रांची: फर्जी मुठभेड़ के आरोपी सीआरपीएफ के तत्कालीन सहायक कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास (CRPF Assistant Commandant Shambhu Kumar Vishwas) की अग्रिम जमानत पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी (Judge Anil Kumar Choudhary) की अदालत ने आरोपी शंभू कुमार विश्वास को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है. सुनवाई के दौरान वादी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सीआइडी (CID) की ओर से दर्ज प्राथमिकी गलत है और दुर्भावना से ग्रसित है.
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सहायक कमांडेंट को क्लीन चिट
हाई कोर्ट ने आरोपी को जांच में सहयोग करने की दूसरी शर्तों पर ये सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. इस मामले की सीआरपीएफ ने अपने स्तर से जांच कराई थी, जिसमें सहायक कमांडेंट को क्लीन चिट मिली है. मामले की पुलिसिया जांच में कई गवाहों ने नक्सली मुठभेड़ की घटना को सही बताया है, पर 6 महीने बाद सोनवा के तत्कालीन थाना प्रभारी के बयान पर इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. अदालत ने शंभू कुमार विश्वास को अग्रिम जमानत दे दी है.
कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान लगी थी गोली
चाईबासा के छोटा नगरा थाना क्षेत्र के सांरडा जंगल में जून 2011 में सीआरपीएफ ने कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया था. मुठभेड़ में मंगल होनहांगा को गोली लगी और उसकी मौत हो गई थी. इसको लेकर सीआरपीएफ की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, बाद इस मामले की जांच सीआइडी को सौंपी गई.
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फर्जी मुठभेड़ का मामला पाए जाने के बाद सहायक कमांडेंट के खिलाफ साल 2012 प्राथमिकी दर्ज कराई गई. जिसके बाद इस मामले पर लगातार सुनवाई के बाद आरोपी अधिकारी को राहत मिली है.