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2 साल में भी शपथ पत्र नहीं हो सका दायर, झारखंड हाई कोर्ट ने ईसीएल पर लगाया 25 हजार जुर्माना

झारखंड हाई काेर्ट ने शपथ पत्र दायर करने में 2 साल लेट करने के मामले में ईसीएल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया. न्यायाधीश डाॅ एसएन पाठक की अदालत ने ईसीएल के डायरेक्टर पर्सनल काे अगली सुनवाई में शपथ पत्र के साथ पेश हाेने का आदेश दिया है.

Jharkhand High Court fined 25 thousand on ECL
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Mar 19, 2021, 7:38 PM IST

रांची: शपथ पत्र दायर करने में 2 साल लेट करने के मामले में झारखंड हाई काेर्ट ने ईसीएल पर 25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया. न्यायाधीश डाॅ एसएन पाठक की अदालत ने ईसीएल के डायरेक्टर पर्सनल काे अगली सुनवाई में शपथ पत्र के साथ पेश हाेने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता विनाेद कुमार झा के अधिवक्ता दिवाकर उपाधयाय ने काेर्ट से कहा कि, ईसीएल के डंपर कर्मी विनाेद कुमार झा काे समय से पहले रिटायर कर दिया गया है. सर्टिफिकेट में साल 1957 जन्म तिथि है, लेकिन ईसीएल के सर्विस बुक में साल 1953 है.

इसे भी पढे़ं: स्पेशल कोर्ट ने तीन नाबालिगों को सुनाई उम्र कैद की सजा, नाबालिग के साथ किया था सामूहिक दुष्कर्म

अधिवक्ता दिवाकर उपाधायाय ने कहा कि इससे पूर्व सुनवाई में काेर्ट ने ईसीएल काे आदेश दिया था कि, सर्टिफिकेट में दर्ज जन्म तिथि काे माना जाए, फिर भी साल 2012 में डंपर कर्मी काे रिटायर कर दिया गया. काेर्ट के आदेश के बाद भी ईसीएल ने काेई कार्रवाई नहीं की. इस पर साल 2019 में रिट दर्ज किया और 2 साल यानि 2021 में भी ईसीएल की ओर से जवाब नहीं दिया गया. इसी पर काेर्ट ने डायरेक्टर पर्सनल काे पेश हाेने का आदेश दिया और ईसीएल पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद हाेगी.

रांची: शपथ पत्र दायर करने में 2 साल लेट करने के मामले में झारखंड हाई काेर्ट ने ईसीएल पर 25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया. न्यायाधीश डाॅ एसएन पाठक की अदालत ने ईसीएल के डायरेक्टर पर्सनल काे अगली सुनवाई में शपथ पत्र के साथ पेश हाेने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता विनाेद कुमार झा के अधिवक्ता दिवाकर उपाधयाय ने काेर्ट से कहा कि, ईसीएल के डंपर कर्मी विनाेद कुमार झा काे समय से पहले रिटायर कर दिया गया है. सर्टिफिकेट में साल 1957 जन्म तिथि है, लेकिन ईसीएल के सर्विस बुक में साल 1953 है.

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अधिवक्ता दिवाकर उपाधायाय ने कहा कि इससे पूर्व सुनवाई में काेर्ट ने ईसीएल काे आदेश दिया था कि, सर्टिफिकेट में दर्ज जन्म तिथि काे माना जाए, फिर भी साल 2012 में डंपर कर्मी काे रिटायर कर दिया गया. काेर्ट के आदेश के बाद भी ईसीएल ने काेई कार्रवाई नहीं की. इस पर साल 2019 में रिट दर्ज किया और 2 साल यानि 2021 में भी ईसीएल की ओर से जवाब नहीं दिया गया. इसी पर काेर्ट ने डायरेक्टर पर्सनल काे पेश हाेने का आदेश दिया और ईसीएल पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद हाेगी.

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