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रूपा तिर्की मौत मामले की होगी सीबीआई जांच, झारखंड हाई कोर्ट ने दिया आदेश

महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. इससे पहले जज ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

Rupa Tirkey death case
रूपा तिर्की मौत मामला
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Published : Sep 1, 2021, 12:56 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 3:13 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रुपा तिर्की की संदिग्ध मौत के मामले में जांच का जिम्मा अब सीबीआई को सौंप दिया है. सीबीआई इस मामले में कई बिंदुओं पर जांच करेगी. महिला अधिकारी की संदेहास्पद मौत के बाद राजनीतिक गलियारे में भी कई तरह की चर्चाएं होने लगी थी. रूपा तिर्की के परिजन सहित अन्य ने भी सड़क पर उतरकर इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. अब झारखंड हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया है. इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर सीधे तौर आरोप लगाया गया है.

यह भी पढ़ें: Rupa Tirkey Case: परिजनों ने राज्यपाल से लगाई CBI जांच की गुहार, बोले-सीएम के निर्णय पर विश्वास नहीं

कोर्ट ने माना-कई एंगल से होनी चाहिए मामले की जांच

रूपा के पिता देवानंद उरांव ने अपनी बेटी की संदेहास्पद मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था. उसी याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय द्विवेदी की अदालत में मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. उसी फैसले को सुनाते हुए अदालत ने यह माना कि इस मामले की जांच कई एंगल से होनी चाहिए जो फिलहाल नहीं हो पा रही है. इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए. अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया है.

धीरज कुमार, अधिवक्ता

3 मई को फंदे से झूलता मिला था रूपा तिर्की का शव

बता दें कि 3 मई को सरकारी आवास में साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की पंखे से झूलते हुए लाश मिली थी. बताया गया उसने खुदकुशी कर ली है. लेकिन इस मामले की राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा होने लगी. कहा जाने लगा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. इसको लेकर भाजपा के कुछ कार्यकर्ता और कुछ नेताओं ने भी झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. उस याचिका के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर भी आरोप लगाया गया था. इस मामले में उनकी संलिप्तता की भी जांच की मांग की गई है. वहीं उसके पिता देवानंद उरांव ने भी मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की.

आदिवासी छात्र संघ भी इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर सड़क पर उतरा था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की एक सदस्य आयोग का गठन किया. आयोग भी इस मामले की जांच कर रहा है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रुपा तिर्की की संदिग्ध मौत के मामले में जांच का जिम्मा अब सीबीआई को सौंप दिया है. सीबीआई इस मामले में कई बिंदुओं पर जांच करेगी. महिला अधिकारी की संदेहास्पद मौत के बाद राजनीतिक गलियारे में भी कई तरह की चर्चाएं होने लगी थी. रूपा तिर्की के परिजन सहित अन्य ने भी सड़क पर उतरकर इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. अब झारखंड हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया है. इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर सीधे तौर आरोप लगाया गया है.

यह भी पढ़ें: Rupa Tirkey Case: परिजनों ने राज्यपाल से लगाई CBI जांच की गुहार, बोले-सीएम के निर्णय पर विश्वास नहीं

कोर्ट ने माना-कई एंगल से होनी चाहिए मामले की जांच

रूपा के पिता देवानंद उरांव ने अपनी बेटी की संदेहास्पद मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था. उसी याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय द्विवेदी की अदालत में मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. उसी फैसले को सुनाते हुए अदालत ने यह माना कि इस मामले की जांच कई एंगल से होनी चाहिए जो फिलहाल नहीं हो पा रही है. इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए. अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया है.

धीरज कुमार, अधिवक्ता

3 मई को फंदे से झूलता मिला था रूपा तिर्की का शव

बता दें कि 3 मई को सरकारी आवास में साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की पंखे से झूलते हुए लाश मिली थी. बताया गया उसने खुदकुशी कर ली है. लेकिन इस मामले की राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा होने लगी. कहा जाने लगा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. इसको लेकर भाजपा के कुछ कार्यकर्ता और कुछ नेताओं ने भी झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. उस याचिका के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर भी आरोप लगाया गया था. इस मामले में उनकी संलिप्तता की भी जांच की मांग की गई है. वहीं उसके पिता देवानंद उरांव ने भी मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की.

आदिवासी छात्र संघ भी इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर सड़क पर उतरा था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की एक सदस्य आयोग का गठन किया. आयोग भी इस मामले की जांच कर रहा है.

Last Updated : Sep 1, 2021, 3:13 PM IST
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