रांची: अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए केन्द्र की समान नागरिक संहिता पर चुप्पी तोड़ने को कहा है. धुर्वा स्थित अपने सरकारी आवास पर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि यूसीसी आदिवासियों के रीति-रिवाज और संस्कृति के खिलाफ है, ऐसे में एक आदिवासी राज्य के मुख्यमंत्री का इस तरह से चुप रहना उचित नहीं है.
लोबिन हेम्ब्रम ने यूसीसी को लेकर बाबूलाल मरांडी की भी आलोचना करते हुए कहा कि दोनों नेताओं की चुप्पी से यह प्रमाणित हो रहा है कि ये आदिवासी विरोधी हैं जिसका खामियाजा इन्हें भुगतना पड़ेगा. मध्यप्रदेश में आदिवासी युवक के मूंह पर पेशाब किए जाने की घटना पर नाराजगी जताते हुए लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि इसपर भी मुख्यमंत्री चुप्पी साधे रहे. ऐसे में आदिवासी बहुल राज्य झारखंड के मुख्यमंत्री का इस तरह चुप्पी साधे रहना गलत मैसेज दे रहा है. आखिर मुख्यमंत्री क्यों चुप हैं यह समझ में नहीं आ रहा है.
झामुमो में रहकर करते रहेंगे विरोध-लोबिन: झामुमो के बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर में दिख रहे हैं. पिछले दिनों झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय समिति की विस्तारित कमेटी की बैठक से लोबिन हेम्ब्रम दूर रहे. जब लोबिन हेम्ब्रम से यह पूछा गया कि बैठक में आप क्यों नहीं आए तो उनका जवाब साफ था कि झामुमो की बैठक में हम क्यों जायें जब हमारी बात को ही नहीं माना जाता. हम एसपीटी, सीएनटी और स्थानीयता का मुद्दा उठाते हैं तो हमें बागी कहा जाता है. उन्होंने कहा कि हम चूप नहीं रहेंगे, मानसून सत्र के दौरान एक बार फिर हम सदन में बातों को रखने का काम करेंगे.