रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम का दर्द एक बार फिर से विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन छलक उठा. झारखंड बजट सत्र के समापन पर लोबिन हेंब्रम मीडिया से रूबरू हुए और अपनी पीड़ा सार्वजनिक की.
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लोबिन हेंब्रम ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत से लेकर समापन तक मुझे पार्टी की ओर से बोलने नहीं दिया गया, इसका उन्हें दुःख है. उन्होंने कहा कि वह पार्टी के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन से बार-बार आग्रह करते रहें कि उन्हें भी पार्टी की ओर से किसी भी मुद्दे पर बोलने का मौका दिया जाए, हर बार सचेतक ने कहा कि मौका मिलेगा और अंत में कह दिया गया कि समय नहीं बचा है. लोबिन हेंब्रम ने कहा कि सही बात और पार्टी से ऊपर उठकर जनता की हितों की बात करना, पार्टी नेतृत्व को अच्छा नहीं लगता है. इसलिए बजट सत्र में उन्हें बोलने नहीं दिया गया.
जनता का सपना अधूराः झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि राज्य की जनता ने जिस विश्वास और हेमंत सोरेन के किए गए वादे पर भरोसा करके उन्हें सत्ता सौंपी थी लेकिन उनके साथ धोखा हुआ है. उन्होंने कहा कि अबकी बार हेमंत सरकार और हेमंत है तो हिम्मत है के नारों के साथ आई सरकार ने अपने एक भी चुनावी एजेंडे को धरातल पर नहीं उतार सकी.
लोबिन हेंब्रम ने कहा कि वह कुछ भी अलग से नहीं कहते हैं सिर्फ उन्हीं बातों को दोहराते हैं, जो वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के समय हेमंत सोरेन के चुनावी एजेंडे में शामिल थे. उन पर भरोसा करके राज्य की जनता ने उन्हें सत्ता सौंपी थी. लोबिन हेंब्रम ने कहा कि राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार ने सीएनटी, एसपीटी एक्ट को ताक पर रख दिया है. जल जंगल जमीन की लड़ाई समाप्त हो चुकी है और खनिज संपदा की लूट जारी है.
उन्होंने आगे कहा कि 1932 खतियान की बात करने वाले हेमंत सोरेन की सरकार अब 60:40 की बात कर रहे हैं और तो और बिना स्थानीय नीति को तय किए नियोजन नीति की बात कह रहे हैं, उन्हें जनता को यह बताना चाहिए कि जिस 60-40 की वह बात कर रहे हैं उसमें "60" कौन लोग हैं, क्या उसमें सभी 1932 खतियानी हैं या कोई और बाहरी शामिल है. नियोजन नीति को लेकर छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि जिन छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है, वह आंदोलन तो करेंगे ही यह दुख की बात है कि सरकार उसे ताकत और लाठियों से दबाने की कोशिश कर रही है.
जारी रखेंगे सरकार की गलत नीतियों का विरोधः झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि वह राज्य के हित में हेमंत सोरेन सरकार की गलत नीतियों का विरोध जारी रखेंगे. जिस वादे के साथ हेमंत सोरेन की सरकार सत्ता में आई है उन वादों को भी हमेशा याद दिलाते रहेंगे, भले ही इसकी कोई कीमत उन्हें चुकानी पड़े. उन्होंने कहा कि ये मुद्दा झारखंड के सवा तीन करोड़ जनता का है, सवाल यहां के पढ़े-लिखे युवाओं के भविष्य का है.