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नेता की परेशानी बढ़ी तो झामुमो को याद आयी संघर्ष की राहः ढाई साल में महंगाई जैसे जनसरोकार के मुद्दे पर रही खामोश

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Published : May 16, 2022, 10:45 AM IST

Updated : May 16, 2022, 11:02 AM IST

सीएम हेमंत सोरेन पर ऑफिस पर प्रॉफिट का आरोप पर जेएमएम का धरना प्रदर्शन देखने को मिला. झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस प्रदर्शन को लेकर विपक्ष ने तंज कसा है.

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झारखंड मुक्ति मोर्चा

रांचीः पिछले कई दिनों से झारखंड की सड़कों पर तीर धनुष वाला हरा झंडा के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर नारेबाजी करते दिखने लगे हैं. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप और इसको लेकर खान विभाग की सचिव को केंद्र में रखकर हुई ईडी की कार्रवाई का विरोध जताया जा रहा है. इसके लिए जेएमएम का धरना प्रदर्शन प्रदेशभर में चल रहा है.

इसे भी पढ़ें- प्रदेश भर में जेएमएम कार्यकर्ताओं का आक्रोश मार्च, केंद्र सरकार का फूंका पुतला


जब पार्टी के नेतृत्व और खास कर सोरेन परिवार के कई सदस्यों पर शिकंजा कसता जा रहा है, दवाब बढ़ता जा रहा है जब जेएमएम के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संघर्ष की राह दिखाई दी है. लेकिन चरम पर पहुंची महंगाई, पेट्रोल डीजल से लेकर रसोई गैस की आसमान छूती कीमत ने भी सत्तासुख में लीन पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता की आवाज बनने के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर नहीं कर पाया था. महंगाई जैसे मुद्दे पर भी पीछे 29-30 महीने में शायद ही जेएमएम में कोई धारदार प्रदर्शन या केंद्र सरकार का पुतला दहन तक किया हो.

देखें पूरी खबर
अगर सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दलों की एक्टिविटी का विश्लेषण करें तो सिर्फ कांग्रेस ही ऐसी पार्टी रही जो झारखंड में सत्ता में शामिल रहने के बावजूद महंगाई से लेकर किसान आंदोलन या अन्य जनसरोकार के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रही. जागरूकता अभियान से लेकर राजभवन पर धरना प्रदर्शन में भाग लेकर बड़े नेताओं ने यह बताने की कोशिश की कि कांग्रेस के लिए महंगाई बड़ा मुद्दा है. लेकिन हैरत की बात यह कि जनसरोकार के मुद्दे पर झामुमो ने मौन रहना ही उचित समझा.

जेएमएम के कार्यकर्ता जनसरोकार के मुद्दे पर भी वर्ष 2022 में एक बार भी सड़क पर नहीं उतरे हैं. ऐसे में अब जब पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरे हैं. जिससे भाजपा को यह मौका मिल गया है कि वह तंज कसें. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा कि झामुमो को जनता से कोई मतलब नहीं है. जब उनके नेता गंभीर आरोपों के घेरे में हैं तो जेएमएम के नेता कार्यकर्ता भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए सड़क पर हैं. भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा के घर का घेराव करने वाले झामुमो कार्यकर्ता अगर आईएएस पूजा सिंघल का आवास घेरती तो राज्य की जनता समझती कि जेएमएम भ्रष्टाचार के खिलाफ है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने गठबंधन धर्म निभाते हुए कहा कि सभी दल अपने अपने स्तर पर जनसरोकार के मुद्दे पर कार्यक्रम तय करते हैं. झामुमो ने भी कार्यक्रम किए हैं पर यह सही है कि महंगाई सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने आए हैं. ऐसे में इसके खिलाफ आंदोलन सभी को करना ही होगा. भाजपा के आरोप पर राजेश ठाकुर ने कहा कि जब भाजपा के नेता कार्यकर्ता अपने ही बुने जाल में फंस रहे हैं तो फिर ऐसा अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं जेएमएम नेता हेमलाल महतो ने कहा कि ऐसा नहीं है कि राज्य में झामुमो ने आंदोलन जनसरोकार के मुद्दे पर आंदोलन नहीं किया है पर इन दिनों आक्रामकता ज्यादा है क्योंकि ईडी और अन्य संस्थाओं का दुरुपयोग उनके नेता के खिलाफ किया जा रहा है.

रांचीः पिछले कई दिनों से झारखंड की सड़कों पर तीर धनुष वाला हरा झंडा के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर नारेबाजी करते दिखने लगे हैं. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप और इसको लेकर खान विभाग की सचिव को केंद्र में रखकर हुई ईडी की कार्रवाई का विरोध जताया जा रहा है. इसके लिए जेएमएम का धरना प्रदर्शन प्रदेशभर में चल रहा है.

इसे भी पढ़ें- प्रदेश भर में जेएमएम कार्यकर्ताओं का आक्रोश मार्च, केंद्र सरकार का फूंका पुतला


जब पार्टी के नेतृत्व और खास कर सोरेन परिवार के कई सदस्यों पर शिकंजा कसता जा रहा है, दवाब बढ़ता जा रहा है जब जेएमएम के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संघर्ष की राह दिखाई दी है. लेकिन चरम पर पहुंची महंगाई, पेट्रोल डीजल से लेकर रसोई गैस की आसमान छूती कीमत ने भी सत्तासुख में लीन पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता की आवाज बनने के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर नहीं कर पाया था. महंगाई जैसे मुद्दे पर भी पीछे 29-30 महीने में शायद ही जेएमएम में कोई धारदार प्रदर्शन या केंद्र सरकार का पुतला दहन तक किया हो.

देखें पूरी खबर
अगर सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दलों की एक्टिविटी का विश्लेषण करें तो सिर्फ कांग्रेस ही ऐसी पार्टी रही जो झारखंड में सत्ता में शामिल रहने के बावजूद महंगाई से लेकर किसान आंदोलन या अन्य जनसरोकार के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रही. जागरूकता अभियान से लेकर राजभवन पर धरना प्रदर्शन में भाग लेकर बड़े नेताओं ने यह बताने की कोशिश की कि कांग्रेस के लिए महंगाई बड़ा मुद्दा है. लेकिन हैरत की बात यह कि जनसरोकार के मुद्दे पर झामुमो ने मौन रहना ही उचित समझा.

जेएमएम के कार्यकर्ता जनसरोकार के मुद्दे पर भी वर्ष 2022 में एक बार भी सड़क पर नहीं उतरे हैं. ऐसे में अब जब पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरे हैं. जिससे भाजपा को यह मौका मिल गया है कि वह तंज कसें. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा कि झामुमो को जनता से कोई मतलब नहीं है. जब उनके नेता गंभीर आरोपों के घेरे में हैं तो जेएमएम के नेता कार्यकर्ता भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए सड़क पर हैं. भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा के घर का घेराव करने वाले झामुमो कार्यकर्ता अगर आईएएस पूजा सिंघल का आवास घेरती तो राज्य की जनता समझती कि जेएमएम भ्रष्टाचार के खिलाफ है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने गठबंधन धर्म निभाते हुए कहा कि सभी दल अपने अपने स्तर पर जनसरोकार के मुद्दे पर कार्यक्रम तय करते हैं. झामुमो ने भी कार्यक्रम किए हैं पर यह सही है कि महंगाई सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने आए हैं. ऐसे में इसके खिलाफ आंदोलन सभी को करना ही होगा. भाजपा के आरोप पर राजेश ठाकुर ने कहा कि जब भाजपा के नेता कार्यकर्ता अपने ही बुने जाल में फंस रहे हैं तो फिर ऐसा अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं जेएमएम नेता हेमलाल महतो ने कहा कि ऐसा नहीं है कि राज्य में झामुमो ने आंदोलन जनसरोकार के मुद्दे पर आंदोलन नहीं किया है पर इन दिनों आक्रामकता ज्यादा है क्योंकि ईडी और अन्य संस्थाओं का दुरुपयोग उनके नेता के खिलाफ किया जा रहा है.

Last Updated : May 16, 2022, 11:02 AM IST
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