रांची: मंगलवार को राजभवन के समक्ष झारखंड राज्य विस्थापित संघर्ष मोर्चा ने विस्थापितों के हक को लेकर धरना दिया. इसका नेतृत्व पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने किया. इसमें संकल्प लिया गया कि यदि विस्थापितों को उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा तो आने वाले समय में वाम दल के नेतृत्व में सभी जिलों के विस्थापित आंदोलन की मार्ग पर चलने को विवश हो जाएंगे.
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कहते सब हैं, करता कोई नहीं: पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि झारखंड गठन के 23 हो रहे हैं, इसके बावजूद विस्थापन आयोग का गठन नहीं हो पाया है. जबकि सभी सरकार चुनाव से पहले विस्थापन आयोग के गठन का वादा करती है, लेकिन सरकार में आने के बाद किसी ने विस्थापित आयोग के गठन पर विचार नहीं किया.
जमीन के बाद भी मुआवजा नहीं: भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि चतरा जिले के सिंहपुर कठोतिया रेल लाइन में हजारों एकड़ जमीन किसानों की ली गई थी, लेकिन अब तक सरकार के द्वारा किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है. इसके अलावा हजारीबाग के बड़कागांव में दर्जनों कोल ब्लॉक के आसपास के लोगों की जमीन ली गई, लेकिन अब तक उन्हें भी मुआवजा नहीं मिला है. भुवनेश्वर ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि हजारीबाग के गोंडल पुरा में अडानी प्रोजेक्ट के खिलाफ कई महीनों तक लोगों ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया. आम लोगों की समस्याओं को कॉर्पोरेट घरानों के सामने नजरअंदाज कर दिया गया.
इन जिलों में सबसे ज्यादा विस्थापित: उन्होंने बताया कि विस्थापितों की समस्या राज्य के विभिन्न जिलों में है. हजारीबाग, गोड्डा, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर, रामगढ़ में सबसे ज्यादा विस्थापित हैं. इन क्षेत्रों में कई ऐसे विस्थापित हैं, जिन्हें उचित मुआवजा सरकार की तरफ से अब तक नहीं मिला है. अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ विस्थापित आवाज भी नहीं उठा पा रहे हैं. इन्हें न्याय मिले इसको लेकर अब तक विस्थापन आयोग का भी गठन नहीं हो पाया है.
विस्थापितों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए राज्य एवं केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए आने वाले दिनों में आंदोलन करने की बात पूर्व सांसद ने कही. कहा यदि आंदोलन के बावजूद विस्थापन आयोग का गठन और विस्थापितों की समस्या का निदान नहीं हो पाया तो फिर आने वाले दिनों में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा.
धरना में पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता के अलावा वाम दल के नेता अजय सिंह, सीपीआईएम के सुफल महतो, मजदूर नेता राजकुमार गोराई, राजद के नेता राजेश यादव, सामाजिक कार्यकर्ता वासवी किड़ो, विस्थापित संघर्ष मोर्चा के जेपी महाजन, रैयत विस्थापित मोर्चा के इकबाल हुसैन, लक्ष्मीकांत शुक्ला, गणेश महतो, महादेव मांझी सहित कई लोग मौजूद रहे.