रांची: झारखंड सरकार में खेल एवं अल्पसंख्यक कल्याणमंत्री हफीजुल हसन पर भी दिल्ली में आईएफएसओ की इकाई द्वारा नामजद प्राथमिकी दर्ज होते ही रांची में राजनीति गरमा गई है. भाजपा ने एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति की जुबान से नफरत की भाषा बोलने को गलत बताया है. भाजपा झारखंड के प्रदेश प्रवक्ता शिवपूजन पाठक ने कहा कि जिस समय गढ़वा में मंत्री हफीजुल हसन ने 20-80 वाला नफरती बयान दिया था उसी समय भाजपा ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की थी, परंतु झारखंड की सरकार ने तुष्टिकरण की वजह से कुछ नहीं किया.
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मंत्री ने कोई गलत बयान या भड़काऊ भाषण नहीं दिया: झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे से मंत्री बने हफीजुल हसन अंसारी पर भले ही दिल्ली में भड़काऊ भाषण देने को लेकर मामला दर्ज हो गया हो परंतु उनकी पार्टी मंत्री के साथ खड़ी है. झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडे ने कहा कि नूपुर शर्मा मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब होने के बाद भाजपा ने दवाब में कार्रवाई की. परंतु झामुमो कोटे से मंत्री हफीजुल हसन ने ऐसी कोई बात ही नहीं की जिसपर पार्टी कोई कार्रवाई उनपर करें.
झामुमो नेता ने कहा कि मामला दर्ज हुआ है तो अधिवक्ता के माध्यम से अपना पक्ष मंत्री न्यायालय के समक्ष रखेंगे, परंतु इस मामले पर भाजपा को बोलने का कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा कि जब गढ़वा में दिए गए बयान को लेकर हो हल्ला हुआ था उस समय भी मंत्री हफीजुल हसन ने अपना पक्ष रख दिया था और कहा था कि उनकी सोच या इच्छा समाज में तनाव फैलाना नहीं था. मनोज पांडे ने कहा कि जैसी भाजपा की सोच है, वैसा ही चेहरा उन्हें सबका दिखता है.