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कांग्रेस-जेएमएम की कमेटी ने 20 सूत्री और निगरानी समिति का फॉर्मूला किया तय, आला नेता लेंगे अंतिम निर्णय

20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन को लेकर सत्ता पक्ष के दलों के बीच सहमति बनने के आसार दिखने लगे है. इसे लेकर कांग्रेस और जेएमएम के नेता आपस में बैठकर मामले की समाधान पर मंथन कर रहे हैं.

JMM and Congress meeting
JMM and Congress meeting
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Published : Aug 6, 2021, 9:49 PM IST

रांची: 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन को लेकर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा बनाए गए समिति के सदस्यों ने शुक्रवार को बैठक की. जिसमें फॉर्मूला तय कर लिया गया है. हालांकि गठबंधन दल अपने-अपने आला नेताओं के सामने इस फॉर्मूले को रखेंगे और उनके मुहर लगने के बाद, फॉर्मूला सार्वजनिक किया जाएगा और गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- 20 सूत्री समिति को लेकर सत्तारूढ़ दलों में तकरार, कांग्रेस के अल्टीमेटम पर जगा झामुमो

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन को लेकर लगातार बैठक का दौर जारी हैं. उन्होंने बताया कि समिति के गठन के लिए बनाई गई कमेटी के कांग्रेस और जेएमएम के सदस्यों ने अंतिम निर्णय ले लिया है. अब इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और प्रभारी मुहर लगाएंगे. उन्होंने कहा कि 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन के बाद अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को झारखंड सरकार की योजनाओं का पूरी तरह से लाभ मिल पाएगा.

देखें पूरी खबर
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और जेएमएम द्वारा बनाई गई कमेटी के सदस्यों के बीच बैठक हुई है. इससे पहले भी बैठक हुई थी और पार्टी के वरीय नेताओं के साथ बैठक हुई है. उन्होंने कहा कि जिन नतीजों पर वह पहुंचे हैं. उसको लेकर चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि जो प्रारूप बनाया गया है. उसे अपने पार्टी के आला नेताओं के समक्ष रखेंगे. उसके बाद प्रारूप पर उनकी मुहर लगेगी. तब उस प्रारूप को सार्वजनिक कर 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी.20 सूत्री और निगरानी समिति को लेकर जो फॉर्मूला तैयार किया गया है. उसमें 10 जिले में कांग्रेस, 13 जिले में झारखंड मुक्ति मोर्चा और 1 जिले में राजद को जिम्मेवारी सौंपी जाएगी. यह फॉर्मूला गठबंधन दलों के सीट के आधार पर तय किया गया है. गठबंधन दल की सबसे बड़ी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा है. इस लिहाज से 13 जिलों में जेएमएम को जिम्मेवारी मिलेगी. उसके बाद 10 जिलों में कांग्रेस और 1 जिलों में राजद को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. वहीं इसमें 4000 से ज्यादा गठबंधन दल के नेता कार्यकर्ता को जिम्मेदारी मिलेगी. जो सरकार के साथ योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे.

रांची: 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन को लेकर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा बनाए गए समिति के सदस्यों ने शुक्रवार को बैठक की. जिसमें फॉर्मूला तय कर लिया गया है. हालांकि गठबंधन दल अपने-अपने आला नेताओं के सामने इस फॉर्मूले को रखेंगे और उनके मुहर लगने के बाद, फॉर्मूला सार्वजनिक किया जाएगा और गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन को लेकर लगातार बैठक का दौर जारी हैं. उन्होंने बताया कि समिति के गठन के लिए बनाई गई कमेटी के कांग्रेस और जेएमएम के सदस्यों ने अंतिम निर्णय ले लिया है. अब इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और प्रभारी मुहर लगाएंगे. उन्होंने कहा कि 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन के बाद अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को झारखंड सरकार की योजनाओं का पूरी तरह से लाभ मिल पाएगा.

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वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और जेएमएम द्वारा बनाई गई कमेटी के सदस्यों के बीच बैठक हुई है. इससे पहले भी बैठक हुई थी और पार्टी के वरीय नेताओं के साथ बैठक हुई है. उन्होंने कहा कि जिन नतीजों पर वह पहुंचे हैं. उसको लेकर चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि जो प्रारूप बनाया गया है. उसे अपने पार्टी के आला नेताओं के समक्ष रखेंगे. उसके बाद प्रारूप पर उनकी मुहर लगेगी. तब उस प्रारूप को सार्वजनिक कर 20 सूत्री और निगरानी समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी.20 सूत्री और निगरानी समिति को लेकर जो फॉर्मूला तैयार किया गया है. उसमें 10 जिले में कांग्रेस, 13 जिले में झारखंड मुक्ति मोर्चा और 1 जिले में राजद को जिम्मेवारी सौंपी जाएगी. यह फॉर्मूला गठबंधन दलों के सीट के आधार पर तय किया गया है. गठबंधन दल की सबसे बड़ी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा है. इस लिहाज से 13 जिलों में जेएमएम को जिम्मेवारी मिलेगी. उसके बाद 10 जिलों में कांग्रेस और 1 जिलों में राजद को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. वहीं इसमें 4000 से ज्यादा गठबंधन दल के नेता कार्यकर्ता को जिम्मेदारी मिलेगी. जो सरकार के साथ योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे.
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