रांची: कांके डैम अतिक्रमण मामले में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार और रांची नगर निगम द्वारा दायर शपथ पत्र पर झारखंड हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई और पूर्व में पूछे गए 6 बिंदु के सवाल पर बिंदुवार विस्तृत शपथ पत्र पेश करने का आदेश दिया.
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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार का कहना है कि अदालत ने राज्य सरकार और आरएमसी को यह बताने का निर्देश दिया है कि रांची में कितने क्षेत्र में जलस्रोत थे? वर्तमान में कितने क्षेत्र में जल स्रोत हैं? कांके डैम का कैचमेंट एरिया कितना था? वर्तमान में कितना है? पहले किस तिथि को हटिया डैम का कैचमेंट एरिया कितना था और वर्तमान में कितना है?
इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने जल स्रोत पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की. मामले की सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि अतिक्रमण हटाने के लिए कई कार्य किए गए हैं. अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है, नोटिस जारी किया गया है, कई जगह अतिक्रमण वाले भवन हटाए भी गए हैं, अतिक्रमण से संबंधित कार्रवाई अभी चल रही है. इससे संबंधित शपथ पत्र भी अदालत को सौंपा गया.
आरएमसी के शपथपत्र पर नाराजगी
आरएमसी के शपथ पत्र पर अदालत ने नाराजगी जताई और पूछा कि यह कैसा शपथ पत्र है? जिसमें कहीं यही नहीं लिखा हुआ है कि कितने अतिक्रमण क्षेत्र हैं? कितने अतिक्रमण हटाए गए? कितने को चिन्हित किया गया? कुछ जानकारी दी ही नहीं गई है. अदालत ने उन्हें फिर से डाटा के साथ पूरी जानकारी अदालत में पेश करने को कहा है. वहीं अदालत ने राज्य सरकार को भी अपने जवाब शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने को कहा. अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा कि पूर्व में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा जो आदेश दिया गया था उसका अनुपालन करने के लिए अभी तक क्या-क्या किया गया है?
यह था मामला
बता दें कि राजधानी रांची के कांके डैम से अतिक्रमण हटाने की मांग को याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया था और यह भी बताने को कहा था कि कितना अतिक्रमण है? कितने को चिन्हित किया गया और अतिक्रमण हटाने के लिए क्या क्या कार्रवाई की गई? उसी याचिका पर सुनवाई हुई.