रांची: देश की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जोहार कहा. रांची में संवाददाता सम्मेलन कर झामुमो ने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को बधाई दी. जेएमएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जनजातीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली राष्ट्रपति बनने पर बधाई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेएमएम नेता ने पार्टी की ओर से उन्हें झारखंडी जोहार कहा और उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति के रूप में वह निर्णायक फैसले लेंगी.
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जेएमएम के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने उम्मीद जताई कि 1996 में संसद से बनाए गए PESA कानून का पालन कराने, 2006 में बनाए गए वन अधिकार कानून को देश में अक्षरशः लागू कराने में द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगी. झामुमो नेता ने उम्मीद जताई कि प्रकृति के बेहद करीब रहने वाले आदिवासी समुदाय के लिए अलग सरना धर्म कोड जिसकी अनुशंसा झारखंड विधानसभा ने की है और केंद्र को भेजा है और इसके लिए झामुमो देश के गृहमंत्री से भी मिल चुके हैं. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर वह राष्ट्राध्यक्ष के रूप में PESA कानून के क्रियान्वयन,वन अधिकार कानून के पालन,सरना धर्म कोड को लागू कराने में भूमिका निभाएंगी, ताकि पूरे विश्व मे यह संदेश जाए कि एक जनजातीय समाज से सर्वोच्च पद पर आसीन हुई राष्ट्रपति ने जनआकांक्षा के अनुरूप फैसला लिया है.
झामुमो ने नई राष्ट्रपति को कहा जोहार! सरना धर्म कोड सहित तमाम मसलों पर निर्णायक फैसले लेने की जताई उम्मीद - विश्व आदिवासी दिवस
देश की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जोहार कहा. इसी के साथ सरना धर्म कोड सहित अन्य मसलों पर निर्णायक फैसले लेने की उम्मीद जताई.
रांची: देश की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जोहार कहा. रांची में संवाददाता सम्मेलन कर झामुमो ने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को बधाई दी. जेएमएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जनजातीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली राष्ट्रपति बनने पर बधाई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेएमएम नेता ने पार्टी की ओर से उन्हें झारखंडी जोहार कहा और उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति के रूप में वह निर्णायक फैसले लेंगी.
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जेएमएम के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने उम्मीद जताई कि 1996 में संसद से बनाए गए PESA कानून का पालन कराने, 2006 में बनाए गए वन अधिकार कानून को देश में अक्षरशः लागू कराने में द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगी. झामुमो नेता ने उम्मीद जताई कि प्रकृति के बेहद करीब रहने वाले आदिवासी समुदाय के लिए अलग सरना धर्म कोड जिसकी अनुशंसा झारखंड विधानसभा ने की है और केंद्र को भेजा है और इसके लिए झामुमो देश के गृहमंत्री से भी मिल चुके हैं. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर वह राष्ट्राध्यक्ष के रूप में PESA कानून के क्रियान्वयन,वन अधिकार कानून के पालन,सरना धर्म कोड को लागू कराने में भूमिका निभाएंगी, ताकि पूरे विश्व मे यह संदेश जाए कि एक जनजातीय समाज से सर्वोच्च पद पर आसीन हुई राष्ट्रपति ने जनआकांक्षा के अनुरूप फैसला लिया है.