रांची: बड़ा तालाब की साफ-सफाई के बिंदु पर गुरुवार को सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट(Jharkhand High Court) ने रांची नगर निगम को सख्त आदेश दिया है कि किसी भी तरह से तालाब में कचरा ना जा पाए, तालाब में कचरा जाने का जो भी स्रोत है उसे रोका जाए. अदालत ने निगम से पूछा है कि नाले का जो पानी तालाब में जाता है, उसे रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? क्या उसे दूसरे तरफ डायवर्ट किया जा सकता है या नहीं? इस पर रांची नगर निगम और राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी.
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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में बड़ा तालाब की साफ-सफाई मामले की सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, सरकार के अधिवक्ता और नगर निगम के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
अदालत के सवालात
सुनवाई के दौरान रांची डीसी और आरएमसी कमिश्नर उपस्थित रहे. अदालत ने उनसे पूछा कि तालाब में जो कचरा जा रहा है, इसे क्यों नहीं रोका जाता है? आरएमसी की ओर से बताया गया कि समय-समय पर तालाब से जलकुंभी समेत कचरा निकाला जाता है. अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पहले ही कचरा जाने से रोक दिया जाएगा, तो निकालने की आवश्यकता ही नहीं होगी.
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अदालत ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि आरएमसी ऐसी व्यवस्था करें, ताकि तालाब में किसी भी तरह का कचरा ना जा पाए. साथ ही उन्होंने आरएमसी को कहा है कि नाले का जो पानी तालाब में जा रहा है, उसे डायवर्ट करने की क्या योजना बनाई जा रही है, इस पर विस्तृत और अद्यतन जवाब पेश करें. बता दें कि बड़ा तालाब साफ-सफाई मामले को लेकर अधिवक्ता खुशबू कटारुका ने अदालत में जनहित याचिका दायर की है. उस याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने आरएमसी को तालाब की साफ-सफाई और अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी.