रांची: राजधानी में मोरहाबादी स्थित झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवास पर शनिवार को झारखंड राज्य समन्वय समिति की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में सरना धर्म कोड, ओबीसी आरक्षण, मॉब लिंचिंग कानून, ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने, खासमहल की जमीन पर वर्षों से रह रहे लोगों की समस्याओं के निष्पादन सहित कई मुद्दों पर वृहद रूप से चर्चा हुई. इसके साथ ही समिति में लिए फैसले से सरकार को अवगत कराने का फैसला लिया गया.
इसे भी पढ़ें- राज्य समन्वय समिति की बैठक पर तंज का झामुमो ने दिया जवाब, कहा- भाजपा को चिंता करने की जरूरत नहीं
सरना धर्म कोड को लेकर राष्ट्रपति भवन से मुलाकातः झारखंड राज्य कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया कि सरना धर्म कोड को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से दोबारा आग्रह किया जाएगा. इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से भी मिलने के लिए समय की मांग की जाएगी. जिससे कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य राष्ट्रपति से मुलाकात कर देशभर के आदिवासियों की भावना से उन्हें अवगत करा सकें.
ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी करने का प्रस्ताव दोबारा भेजा जाएः समन्वय समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया कि राज्य में सबसे अधिक आबादी होने के बावजूद भी सिखों को काफी कम आरक्षण मिल रहा है. ऐसे में सरकार एक बार फिर ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण को बढ़ाने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कराकर राजभवन भेजे, इसका आग्रह सरकार से किया जाएगा.
मॉब लिंचिंग कानून की जरूरतः झारखंड राज्य समन्वय समिति के आमंत्रित सदस्य और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य में मॉब लिंचिंग कानून की जरूरत को देखते हुए इस पर विशेष चर्चा इस बैठक में हुई. यह फैसला लिया गया कि कुछ संशोधनों के साथ फिर से विधानसभा से पारित कराकर विधेयक दोबारा राज्यपाल को भेजा जाएगा ताकि यह कानून का रूप ले सके.
खासमहल में रहने वाले लोगों की परेशानी दूर की जाएः इसी तरह जमीन की रसीद और राजस्व को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है. खासमहल की जमीन पर वर्षों से बसे लोगों को उस जमीन का मालिकाना लोगों के हक मिले, इसके लिए एक विशेष नीति बनाने का आग्रह झारखंड सरकार से किया जाएगा.
ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे बढ़े सरकारः राज्य समन्वय समिति की बैठक में चर्चा हुई कि ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य के सामने एक बड़ी समस्या है, जिसे दूर किया जाना चाहिए. राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में कैसे राज्य को स्वावलंबी बनाया जाए इसको लेकर समन्वय समिति की बैठक में खास चर्चा की गई. झारखंड सरकार कैसे सस्ते दर पर खुद बिजली बनाये, इसको लेकर टीवीएनएल के सहयोग से एक नई नीति बनाने का सरकार से आग्रह करने का फैसला लिया गया है.
निजी संस्थानों में 75 प्रतिशत आरक्षण नीति पर चर्चाः समन्वय समिति की बैठक में इस बात पर चिंता जतायी गई कि सरकार द्वारा निजी संस्थानों में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देने का फैसला सही से लागू नहीं हो पा रहा है. ऐसे में कोऑर्डिनेशन कमेटी सरकार से यह आग्रह करेगी कि वह पूरी गंभीरता से इस नीति को राज्य में लागू कराए. इसके साथ ही खतियान आधारित नियोजन नीति और स्थानीय नीति के अलावा युवाओं को रोजगार सहित कई ऐजेंडों पर चर्चा की गयी. साथ ही यह फैसला लिया गया है कि राज्य के जनता के हित में समन्वय समिति पूरी तत्परता से अपनी भूमिका निभाएगी और सरकार को समय-समय पर सलाह देगी ताकि राज्य में जन आकांक्षाओं के अनुरूप सरकार जनहित में फैसला लेती रहे.
शिबू सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में आमंत्रित सदस्य के रूप में राज्य के ग्रामीण विकासमंत्री आलमगीर आलम और श्रममंत्री सत्यानंद भोक्ता भी उपस्थित रहे. इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, विधायक सरफराज आलम, फागु बेसरा, विनोद पांडे और योगेंद्र महतो भी शामिल हुए.