली पर सवाल उठाए और सरकार से जेपीएससी भंग करने की मांग की. अभ्यर्थियों ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा यूपीएससी से कराई जाए.

परीक्षार्थी भरत तिवारी के अनुसार वे जेपीएससी का रिजल्ट देखकर काफी मायूस हैं. ऐसा हो नहीं सकता कि एक-दो रूम में बैठे सभी परीक्षार्थी मेरिटोरियस निकल जाएं. वहीं एक अन्य परीक्षार्थी संजीत कुमार ने इसकी जांच की मांग करते हुए जेपीएससी रिजल्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की आशंका जताई.

जानिए क्या है विवाद की वजह

दरअसल जेपीएससी की ओर से सातवीं (2017), आठवीं (2018), नौवीं (2019) और 10वीं (2020) की प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर 2021 को राज्य के 1102 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. सोमवार यानी 1 नवंबर को जेपीएससी की ओर से इसका रिजल्ट जारी किया गया. इसमें एक ही सीरिज के कुल 33 विद्यार्थियों का चयन हुआ था.

छात्र संगठनों का कहना है कि सीरियल वाले रोल नंबर के चयन से ऐसा प्रतीत होता है कि एक ही केंद्र के सभी अभ्यर्थियों का चयन हो गया है. प्रकाशित रिजल्ट में कुछ रोल नंबर विभिन्न कैटेगरी से हैं, यानी कुछ रोल नंबर अनारक्षित कोटे के अभ्यर्थियों के हैं तो कुछ रोल नंबर आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के हैं. छात्रों ने कुछ रोल नंबर जारी करते हुए कहा कि इनका चयन समझ से परे है.

छात्र इन रोल नंबर वाले अभ्यर्थियों के चयन पर उठा रहे सवाल

पहली सूची में शामिल 52342865, 52342866, 52342867, 52342868, 52342869, 52342870, 52342871, 52342874, 52342876, 52342878, 52342879, 52342880, 52342881, 52342883, 52342884, 52342885, 52342886 और दूसरी सूची में शामिल 52236887, 52236888, 52236889, 52236890, 52236891, 52236892, 52236893, 52236894, 52236895, 52236896, 52236897, 52236898, 52236899, 52236900, 52236901, 52236902 अभ्यर्थियों के चयन पर छात्रों ने सवाल उठाए हैं.

ये भी पढ़ें-80 करोड़ के घोटाले में असम के संगठन ने पीएम को लिखा पत्र


अब तो हद हो गईः सीपी सिंह

इधर जेपीएससी की ओर से जारी रिजल्ट के प्रकाशन के बाद से राजनीति शुरू हो गई है. एक तरफ तो छात्र सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं दूसरी तरफ विपक्षी दलों के नेता राज्य सरकार पर हमलावर हैं. पूर्व स्पीकर और भाजपा विधायक सीपी सिंह ने जेपीएससी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि आयोग हमेशा विवादों में रहा है और इस बार तो हद हो गई. एक- दो कमरे में परीक्षा देने वाले कई छात्र सफल हो गए.

इधर कांग्रेस ने बीजेपी द्वारा जेपीएससी पर उठाए जा रहे सवाल पर बचाव करते हुए कहा कि भाजपा के शासन में जेपीएससी का क्या हाल था वो जगजाहिर है.कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि वर्तमान सरकार में जेपीएससी द्वारा परीक्षा होने लगी है और उसका रिजल्ट भी आना शुरू हो गया है जो भी खामियां जांच में मिलेंगे, उसे सरकार और जेपीएससी दूर करेगा.

रांची: जेपीएससी फिर विवादों में घिर गया है. JPSC प्रारंभिक परीक्षा 2021 के Result यानी JPSC PT 2021 Result में सीरियल नंबर से अभ्यर्थियों का पास होना दूसरे अभ्यर्थियों के गले नहीं उतर रहा है. आयोग की ओर से सितंबर में आयोजित 7वीं से 10वीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा का परिणाम हाल ही में जारी किया गया है, लेकिन साहिबगंज के एक परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों के सीरियल नंबर से पास होने से अभ्यर्थी रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं. इसको लेकर अभ्यर्थियों ने रांची में प्रदर्शन किया और परीक्षा को रद्द करने की मांग की. वहीं इस पर राजनीति शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें-JPSC में सीएम के गृह जिले साहिबगंज के अभ्यर्थी सीरियल से हुए पास, केंद्र भी साहिबगंज में होने से गड़बड़ी की आशंका को हवा

दरअसल, पुराना साहिबगंज के उत्क्रमित उच्च विद्यालय को JPSC प्रारंभिक परीक्षा 2021 के लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया था. यह परीक्षा केंद्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिले साहिबगंज में है. अभ्यर्थियों का कहना है सीरियल नंबर से लगभग 33 विद्यार्थियों का चयन हुआ है और क्रम से पास होने वाले अभ्यर्थियों में बड़ी संख्या में साहिबगंज के ही हैं. इनमें से 15 तो पुराना साहिबगंज के उत्क्रमित उच्च विद्यालय के एक कमरे से ही हैं. इससे JPSC प्रारंभिक परीक्षा 2021 के परिणाम पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. मंगलवार को अभ्यर्थियों सहित कई छात्र संगठनों ने व्हाट्सएप पर इनके रोल नंबर भी वायरल किए. इसके अलावा ट्वीट करके परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. इसकी जांच कराने और रद्द करने की मांग की.

देखें पूरी खबर
जेपीएससी को भंग करने की मांग
इससे नाराज परीक्षार्थियों ने मोरहाबादी बापू वाटिका के समक्ष बुधवार को राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.नाराज अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. छात्र नेता मनोज कुमार के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे छात्रों ने जेपीएससी की कार्यशैली पर सवाल उठाए और सरकार से जेपीएससी भंग करने की मांग की. अभ्यर्थियों ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा यूपीएससी से कराई जाए.

परीक्षार्थी भरत तिवारी के अनुसार वे जेपीएससी का रिजल्ट देखकर काफी मायूस हैं. ऐसा हो नहीं सकता कि एक-दो रूम में बैठे सभी परीक्षार्थी मेरिटोरियस निकल जाएं. वहीं एक अन्य परीक्षार्थी संजीत कुमार ने इसकी जांच की मांग करते हुए जेपीएससी रिजल्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की आशंका जताई.

जानिए क्या है विवाद की वजह

दरअसल जेपीएससी की ओर से सातवीं (2017), आठवीं (2018), नौवीं (2019) और 10वीं (2020) की प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर 2021 को राज्य के 1102 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. सोमवार यानी 1 नवंबर को जेपीएससी की ओर से इसका रिजल्ट जारी किया गया. इसमें एक ही सीरिज के कुल 33 विद्यार्थियों का चयन हुआ था.

छात्र संगठनों का कहना है कि सीरियल वाले रोल नंबर के चयन से ऐसा प्रतीत होता है कि एक ही केंद्र के सभी अभ्यर्थियों का चयन हो गया है. प्रकाशित रिजल्ट में कुछ रोल नंबर विभिन्न कैटेगरी से हैं, यानी कुछ रोल नंबर अनारक्षित कोटे के अभ्यर्थियों के हैं तो कुछ रोल नंबर आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के हैं. छात्रों ने कुछ रोल नंबर जारी करते हुए कहा कि इनका चयन समझ से परे है.

छात्र इन रोल नंबर वाले अभ्यर्थियों के चयन पर उठा रहे सवाल

पहली सूची में शामिल 52342865, 52342866, 52342867, 52342868, 52342869, 52342870, 52342871, 52342874, 52342876, 52342878, 52342879, 52342880, 52342881, 52342883, 52342884, 52342885, 52342886 और दूसरी सूची में शामिल 52236887, 52236888, 52236889, 52236890, 52236891, 52236892, 52236893, 52236894, 52236895, 52236896, 52236897, 52236898, 52236899, 52236900, 52236901, 52236902 अभ्यर्थियों के चयन पर छात्रों ने सवाल उठाए हैं.

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अब तो हद हो गईः सीपी सिंह

इधर जेपीएससी की ओर से जारी रिजल्ट के प्रकाशन के बाद से राजनीति शुरू हो गई है. एक तरफ तो छात्र सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं दूसरी तरफ विपक्षी दलों के नेता राज्य सरकार पर हमलावर हैं. पूर्व स्पीकर और भाजपा विधायक सीपी सिंह ने जेपीएससी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि आयोग हमेशा विवादों में रहा है और इस बार तो हद हो गई. एक- दो कमरे में परीक्षा देने वाले कई छात्र सफल हो गए.

इधर कांग्रेस ने बीजेपी द्वारा जेपीएससी पर उठाए जा रहे सवाल पर बचाव करते हुए कहा कि भाजपा के शासन में जेपीएससी का क्या हाल था वो जगजाहिर है.कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि वर्तमान सरकार में जेपीएससी द्वारा परीक्षा होने लगी है और उसका रिजल्ट भी आना शुरू हो गया है जो भी खामियां जांच में मिलेंगे, उसे सरकार और जेपीएससी दूर करेगा.

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