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जल स्रोतों पर हो रहे अतिक्रमण पर झारखंड हाई कोर्ट गंभीर, नगर विकास और पेयजल विभाग से मांगा जवाब

राजीव सिंह ने स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम में हो रहे अतिक्रमण को रोकने और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में झारखंड सरकार के नगर विकास सचिव और पेयजल स्वच्छता सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Sep 4, 2020, 5:36 PM IST

रांची: स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद झारखंड सरकार के नगर विकास सचिव और पेयजल स्वच्छता सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम के क्षेत्र में हो रहे लगातार अतिक्रमण को रोकने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि, स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम में लगातार अतिक्रमण हो रहा है, अगर उसे रोका नहीं गया तो जल स्रोत पर ही खत्म हो जाएंगे, स्वर्णरेखा नदी पर हो रहे अतिक्रमण से सौंदर्यीकरण के लिए जो कार्य किया गया फिर वह उसी अवस्था में आ गया है, उसकी भी जांच करने का आग्रह किया गया. अदालत ने कहा की पहले सरकार से जवाब ले लेते हैं. उन्होंने झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग के सचिव जो एक अन्य मामले में सुनवाई के दौरान उपस्थित थे उन्हें और पेयजल स्वच्छता विभाग को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.इसे भी पढे़ं:- रिम्स की लचर व्यवस्था से झारखंड हाई कोर्ट नाराज, पूछा- क्यों डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ के पद हैं खाली?


याचिकाकर्ता राजीव सिंह ने स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम में हो रहे अतिक्रमण को रोकने और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार के नगर विकास सचिव और पेयजल सचिव को 25 सितंबर से पूर्व जवाब पेश करने को कहा है.

रांची: स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद झारखंड सरकार के नगर विकास सचिव और पेयजल स्वच्छता सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम के क्षेत्र में हो रहे लगातार अतिक्रमण को रोकने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि, स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम में लगातार अतिक्रमण हो रहा है, अगर उसे रोका नहीं गया तो जल स्रोत पर ही खत्म हो जाएंगे, स्वर्णरेखा नदी पर हो रहे अतिक्रमण से सौंदर्यीकरण के लिए जो कार्य किया गया फिर वह उसी अवस्था में आ गया है, उसकी भी जांच करने का आग्रह किया गया. अदालत ने कहा की पहले सरकार से जवाब ले लेते हैं. उन्होंने झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग के सचिव जो एक अन्य मामले में सुनवाई के दौरान उपस्थित थे उन्हें और पेयजल स्वच्छता विभाग को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.इसे भी पढे़ं:- रिम्स की लचर व्यवस्था से झारखंड हाई कोर्ट नाराज, पूछा- क्यों डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ के पद हैं खाली?


याचिकाकर्ता राजीव सिंह ने स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम और धुर्वा डैम में हो रहे अतिक्रमण को रोकने और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार के नगर विकास सचिव और पेयजल सचिव को 25 सितंबर से पूर्व जवाब पेश करने को कहा है.

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