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किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिलने पर झारखंड हाईकोर्ट गंभीर, क्या दिया आदेश? पढ़ें पूरी रिपोर्ट - झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई

किसानों को किसान बीमा फसल का लाभ नहीं मिलने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार और बीमा कंपनी को पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.

Jharkhand High Court serious over farmers not getting crop insurance benefits
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Feb 5, 2021, 7:48 PM IST

रांची: झारखंड के किसानों को किसान बीमा फसल का लाभ नहीं मिलने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले में केंद्र सरकार और बीमा कंपनी को पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.

जानकारी देते हाई कोर्ट के अधिवक्ता
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में याचिकाकर्ता राजन कुमार की ओर से किसानों को वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में फसल बीमा का लाभ नहीं दिए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार और बीमा कंपनी को पार्टी बनाते हुए उन्हें नोटिस जारी किया गया है और उनको अपना पक्ष रखने को कहा है.इसे भी पढे़ं: लालू यादव की स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश नहीं होने पर हाई कोर्ट नाराज, रिम्स से पूछा क्यों नहीं दे रहे जवाब

याचिकाकर्ता ने अदालत को दी जानकारी
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने अदालत को जानकारी दी कि, चतरा जिला में महज 2016-17 और 2017-18 के वित्तीय वर्ष में किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं दिया गया, जो कि गलत है. उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य सरकार भी इस बात को मानती है कि किसानों को उन्हें बीमा का लाभ दिया जाना चाहिए, लेकिन बीमा कंपनी नहीं देना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को मामले में मध्यस्थता करने का भी आग्रह किया, लेकिन केंद्र सरकार के तरफ से किसी भी प्रकार की कोई पहल नहीं हुई. उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने अदालत को महज एक जिला चतरा का उदाहरण देते हुए कहा कि, वहां के किसान को वित्तीय वर्ष 2016-17 में 52 करोड़ और 2017-18 में लगभग 44 करोड़ बीमा मिलना चाहिए था, लेकिन इफको बीमा कंपनी और ओरिएंटल बीमा कंपनी ने किसानों को पैसा नहीं दिया.

रांची: झारखंड के किसानों को किसान बीमा फसल का लाभ नहीं मिलने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले में केंद्र सरकार और बीमा कंपनी को पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.

जानकारी देते हाई कोर्ट के अधिवक्ता
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में याचिकाकर्ता राजन कुमार की ओर से किसानों को वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में फसल बीमा का लाभ नहीं दिए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार और बीमा कंपनी को पार्टी बनाते हुए उन्हें नोटिस जारी किया गया है और उनको अपना पक्ष रखने को कहा है.इसे भी पढे़ं: लालू यादव की स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश नहीं होने पर हाई कोर्ट नाराज, रिम्स से पूछा क्यों नहीं दे रहे जवाब

याचिकाकर्ता ने अदालत को दी जानकारी
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने अदालत को जानकारी दी कि, चतरा जिला में महज 2016-17 और 2017-18 के वित्तीय वर्ष में किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं दिया गया, जो कि गलत है. उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य सरकार भी इस बात को मानती है कि किसानों को उन्हें बीमा का लाभ दिया जाना चाहिए, लेकिन बीमा कंपनी नहीं देना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को मामले में मध्यस्थता करने का भी आग्रह किया, लेकिन केंद्र सरकार के तरफ से किसी भी प्रकार की कोई पहल नहीं हुई. उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने अदालत को महज एक जिला चतरा का उदाहरण देते हुए कहा कि, वहां के किसान को वित्तीय वर्ष 2016-17 में 52 करोड़ और 2017-18 में लगभग 44 करोड़ बीमा मिलना चाहिए था, लेकिन इफको बीमा कंपनी और ओरिएंटल बीमा कंपनी ने किसानों को पैसा नहीं दिया.

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