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'हमारी भी सुनें सरकार, निजी स्कूल दे रहे दुख अपार' आंदोलन का दूसरा दिन, अभिभावकों ने मौन धारण कर जताया विरोध

झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) का 'हमारी भी सुनें हेमंत सरकार, निजी स्कूल दे रहे दुख अपार' आंदोलन जारी है. भारी बारिश के बावजूद भी अभिभावक संघ के सदस्य मोरहाबादी मैदान (Morabadi Ground) स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरना पर बैठे रहे.

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अभिभावकों का आंदोलन
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Published : Jul 27, 2021, 9:17 PM IST

रांची: झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन 'हमारी भी सुनें हेमंत सरकार, निजी स्कूल दे रहे दुख अपार' के दूसरे दिन मोरहाबादी मैदान (Morabadi Ground) स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. भारी बारिश के बावजूद भी अभिभावक संघ के सदस्यों ने तख्ती के साथ मौन धारण कर प्रदर्शन किया.

इसे भी पढे़ं: निजी स्कूलों के खिलाफ होगा जोरदार आंदोलन, अभिभावक संघ ने दी चेतावनी

अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि झारखंड सरकार खुद इस बात का सर्वे करा कर देख लें कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल राज्य के अंदर कितने लोगों की कोविड से मौत हुई और कितने बेरोजगार हुए हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लगाया जाना सरकार का निर्णय था, जिसके कारण छोटे-मोटे धंधे करने वाले लोग बेरोजगार हुए, वहीं मल्टीनेशनल या दूसरे प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाले लोगों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, इन परिस्थितियों में लोगों को घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है, ऐसे में वो प्राइवेट स्कूलों के तरफ से जारी हर तरह का फीस कैसे भरेंगे.

देखें पूरी खबर




अभिभावक संघ की प्रमुख मांगें

  • पिछले साल निकाले गए विभागीय पत्र का शत-प्रतिशत अनुपालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो.
  • शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाए.
  • सम्बद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसे, विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो.
  • झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को राज्य के सभी जिले में पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू किया जाय, एक्ट के तहत पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हो.
  • निजी विद्यालयों की पिछले 5 साल का ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करें, ताकि जिस स्कूल के आर्थिक स्थिति सही है. उन स्कूलों की ओर से विभिन्न मदों में वसूले जा रहे फीस पर रोक लगे और आर्थिक रूप से कमजोर स्कूल को आर्थिक पैकेज दें.
  • स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स, इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करे.
  • स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन पूर्व की तरह सुनिश्चित हो.

इसे भी पढे़ं: रांची के 569 स्कूल में 30 से भी कम बच्चे, आठ हजार स्कूलों में शिक्षकों के पद सृजित करने की तैयारी

विरोध प्रदर्शन में ये हुए शामिल


विरोध प्रदर्शन के दौरान बलवंत सिंह, रमेश साहू, विजय सिंह, रामदीन कुमार, आलोक कुमार, अक्षय कुमार, वीर बहादुर सिंह, ललित मिश्रा, संजय सराफ, मुकेश साहू, जितेंद्र कुमार, पिंटू कुमार, उत्तम कुमार सहित अन्य शामिल हुए.

रांची: झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन 'हमारी भी सुनें हेमंत सरकार, निजी स्कूल दे रहे दुख अपार' के दूसरे दिन मोरहाबादी मैदान (Morabadi Ground) स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. भारी बारिश के बावजूद भी अभिभावक संघ के सदस्यों ने तख्ती के साथ मौन धारण कर प्रदर्शन किया.

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अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि झारखंड सरकार खुद इस बात का सर्वे करा कर देख लें कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल राज्य के अंदर कितने लोगों की कोविड से मौत हुई और कितने बेरोजगार हुए हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लगाया जाना सरकार का निर्णय था, जिसके कारण छोटे-मोटे धंधे करने वाले लोग बेरोजगार हुए, वहीं मल्टीनेशनल या दूसरे प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाले लोगों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, इन परिस्थितियों में लोगों को घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है, ऐसे में वो प्राइवेट स्कूलों के तरफ से जारी हर तरह का फीस कैसे भरेंगे.

देखें पूरी खबर




अभिभावक संघ की प्रमुख मांगें

  • पिछले साल निकाले गए विभागीय पत्र का शत-प्रतिशत अनुपालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो.
  • शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाए.
  • सम्बद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसे, विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो.
  • झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को राज्य के सभी जिले में पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू किया जाय, एक्ट के तहत पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हो.
  • निजी विद्यालयों की पिछले 5 साल का ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करें, ताकि जिस स्कूल के आर्थिक स्थिति सही है. उन स्कूलों की ओर से विभिन्न मदों में वसूले जा रहे फीस पर रोक लगे और आर्थिक रूप से कमजोर स्कूल को आर्थिक पैकेज दें.
  • स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स, इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करे.
  • स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन पूर्व की तरह सुनिश्चित हो.

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विरोध प्रदर्शन में ये हुए शामिल


विरोध प्रदर्शन के दौरान बलवंत सिंह, रमेश साहू, विजय सिंह, रामदीन कुमार, आलोक कुमार, अक्षय कुमार, वीर बहादुर सिंह, ललित मिश्रा, संजय सराफ, मुकेश साहू, जितेंद्र कुमार, पिंटू कुमार, उत्तम कुमार सहित अन्य शामिल हुए.

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