रांची: झारखंड भाजपा का सचिवालय घेराव कार्यक्रम कुछ वजहों से चर्चा के केंद्र में आ गया है. इसकी वजह है रांची प्रशासन की ओर से दर्ज एफआईआर. दरअसल, कार्यपालक दंडाधिकारी उपेंद्र कुमार ने जिन 41 भाजपा नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश का नाम नहीं है. जबकि उनके आह्वान पर ही हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ के नारे के साथ 11 अप्रैल को सचिवालय घेराव कार्यक्रम रखा गया था. वह खुद पूरे आंदोलन के दौरान प्रभात तारा मैदान से लेकर धुर्वा गोलचक्कर मैदान तक मौजूद थे. प्रदेश भाजपा के भीतर चर्चा हो रही है कि आखिर क्या वजह है कि एफआईआर में अध्यक्ष जी का नाम नहीं आया. क्या वाकई पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी दीपक प्रकाश को नहीं पहचानते हैं. अगर ऐसा है तो 41 नामजद की सूची में कई ऐसे जिलों के नेताओं के नाम हैं, जिनको शायद ही भाजपा के सभी लोग जानते होंगे.
दरअसल, 11 अप्रैल को प्रभात तारा मैदान से सचिवालय कूच के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश बैरिकेडिंग तक पहुंचे थे. वाटर कैनन की फुहार में भिंगे भी थे. उन्होंने बाबूलाल मरांडी और निशिकांद दूबे के साथ सड़क पर बैठकर मीडिया से बात भी की थी. फिर भी प्रशासन की उनपर नजर नहीं गयी. कार्यक्रम संपन्न होने पर उन्होंने क्लोजिंग भाषण भी दिया था. आंदोलन को सफल बताया था. कार्यकर्ताओं के प्रति आभार जताया था. यहां तक कहा था कि यह तो शुरूआत है लेकिन अंजाम अभी बाकी है. फिर भी एफआईआर में उनका नाम नहीं आया. आपको बता दें कि प्रभात तारा मैदान में बने मंच पर प्रदेश भाजपा प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी समेत प्रदेश के कई भाजपा सांसद और विधायक मौजूद थे. संभव है कि बैरिकेडिंग की तरफ नहीं जाने की वजह से इन सभी को नामजद नहीं बनाया गया. लेकिन जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी बैरिकेडिंग के पास नहीं गये थे. फिर भी एफआईआर में उनका नाम दर्ज है.
किन 41 लोगों पर हुआ है नामजद एफआईआर: सचिवालय घेराव के दौरान बैरिकेडिंग तोड़ने, पानी भरा बोतल और पत्थर पुलिस पर फेंकने, भड़काने वाला भाषण देने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश, ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मियों को डराने, धमकाने और चोटिल करने के आरोपों के साथ 41 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. सभी पर गैर जमानती धाराएं लगाई गयी हैं. जिनपर नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई है उनके नाम हैं :
1. सांसद संजय सेठ 2. सांसद सुनील कुमार सिंह 3. पूर्व सीएम रघुवर दास 4. विधायक बाबूलाल मरांडी 5. विधायक अमित मंडल 6. सासंद समीर उरांव 7. सांसद निशिकांत दूबे 8. सांसद अर्जुन मुंडा 9. पांकी महामंत्री श्यामनंदन ओझा 10. विधायक बिरंची नारायण 11. आरती कुजूर 12. अमित कुमार 13. प्रदीप मुखर्जी, जमशेदपुर 14. विकास कुमार पांडेय 15. पांकी के शत्रुघ्न सिंह 16. गोड्डा के दिलीप कुमार सिंह 17. अनिता सोरेन 18. कुमकुम देवी 19. मुनचुन राय 20. कामेश्वर सिंहस, धुर्वा 21. उमेश यादव, धुर्वा 22. अमित कुमार, जामताड़ा 23. बिरेंद्र यादव, सिमडेगा 24. कमलेश राम, बीआईटी 25. ललीत ओझा 26. नीलम चौधरी 27. के.के. गुप्ता 28. साधु मांझी, पांकी 29. कुलवंत सिंह 30. विमल मरांडी, दुमका एसटी मोर्चा के जिलाध्यक्ष 31. अशोक कुमार 32. आनंद यादव 33. रमेश सिंह. 34. त्रिलोचन कुमार पासवान 35. रमेश नाथ तिवारी 36. संजू पांडेय 37. संजीव कुमार सिंह 38. अमरनाथ कुमार सिंह. 39. ब्रजकांत केसरी 40. दीपक बड़ाईक और 41. जमशेदपुर के गुंजन यादव का नाम शामिल है.
कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं: सचिवालय घेराव के दौरान उपद्रव मामले में आईपीसी की धारा 147/148/188/ 353/ 332/109 और 427 के तहत 107/2023 केस नंबर दर्ज हुआ है. ये धाराएं गैर जमानती हैं. इसके जरिए नेताओं पर दंगा भड़काने, हरवे-हथियार के साथ उपद्रव करने, भीड़ को उकसाने, सरकारी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को डराने, धमकाने और चोट पहुंचाने का आरोप लगा है.
क्या है पूरा मामला : 11 अप्रैल को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत झारखंड भाजपा के तमाम बड़े नेताओं की अगुवाई में अच्छी खासी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता धुर्वा के प्रभात तारा मैदान में जुटे थे. इस दौरान नेताओ ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. मंच से यहां तक कहा गया था कि जरूरत पड़े तो सचिवालय घेरने के लिए बैरिकेडिंग को भी तोड़ देना है. दोपहर 2.15 बजे के करीब नेताओं के आह्वान पर कार्यकर्ता धुर्वा गोलंबर के बैरिकेडिंग को तोड़ने पहुंचे. उस वक्त सदर एसडीओ दीपक कुमार के आदेश पर धुर्वा गोलचक्कर से प्रोजेक्ट भवन और हटिया के चांदनी चौक के अलावा इस रोड के 200 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाया गया था. दोपहर करीब 2 बजे के आसपास भीड़ के पहुंचने पर माइक से बार-बार घोषणा की गई कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें. बैरिकेडिंग के दूसरी ओर धारा 144 लागू है. लेकिन कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गया. पथराव भी किया गया.
एफआईआर में किन घायलों का है जिक्र: एफआईआर के मुताबिक पथराव और पानी भरे बोतल फेंके जाने की वजह से रांची सदर के एसडीओ दीपक कुमार दूबे, धुर्वा थाना प्रभारी विमल नंदन सिंह, धुर्वा थाना के एएसआई नारायण सोरेन, आरक्षी मनीष कुमार, रैप वन के आरक्षी संतोष कुमार शर्मा, रैप वन के आरक्षी अनिल कुमार महतो समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि भीड़ को उकसाने की कोशिश की गई. इसलिए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन के साथ-साथ आंसू गैस के गोले दागे गये. हालात बेकाबू होने पर हल्का बल प्रयोग भी किया गया. कुल मिलाकर कहें तो चर्चा के केंद्र में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश बने हुए हैं. पार्टी के भीतर खाने चर्चा हो रही है कि उनपर मेहरबानी क्यों?