रांची: झारखंड के मोस्ट वांटेड पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से दो करोड़ रुपए की ठगी की गई थी. यह ठगी उससे आत्मसमर्पण करवाने के लिए एक कद्दावर नेता के द्वारा की गई थी. एनआईए की तफ्तीश में यह बातें सामने आई हैं. रिमांड पर दिनेश ने अपने कई खुलासे किए हैं. एनआईए सूत्रों के अनुसार, आत्मसमर्पण के नाम पर दिनेश गोप से ठगी की गई थी.
यह भी पढ़ें: Dinesh Gope Arrested: कभी दोस्तों के साथ भैंस चराने वाला दिनेश गोप, आखिर कैसे बन गया नक्सलियों का सरगना
क्या है पूरा मामला: पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने एनआईए की पूछताछ में बताया है कि आत्मसमर्पण करने को लेकर उसके साथ ठगी की गई थी. उसने बताया कि संगठन लगातार एजेंसियों के रडार पर था, उसके खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही थी, तब उसने एक बड़े राजनेता से मुलाकात की योजना बनायी थी. राजनेता से मुलाकात हो सके, इसके लिए एक व्यक्ति को दिनेश गोप ने दो करोड़ रुपये भी दिए थे. हालांकि बाद में गोप को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है.
गौरतलब है कि गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप से रिमांड पर पूछताछ हो रही है. एनआईए के अलावा स्पेशल ब्रांच, एसआईबी समेत अलग अलग जिलों की पुलिस दिनेश गोप से पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान ही इस ठगी का खुलासा हुआ है.
हथियार की खोजबीन में जुटी पुलिस: दिनेश गोप ने पूछताछ के दौरान अपने कई मददगारों के नाम बताए हैं. वहीं उसने यह भी बताया है कि संगठन के हथियार किन लोगों के पास हैं. दिनेश गोप की स्वीकारोक्ति के आधार पर पुलिस की अलग-अलग टीमें अभियान में जुटी है. वहीं एनआईए के द्वारा भी दिनेश गोप से पूछताछ में निवेश के कई साक्ष्य जुटाए गए हैं. एनआईए और पुलिस के द्वारा दिनेश गोप की स्वीकारोक्ति के आधार पर बड़े खुलासे किए जा सकते हैं.
रांची, खूंटी के कई लोगों से संपर्क: नेपाल में फरारी काटने के दौरान दिनेश गोप ने कई लोगों से संपर्क किया था. रांची और खूंटी के कई लोगों ने उससे बात की थी. वहीं बिरसा चौक का रहने वाला दिनेश गोप का एक स्वजातीय युवक नेपाल जाकर उससे मिला भी था. नेपाल के विराटनगर में भी स्वजातीय स्थानीय नेता के साथ साथ कुछ लोगों का उसे समर्थन था.