रांची: कोरोना संक्रमण काल के दौरान झारखंड के पुलिस महकमा गरीबों के लिए मसीहा बन कर उभरा है. झारखंड के सभी जिलों के थानों में चल रहा सामुदायिक किचन गरीबों के लिए सबसे बड़ा सहारा बन चुका है. लॉकडाउन पार्ट तीन की शुरुआत हो चुकी है और अब तक 20 लाख लोगों को पुलिस खाना खिला चुकी है. आम लोगों के लिए पुलिस की यह सेवा पूरे लॉकडाउन के दौरान कायम रहेगी.
हर थाने में लगती है भीड़, सोशल डिस्टेंस का भी होता है पालन
जिसका कोई नहीं उसके पुलिसवाले यह कहावत किताब के पन्नों पर कही नहीं है, लेकिन झारखंड में यह कहावत पूरी तरह से सच साबित हो रही है. कोरोना संक्रमण काल के दौरान अपने सामुदायिक किचन के जरिए गरीबों को भरपेट खाना खिलाने का काम झारखंड पुलिस बखूबी अंजाम दे रहे हैं. जिसे खाना हो वह थाने के कैंपस में बने स्टॉल में आकर खाना खा सकता है और जिसे अपने परिवार के लिए भी खाना ले जाना है वह ले भी जा सकता है.
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पुलिस को लोग दे रहे धन्यवाद
यह सुविधा झारखंड पुलिस की तरफ से हर गरीब को दी जा रही है. यही वजह है कि कल तक जो पब्लिक थाना जाने में कतराती थी वह आज खुले मन से थाने जा रही है और वहां मन को तृप्त कर खाना खाने के बाद पुलिस को खुले मन से आशीर्वाद भी दे रही है. खूंटी के रहने वाले देवनाथ रांची के लालपुर थाने में बने सामुदायिक किचन में सुबह और शाम खुद भी खाना खाते हैं और अपने परिवार को भी खिलाते हैं. जब हमने उनसे पूछा कि आप रांची में फंसे हुए हैं, जिन पुलिसवालों से आप कभी डरते थे, वही लोग आज आपकी सेवा में लगे हैं. इस पर देवनाथ के आंखों में आंसू उतर आते हैं, वह दिल से रांची पुलिस को धन्यवाद देते हैं और बोलते हैं कि आज वह सब इस थाने की वजह से ही जीवित बच पाए हैं. कुछ ऐसे ही बातें गार्ड के रूप में काम करने वाले आमोद सिंह भी बताते हैं. अमोद के अनुसार इस संक्रमण काल में पुलिस की वजह से ही उन्हें भरपेट खाना मिल पा रहा है.
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सामुदायिक किचन बेहद सफल
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार, हमारे यहां सामुदायिक किचन बेहद सफल रहे हैं. गरीबों को हर दिन भर पेट यहां खाना मिल रहा है. सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए हमारे पुलिस वाले लगातार वैसे लोगों को खाना खिला रहे हैं जिनके सामने संक्रमण काल की वजह से रोजी-रोटी की समस्या आन पड़ी है. सीनियर एसपी ने बताया कि राजधानी रांची के वैसे थाने जो संक्रमित हो गए हैं, वहां छोड़कर सभी थानों में हर दिन गरीबों को भोजन करवाया जा रहा है.
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'सामुदायिक किचन चल रहा है और यह आगे भी जारी रहेगा'
रांची के लालपुर थाना प्रभारी अरविंद सिंह सुबह और शाम अपनी देखरेख में ही गरीब लोगों को अपने थाने में स्थित सामुदायिक किचन से बने खाने को परोसते हैं और उन्हें भरपेट खाना खिलाने के बाद ही थाने से जाने देते हैं. अरविंद बताते हैं कि जब से लॉकडाउन की शुरुआत हुई है, उसके तीसरे दिन से ही उनके थाने में अब तक सामुदायिक किचन चल रहा है और यह आगे भी जारी रहेगा.
पूरे झारखंड में क्या है आंकड़ा
अगर आंकड़ों की बात करें तो झारखंड में पुलिस थाने और पिकेटों में चलाए जा रहे सामुदायिक किचन में अबतक पुलिस 20 लाख लोगों को खाना खिला चुकी है. राजधानी रांची में 1.50 लाख लोगों को पुलिस ने खाना खिलाया है.
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खाद्य आपूर्ति विभाग से मिल रहा है राशन
राज्य पुलिस की ओर से थानों में सामुदायिक किचन खोलने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग से पर्याप्त मात्रा में राशन मिल रहा है. सभी थानों को 10 हजार नकद भी दी गई है. इसके अलावा कई सामाजिक संगठन भी थानों में अनाज के अलावा दूसरे कच्चे पदार्थ आकर देते हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो पुलिस और कुछ सामाजिक संस्थानों की मदद के जरिए सामुदायिक किचन बेहद सफलतापूर्वक चल रहा है.
किस जिले में कितने लोगों को पुलिस ने भोजन कराया (7 मई तक का आंकड़ा)
जिला संख्या
- रांची 261064
- गुमला 23965
- लोहरदगा 26873
- सिमडेगा 72489
- खूंटी 96834
- जमशेदपुर 263429
- चाईबासा 43972
- सरायकेला 67571
- पलामू 154655
- गढ़वा 18126
- लातेहार 39507
- हजारीबाग 67284
- रामगढ़ 65642
- कोडरमा 17233
- चतरा 20070
- गिरिडीह 92967
- धनबाद 400054
- बोकारो 56679
- दुमका 67038
- देवघर 45550
- जामताड़ा 4750
- गोड्डा 49502
- पाकुड़ 42067
- साहिबगंज 1743