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साहिबगंज में अवैध उत्खनन मामला, हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपा जांच का जिम्मा, कई बड़ी हस्तियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

झारखंड हाईकोर्ट ने साहिबगंज अवैध खनन मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. अदालत के इस आदेश से कई बड़ी हस्तियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Sahibganj illegal mining case
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Published : Aug 18, 2023, 3:40 PM IST

Updated : Aug 18, 2023, 5:31 PM IST

रांची: साहिबगंज के जिरवाबाड़ी थानाक्षेत्र के नींबू पहाड़ पर हुए अवैध खनन मामले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंप दिया है. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने विजय हांसदा की याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने आदेश की प्रति मिलने के एक माह के भीतर सीबीआई को जांच शुरू करने का आदेश दिया है. इस आदेश से सूबे के कई बड़ी हस्तियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

ये भी पढ़ें- Sahibganj Illegal Mining: अवैध खनन का मास्टरमाइंड है पंकज मिश्रा, बिना इजाजत एक पत्थर भी नहीं होता इधर से उधर

याचिकाकर्ता विजय हांसदा के अधिवक्ता एसएस चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि नींबू पहाड़ पर अवैध उत्खनन को रोकने पर उनको धमकाया जा रहा था. उन्होंने पंकज मिश्रा समेत 14 नामजद के खिलाफ साहिबगंज के एसटी-एससी थाना में केस संख्या 6/22 दर्ज कराया था. लेकिन उन्हें पता ही नहीं था कैसे उनके हवाले से याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की गई थी. अधिवक्ता एसएस चौधरी ने कहा कि उस दौरान विजय हांदसा जेल में थे. जहां तक जेलर के अभिप्रमाणित वकालतनामे का सवाल है तो उन्होंने बेल के लिए हस्ताक्षर किया था. इसी हवाले से उन्होंने याचिका वापस लेने का आवेदन दिया था.

इसपर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता अनिल कुमार और राज्य सरकार के अधिवक्ता सचिन कुमार का पक्ष सुना. इसके बाद मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दे दिया. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को लगा कि इस मामले में प्रभावशाली लोग शामिल हैं, इसलिए इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि चूकि विजय हांसदा कह रहे हैं कि उन्होंने जांच की मांग वाली कोई याचिका ही नहीं दी है, लिहाजा, उस मैटर की भी सीबीआई जांच करे और एक माह के भीतर रिपोर्ट दें.

दरअसल, साहिबगंज के नींबू पहाड़ गांव के प्रधान विजय हांसदा ने सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर अवैध खनन और धमकाने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की थी. उनका आरोप था कि पंकज मिश्रा सत्ता का दुरूपयोग कर नींबू पहाड़ पर अवैध खनन करा रहे हैं. कोर्ट में आने से पहले विजय हांसदा ने स्थानीय थाना में अवैध खनन की शिकायत की थी. लेकिन पुलिस ने उसपर कोई कार्रवाई नहीं की. बल्कि विजय हांसदा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया था. लिहाजा, पुलिस पर अविश्वास जताते हुए विजय हांसदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

इसी बीच अवैध खनन मामले में ईडी की कार्रवाई शुरू हो गई थी. मनी लॉन्ड्रिंग के आधार सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई लोग ईडी के हत्थे चढ़ गये थे. फिलहाल, सभी जेल में ही हैं. इसी मामले में ईडी ने विजय हांसदा को गवाह बनाया है. इस बीच 17 अगस्त को विजय हांसदा ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दे दिया था.

इसपर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी और कहा था कि ऐसा लगता है कि पर्दे के पीछे कोई और है. यह कहते हुए हाईकोर्ट ने विजय हांसदा के याचिका वापस लेने वाले आवेदन को खारिज कर दिया था. साथ ही कोर्ट ने विजय हांसदा को प्रोटेक्शन मुहैया कराने का भी आदेश दिया था. अब पूरा मामला सीबीआई के पाले में चला गया है. दूसरी तरफ ईडी की भी कार्रवाई चल रही है. जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी गई है.

रांची: साहिबगंज के जिरवाबाड़ी थानाक्षेत्र के नींबू पहाड़ पर हुए अवैध खनन मामले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंप दिया है. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने विजय हांसदा की याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने आदेश की प्रति मिलने के एक माह के भीतर सीबीआई को जांच शुरू करने का आदेश दिया है. इस आदेश से सूबे के कई बड़ी हस्तियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

ये भी पढ़ें- Sahibganj Illegal Mining: अवैध खनन का मास्टरमाइंड है पंकज मिश्रा, बिना इजाजत एक पत्थर भी नहीं होता इधर से उधर

याचिकाकर्ता विजय हांसदा के अधिवक्ता एसएस चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि नींबू पहाड़ पर अवैध उत्खनन को रोकने पर उनको धमकाया जा रहा था. उन्होंने पंकज मिश्रा समेत 14 नामजद के खिलाफ साहिबगंज के एसटी-एससी थाना में केस संख्या 6/22 दर्ज कराया था. लेकिन उन्हें पता ही नहीं था कैसे उनके हवाले से याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की गई थी. अधिवक्ता एसएस चौधरी ने कहा कि उस दौरान विजय हांदसा जेल में थे. जहां तक जेलर के अभिप्रमाणित वकालतनामे का सवाल है तो उन्होंने बेल के लिए हस्ताक्षर किया था. इसी हवाले से उन्होंने याचिका वापस लेने का आवेदन दिया था.

इसपर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता अनिल कुमार और राज्य सरकार के अधिवक्ता सचिन कुमार का पक्ष सुना. इसके बाद मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दे दिया. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को लगा कि इस मामले में प्रभावशाली लोग शामिल हैं, इसलिए इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि चूकि विजय हांसदा कह रहे हैं कि उन्होंने जांच की मांग वाली कोई याचिका ही नहीं दी है, लिहाजा, उस मैटर की भी सीबीआई जांच करे और एक माह के भीतर रिपोर्ट दें.

दरअसल, साहिबगंज के नींबू पहाड़ गांव के प्रधान विजय हांसदा ने सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर अवैध खनन और धमकाने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की थी. उनका आरोप था कि पंकज मिश्रा सत्ता का दुरूपयोग कर नींबू पहाड़ पर अवैध खनन करा रहे हैं. कोर्ट में आने से पहले विजय हांसदा ने स्थानीय थाना में अवैध खनन की शिकायत की थी. लेकिन पुलिस ने उसपर कोई कार्रवाई नहीं की. बल्कि विजय हांसदा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया था. लिहाजा, पुलिस पर अविश्वास जताते हुए विजय हांसदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

इसी बीच अवैध खनन मामले में ईडी की कार्रवाई शुरू हो गई थी. मनी लॉन्ड्रिंग के आधार सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई लोग ईडी के हत्थे चढ़ गये थे. फिलहाल, सभी जेल में ही हैं. इसी मामले में ईडी ने विजय हांसदा को गवाह बनाया है. इस बीच 17 अगस्त को विजय हांसदा ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दे दिया था.

इसपर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी और कहा था कि ऐसा लगता है कि पर्दे के पीछे कोई और है. यह कहते हुए हाईकोर्ट ने विजय हांसदा के याचिका वापस लेने वाले आवेदन को खारिज कर दिया था. साथ ही कोर्ट ने विजय हांसदा को प्रोटेक्शन मुहैया कराने का भी आदेश दिया था. अब पूरा मामला सीबीआई के पाले में चला गया है. दूसरी तरफ ईडी की भी कार्रवाई चल रही है. जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी गई है.

Last Updated : Aug 18, 2023, 5:31 PM IST
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