रांची: केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन का झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विरोध किया है. पार्टी ने साफ तौर पर केंद्र का यह फैसला किसान, मजदूर और आमजन विरोधी बताया है. पार्टी ने कहा कि साथ में यह एक तरह से मुनाफाखोरों और और जमाखोरों के लिए सुरक्षा कवच के रूप में काम करेगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को कहा कि केंद्र के इस निर्णय से लूट की छूट का संवैधानिक अधिकार मिलेगा. उन्होंने कहा कि जीवन यापन के लिए भोजन की चीजों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर कर दिया जाए तो स्पष्ट रूप से इन वस्तुओं पर बड़े पूंजीपति घरानों के रिटेल आउटलेट को मजबूत करना होगा. साथ ही अब पूंजीपति वर्ग आवश्यक या जीने के लिए जरूरी भोजन के दाम तय करेंगे.
ये भी पढ़ें: पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना, कहा- पीएम पद के लायक नहीं मोदी
भट्टाचार्य ने कहा कि एक तरफ किसानों से उनकी उपज खरीद ली जाएगी. वहीं, दूसरी तरफ उन वस्तुओं के भंडारण की सुविधा पूंजीपतियों के अधिकार में होगी. भट्टाचार्य ने कहा कि किसी भी तरह की प्राकृतिक विपदा में मुनाफाखोरों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के संक्रमण काल में जब देश की आधी से अधिक आबादी भोजन के लिए तरस रही है. ऐसे में केंद्र सरकार का यह फैसला सवालों के घेरे में आता है. दरअसल, केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी देते हुए अनाज, तेल, प्याज को आवश्यक वस्तु अधिनियम से अलग कर दिया है.