रांची: राज्य के विभिन्न जिलों में गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल को फीस न लेने और कर्मचारियों का वेतन बंद नहीं करने के सरकार के तरफ से जारी नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.
झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में राज्य के विभिन्न जिलों के गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को फीस न लेने और कर्मचारियों की वेतन बंद नहीं करने को लेकर सरकार की तरफ से निकाले गए नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से मामले की सुनवाई की. वहीं, निजी स्कूलों के अधिवक्ता और राज्य सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार का यह आदेश अपने आप में ही गलत है. क्योंकि एक तरफ तो वह फीस नहीं लेने की बात कहते हैं. अगर स्कूल फीस नहीं लेंगे तो कर्मचारी को वेतन कहां से देंगे. वहीं, सरकार के उसी आदेश में है कि कर्मचारी की वेतन न रोका जाए यह दोनों बातें आपस में एक दूसरे का विरोधाभासी प्रतीत होता है. इसलिए इस नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की. अदालत ने राज्य सरकार के जवाब आने के बाद मामले की आगे सुनवाई करने की बात कहते हुए सुनवाई को स्थगित कर दी.
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जवाब पेश करने के निर्देश
निजी स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता अभय मिश्रा ने सरकार के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.