रांची: झारखंड में पुरानी थोक शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने योगेंद्र तिवारी और उसके कारोबारी पार्टनर अभिषेक कुमार झा को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की. इससे पूर्व रिमांड पर योगेंद्र तिवारी से देवघर में रायबंगला की जमीन की डील और इससे आए पैसों के शराब कारोबार में निवेश के पहलुओं पर ईडी ने पूछताछ की थी.
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इस केस में संयुक्त बिहार में सीएम रहे विनोदानंद झा के पोते अभिषेक झा के खिलाफ भी देवघर में एफआईआर दर्ज हुआ था. जिसके बाद ईडी ने अभिषेक झा को भी समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था. बुधवार को ईडी ने अभिषेक झा से रायबंगला की जमीन की डील और निवेश की जानकारी होने को लेकर पूछताछ की. वहीं देवघर में अलग-अलग जमीनों की डील को लेकर भी सवाल जवाब पूछे गए. दोनों को आमने-सामने बैठाकर सवाल जवाब पूछे गए व उनके जवाबों का मिलान किया गया.
19 अक्टूबर को हुई थी योगेंद्र की गिरफ्तारी: झारखंड में शराब घोटाले के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को 19 अक्टूबर 2023 की देर शाम गिरफ्तार किया था. ईडी ने इसी वर्ष 23 अगस्त को योगेंद्र तिवारी और उसके सहयोगियों के 32 ठिकानों पर छापेमारी की थी. राज्य में साल 2021 में लागू हुई थोक शराब नीति के मामले में दर्ज ईसीआईआर के आधार पर ईडी के द्वारा पहली गिरफ्तारी योगेंद्र तिवारी की हुई थी. योगेंद्र तिवारी के खिलाफ शराब घोटाले के साथ-साथ देवघर में राय बंगला की जमीन खरीद में गड़बड़ी और बालू के कारोबार के निवेश की भी जांच ईडी ने की है. ईडी ने जांच में पाया है कि बालू, जमीन, कोयला तस्करी से अर्जित अवैध कमाई का निवेश भी शराब कारोबार में किया गया था.
अभिषेक झा का बयान पूर्व में दर्ज हो चुका है: देवघर में रायबंगला की जमीन की डील से जुड़े मामले में ईडी ने पूर्व सीएम विनोदानंद झा के पोते अभिषेक झा का बयान पूर्व में दर्ज किया था. अभिषेक के साथ एक अन्य संदिग्ध का भी बयान ईडी ने इस मामले में दर्ज किया है. राय बंगला की जमीन के केस में भाजपा नेता अभिषेक झा के आवास पर 23 अप्रैल को छापेमारी हुई थी.
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