रांची: जेएमएम केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक वीडियो जारी कर केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण कोरोना टीकाकरण काफी धीमी गति से हो रही है, इस संकट काल में बीजेपी झूठ बोलना बंद करें, भ्रम ना फैलाएं.
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सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि साल 2021-22 के वित्तीय बजट में भारत सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, 116 करोड़ लोगों को बजट में वैक्सीनेशन का प्रावधान है, बजट की बात छोड़ दें, तो बीच में ही उस बजट की पिछले साल 20 लाख करोड़ का एक पैकेज आया था, वह फंड कहां गया, किसी को पता नहीं है, वित्त मंत्री भ्रम पैदा करना चाहते हैं, उसमें स्वास्थ विभाग भी साथ दे रहा है, स्वास्थ्य महकमा और स्वास्थ्य मंत्री रोज नई-नई उपचार बताते रहते हैं, कभी यह भी सलाह देते हैं कि डार्क चॉकलेट खाइए, तो कोरोना समाप्त हो जाएगा, इस तरह के भ्रम से लोग परेशान हैं.
केंद्र सरकार से टीकाकरण को लेकर मांगा जवाब
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि प्रदेश बीजेपी के नेता जिस तरह सोशल मीडिया, अखबारों और टीवी के के माध्यम से भ्रम फैला रहे हैं, वह अब बंद होना चाहिए, इस राज्य में लगभग 50 सेंटर टीकाकरण का चल रहा है, जहां पर्याप्त डोज नहीं है, राज्य में नौजवानों के लिए तीन करोड़ डोज चाहिए, लेकिन अब तक 31 लाख 5000 डोज ही मिला है, आने वाले समय में और दो लाख मिलेगा, इस रफ्तार से टीकाकरण चलेगा तो किस दिशा में महामारी जा रही है केंद्र को जबाब देना चाहिए.
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भारत सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण बढ़ी परेशानी
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि भारत सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण राज्य भर में परेशानी बढ़ी है, राज्यों को बाध्य कर दिया है कि वह अपने पैसे से वैक्सीनेशन करें, जिससे राज्य सरकार स्वास्थ विभाग पर लगभग 30% भार अधिक पड़ेगा, यह संकट जनक स्थिति है, इससे कैसे उभरे इसके लिए कोई समाधान नहीं है, केंद्र सरकार को इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है.
झारखंड को मिला 30,000 रेमडेसिविर
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि जो मतदाता सूची है, उसमें बजटीय प्रावधान 116 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन का है, इसमें किस राज्य को कितना वैक्सीन मिल रहा है, उसका रूटीन क्या है कब-कब उनको वैक्सीन मिला है, कितना मिला है, राज्य सरकारों से वैक्सीन के बदले पैसा लिया जा रहा है और समय पर सप्लाई भी नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ जरूरी दवाई को लेकर भी भ्रम फैलाया जा रहा है, 10 लाख 6000 डोज रेमडेसिविर मिलने वाला था, लेकिन 30,000 ही इस दवाई का डोज मिला है, इस बात का जवाब केंद्र सरकार को देना पड़ेगा.