रांची: डायन बिसाही के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है, साथ ही झालसा को एक टीम गठित कर मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है. सरकार को झालसा की जांच टीम को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य की ताजा घटना गुमला में 5 लोगों की डायन बताकर हत्या के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है. अदालत ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार और डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है, साथ ही झालसा को मामले में एक टीम गठित कर जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है और जांच टीम को राज्य सरकार को जांच के दौरान सुरक्षा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टिंग पर हाई कोर्ट ने यह संज्ञान लिया है.
मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता को बुलाया
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस तरह की घटना अभी भी यह दर्शाता है कि, हमलोग कितने पीछे और आदिम युग में जी रहे हैं. समाज में इस तरह की घटनाएं यह साबित करता है कि अभी भी हमलोगों की सोच कितनी पिछड़ी हुई है. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता को अदालत में बुलाया उनके आदेश के उपरांत महाधिवक्ता उपस्थित हुए. उन्होंने महाधिवक्ता को कहा कि राज्य में इस तरह की घटना बहुत ही निंदनीय और दुःखद घटना है. राज्य सरकार इसे रोकने के लिए क्या कर रही है? अब तक इस मामले में राज्य सरकार और पुलिस के द्वारा क्या-क्या कदम उठाए गए हैं? इसकी विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है, साथ ही राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी को भी मामले पर विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी.