रांची: सातवीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के फाइनल परिणाम को लेकर अब सवाल खड़े किए जा रहे हैं. झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने इस पूरे परीक्षा फल में ही भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है. छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो की मानें तो पीटी परीक्षा से लेकर मुख्य परीक्षा और मुख्य परीक्षा परिणाम के साथ-साथ इंटरव्यू के बाद इस रिजल्ट में भी कई त्रुटियां हैं और इन त्रुटियों की अनदेखी करते हुए जेपीएससी ने इस रिजल्ट को प्रकाशित कर दिया है.
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छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने टॉपर सावित्री कुमारी के रिजल्ट पर भी सवाल खड़ा किया है. उनकी मानें तो जिस कैटेगरी में रिजल्ट निकाला गया है. इसमें काफी विरोधाभास है. झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने कहा है कि जेपीएससी इंटरव्यू के बाद परीक्षा फल जारी करने में 15 दिन लगा दिया. आखिर किस का सलेक्शन करने में इतना ज्यादा समय लिया गया. जबकि जेपीएससी आयोग पीटी परीक्षा फल के मात्र 21 दिन के अंदर आनन-फानन में मुख्य परीक्षा ले लिया और तो और मुख्य परीक्षा में बैठे लगभग 45,00 छात्रों की कॉपी 14 दिन में ही बिना मॉडल आंसर शीट के ही जांची गई. बिना मॉडल आंसर शीट के आखिर एक ही विषय के शिक्षक ने बाकी विषयों की कॉपी कैसे जांच ली.
जेपीएससी द्वारा अब तक सबसे बड़ा धांधली इस एग्जाम के रिजल्ट में किया गया है. जेपीएससी ने इस बार क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा को समान प्रतिनिधित्व से भी वंचित करने का काम किया है. जेपीएससी ने परीक्षा फल के साथ कट ऑफ मार्क्स भी जारी नहीं किया है. जिस दिन आयोग छात्रों का मार्क्स जारी करेगी उस दौरान अनेक गड़बड़ियां सामने आएगी. आयोग ने आरक्षित वर्गों के रिजल्ट में हेराफेरी की है. सीरियल नंबर 140 कैलाश मिश्रा का, ओबीसी वर्ग 1 श्रेणी में विशाल प्रताप मालवा सीरियल नंबर 101 ईवीएस श्रेणी में और विनोद कुमार सिंह सीरियल नंबर 183 का एसटी श्रेणी में रिजल्ट जारी किया गया है यह गड़बड़ी का नमूना मात्र है. इस पूरे परीक्षा फल में कई गड़बड़ियां है.
इसलिए छात्रों के भविष्य को देखते हुए राज्य के सबसे बड़े संवैधानिक नियुक्ति संस्था की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सातवीं से दसवीं जेपीएससी रिजल्ट में गड़बड़ी के मामले की सीबीआई जांच कराई जाए.