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गृह मंत्रालय के आदेश पर झारखंड जेसीसीटी का गठन, साइबर क्राइम पर ब्रेक की कवायद

झारखंड में साइबर अपराध से निपटने के लिए जेसीसीटी यानी कि ज्वॉइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन टीम का गठन कर दिया गया है. केद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इसके गठन के लिए आदेश दिया गया था. ज्वॉइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन टीम के गठन के बाद अब साइबर अपराध पर नकेल कसने में झारखंड को मदद मिलेगी.

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Published : Aug 17, 2023, 10:56 PM IST

रांची: साइबर अपराध का खतरा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए झारखंड में भी ज्वॉइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन टीम का गठन कर दिया गया है. इस टीम के द्वारा हाई प्रोफाइल साइबर क्राइम के मामलों की जांच की जाएगी. खासकर क्रिप्टो करेंसी के जरिए चल रही ठगी पर ब्रेक लगाना इस टीम का प्रमुख उद्देश्य है.

यह भी पढ़ें: क्रिप्टो करेंसी के जरिये करोड़ों की ठगी मामला: फ्रॉड के लिए इस्तेमाल किए गए एक्सचेंज तक पहुंची झारखंड सीआईडी

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर हुआ गठन: केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर झारखंड में भी संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीम (ज्वॉइंट साइबर क्राइम कार्डिनेशन टीम्स, JCCT) का गठन किया गया है. राज्य पुलिस मुख्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर अंतर्राज्यीय जांच सहायता, खुफिया ऑपरेशन, साइबर अपराधियों की प्रोफाइल, साइबर अपराध के अन्य पहलुओं पर काम करने के लिए जेसीसीटी का गठन किया है. राज्य में जेसीसीटी को चाइनीज लैंडिंग एप्लीकेशन एंड पार्ट टाइम जॉब से संबंधित फर्जी एप, वेबसाइट की पहचान और उनके एनालिसिस का काम दिया गया है.

टीम में पुलिस अफसर किए गए पदस्थापित: राज्य पुलिस मुख्यालय ने साइबर थानों में जेसीसीटी के लिए गढ़वा जिला के एसआई आशीष पन्ना, चाईबासा से आशुतोष तिवारी, रामगढ़ से नरेंद्र कुमार, खूंटी से अर्चना कुमारी, आईटीएस से विजय कुमार, धनबाद से विजय कुमार, धनबाद से प्रेम रंजन राय, जैप 2 से चंदन कुमार राणा, प्रेम पांडेय, रंजीत कुमार राणा, दिलीप कुमार, एटीएस से महेश ठाकुर, गुमला से विकास कुमार हेंब्रम को पदस्थापित किया है.

क्रिप्टो के जरिए ठगी का इंटरनेशनल लिंक: गौरतलब है कि झारखंड शुरुआत से ही साइबर अपराधियों का गढ़ रहा है. अब तो क्रिप्टो के जरिए ठगी के बाद इसके अंतरराष्ट्रीय लिंक भी सामने आने लगे हैं. ऐसे में सीआईडी को ऐसी टीम की जरूरत थी, जो स्वतंत्र रूप से बड़े मामलों की जांच कर सके.

रांची: साइबर अपराध का खतरा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए झारखंड में भी ज्वॉइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन टीम का गठन कर दिया गया है. इस टीम के द्वारा हाई प्रोफाइल साइबर क्राइम के मामलों की जांच की जाएगी. खासकर क्रिप्टो करेंसी के जरिए चल रही ठगी पर ब्रेक लगाना इस टीम का प्रमुख उद्देश्य है.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर हुआ गठन: केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर झारखंड में भी संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीम (ज्वॉइंट साइबर क्राइम कार्डिनेशन टीम्स, JCCT) का गठन किया गया है. राज्य पुलिस मुख्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर अंतर्राज्यीय जांच सहायता, खुफिया ऑपरेशन, साइबर अपराधियों की प्रोफाइल, साइबर अपराध के अन्य पहलुओं पर काम करने के लिए जेसीसीटी का गठन किया है. राज्य में जेसीसीटी को चाइनीज लैंडिंग एप्लीकेशन एंड पार्ट टाइम जॉब से संबंधित फर्जी एप, वेबसाइट की पहचान और उनके एनालिसिस का काम दिया गया है.

टीम में पुलिस अफसर किए गए पदस्थापित: राज्य पुलिस मुख्यालय ने साइबर थानों में जेसीसीटी के लिए गढ़वा जिला के एसआई आशीष पन्ना, चाईबासा से आशुतोष तिवारी, रामगढ़ से नरेंद्र कुमार, खूंटी से अर्चना कुमारी, आईटीएस से विजय कुमार, धनबाद से विजय कुमार, धनबाद से प्रेम रंजन राय, जैप 2 से चंदन कुमार राणा, प्रेम पांडेय, रंजीत कुमार राणा, दिलीप कुमार, एटीएस से महेश ठाकुर, गुमला से विकास कुमार हेंब्रम को पदस्थापित किया है.

क्रिप्टो के जरिए ठगी का इंटरनेशनल लिंक: गौरतलब है कि झारखंड शुरुआत से ही साइबर अपराधियों का गढ़ रहा है. अब तो क्रिप्टो के जरिए ठगी के बाद इसके अंतरराष्ट्रीय लिंक भी सामने आने लगे हैं. ऐसे में सीआईडी को ऐसी टीम की जरूरत थी, जो स्वतंत्र रूप से बड़े मामलों की जांच कर सके.

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