रांचीः कोरोना संक्रमण की बढ़ते खतरा के बावजूद बावजूद पंचायत सचिव अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है. आंदोलनकारी अभ्यर्थियों ने सोमवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि नियोजन मामले में संज्ञान लेकर राज्य सरकार को निर्देश दें.
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झारखंड में पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने 'राष्ट्रपति जी हमें बचा लीजिए' कार्यक्रम चलाया है. इस कार्यक्रम के तहत अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र के माध्यम से अपनी परेशानियां बताई है. अभ्यर्थियों ने पत्र में कहा है कि सचिव परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा है. राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.
परिणाम नहीं किया गया घोषित
अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में चरम पर बेरोजगारी है. 5000 पंचायत सचिव अभ्यर्थी कानून, कोर्ट और सरकार के बीच पिस रहे हैं. झारखंड कर्मचारी आयोग ने वर्ष 2017 में 3088 पदों के लिए पंचायत सचिव और निम्न वर्गीय क्लर्क का विज्ञापन निकाला था. इस बहाली की सारी प्रक्रिया सितंबर 2019 में पूरी कर ली गई थी, लेकिन 2017 से आज तक झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा का परिणाम ही जारी नहीं किया है. पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग एसएलपी सत्यजीत कुमार बनाम झारखंड सरकार केस में जल्द से जल्द सुनवाई कराने की आग्रह किया है.