रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को सीमित उप समाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना अहम फैसला सुनाया है. सीमित उप समाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली (Deputy Collector Competitive Examination Rules)को झारखंड हाईकोर्ट ने सही ठहराया है. हाईकोर्ट ने अनुकंपा के आधार पर हुई नियुक्ति को भी नियमित नियुक्ति मानने का आदेश दिया है. इस मामले से संबंधित दायर सभी याचिका को भी कोर्ट ने स्वीकृत किया और इन्हें सीमित उप समाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने के लिए योग्य माना है.
ये भी पढे़ं-झारखंड हाई कोर्ट से पारा शिक्षकों को झटका, समान काम-समान वेतन वाली याचिका खारिज
13 दिसंबर को हुई थी सुनवाईः सीमित उप समाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बनाए गए नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने 13 सितंबर को दोनों पक्षों के दलील को सुनने के उपरांत सुनवाई की. सभी प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. खंडपीठ ने उस समय कहा था कि सभी पक्ष चाहे तो अपना लिखित पक्ष रख सकते हैं . सभी पक्षों का लिखित पक्ष और बहस के उपरांत अदालत ने अपना फैसला दिया.
चंदन कुमार समेत अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थीः इस संबंध में चंदन कुमार समेत अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थी. अदालत को बताया गया है कि वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने प्रशासनिक नियुक्ति नियमावली बनाई थी. जिसमें कहा गया है कि जिनकी झारखंड में पांच साल की सेवा होगी, वही सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल हो पाएंगे. ऐसा होने से कई कर्मचारी इस परीक्षा से वंचित हो गए हैं. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया था कि सरकार की अधियाचन और नई नियमावली के तहत ही नियुक्ति प्रक्रिया की गई है.