ETV Bharat / state

ग्लोबल हंगर इंडेक्स के बहाने झामुमो का मोदी सरकार पर हमला, कहा- पीएम कुपोषण या पीएम शोषण है योजना - JMM attack on Modi government

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 55वें स्थान से 94वें स्थान पर पहुंच गया है. इसपर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ योजनाओं का नाम बदलती रही, लेकिन क्रियान्वयन पर ध्यान नहीं दी. पीएम पोषण योजना कुपोषण योजना बन गई है.

jmm-general-secretary-supriyo-bhattacharya-said-pm-nutrition-scheme-has-become-malnutrition-scheme
ग्लोबल हंगर इंडेक्स के बहाने झामुमो का मोदी सरकार पर हमला
author img

By

Published : Oct 3, 2021, 10:55 AM IST

रांचीः ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 94वें स्थान पर पहुंच गया है, जो चिंता का विषय है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स आने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार फूड सिक्योरिटी एक्ट के प्रावधानों को ठीक से लागू करने के बदले योजनाओं के सिर्फ नाम बदलती रही. उन्होंने कहा कि मिड डे मील योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना किया गया. कुपोषण में 117 देशों में 94वें स्थान पर ला दिया गया है, तो केंद्र सरकार बताए कि यह पीएम कुपोषण या पीएम शोषण योजना है.

यह भी पढ़ेंःराष्ट्रीय पोषण सप्ताह : स्वस्थ रहने के लिए पोषक और संतुलित आहार खाइए


सिर्फ नाम बदलना जानती है बीजेपी सरकार

झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि फूड सिक्योरिटी एक्ट लागू होने के बाद स्कूलों में मिड डे मील योजना शुरू की गई, ताकि बच्चे कुषोषित नहीं हो. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने नाम बदल दिया, लेकिन स्कूली बच्चों को आहार नहीं पहुंचाया. उन्होंने कहा कि योजना का नाम बदलने के बदले पोषण तत्व बढ़ाते, तो बच्चे लाभान्वित होते. राज्य की हेमंत सरकार ने अपने खर्च पर मिड डे मील में अंडा को शामिल किया है.

जानकारी देते जेएमएम महासचिव


2014 में 55वें स्थान पर था भारत, जो 94वें पर पहुंचा

झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2014 में भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 31.2 प्रतिशत के साथ 55वें स्थान पर था, जो 2020 में 27.2 प्रतिशत के साथ 117 देशों में 94वें स्थान पर पहुंच गया है. केंद्र सरकार बताए कि ऐसा कैसे हुआ.

मनरेगा मजदूरों को एक समान मजदूरी तय करे केंद्र सरकार

बीजेपी पर निशाना साधते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई राज्यों में काफी अधिक मनरेगा मजदूरी तय की है, तो दूसरी तरफ झारखंड में सिर्फ 194 रुपये से बढ़ा कर 198 रुपये किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने अपने स्तर से इसे बढ़ाकर 225 रुपये किया है. उन्होंने देश भर में एक समान मजदूरी 350 रुपये प्रति दिन तय करने की मांग केंद्र सरकार से की है. इसके साथ ही प्रति वर्ष 100 दिन की मजदूरी की जगह 200 दिन करने की मांग की है.

रांचीः ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 94वें स्थान पर पहुंच गया है, जो चिंता का विषय है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स आने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार फूड सिक्योरिटी एक्ट के प्रावधानों को ठीक से लागू करने के बदले योजनाओं के सिर्फ नाम बदलती रही. उन्होंने कहा कि मिड डे मील योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना किया गया. कुपोषण में 117 देशों में 94वें स्थान पर ला दिया गया है, तो केंद्र सरकार बताए कि यह पीएम कुपोषण या पीएम शोषण योजना है.

यह भी पढ़ेंःराष्ट्रीय पोषण सप्ताह : स्वस्थ रहने के लिए पोषक और संतुलित आहार खाइए


सिर्फ नाम बदलना जानती है बीजेपी सरकार

झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि फूड सिक्योरिटी एक्ट लागू होने के बाद स्कूलों में मिड डे मील योजना शुरू की गई, ताकि बच्चे कुषोषित नहीं हो. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने नाम बदल दिया, लेकिन स्कूली बच्चों को आहार नहीं पहुंचाया. उन्होंने कहा कि योजना का नाम बदलने के बदले पोषण तत्व बढ़ाते, तो बच्चे लाभान्वित होते. राज्य की हेमंत सरकार ने अपने खर्च पर मिड डे मील में अंडा को शामिल किया है.

जानकारी देते जेएमएम महासचिव


2014 में 55वें स्थान पर था भारत, जो 94वें पर पहुंचा

झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2014 में भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 31.2 प्रतिशत के साथ 55वें स्थान पर था, जो 2020 में 27.2 प्रतिशत के साथ 117 देशों में 94वें स्थान पर पहुंच गया है. केंद्र सरकार बताए कि ऐसा कैसे हुआ.

मनरेगा मजदूरों को एक समान मजदूरी तय करे केंद्र सरकार

बीजेपी पर निशाना साधते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई राज्यों में काफी अधिक मनरेगा मजदूरी तय की है, तो दूसरी तरफ झारखंड में सिर्फ 194 रुपये से बढ़ा कर 198 रुपये किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने अपने स्तर से इसे बढ़ाकर 225 रुपये किया है. उन्होंने देश भर में एक समान मजदूरी 350 रुपये प्रति दिन तय करने की मांग केंद्र सरकार से की है. इसके साथ ही प्रति वर्ष 100 दिन की मजदूरी की जगह 200 दिन करने की मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.