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हाई कोर्ट ने की असिस्टेंट इंजीनियर पीटी परीक्षा से जुड़ी याचिका खारिज, एग्जाम रद्द करने की थी मांग

असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति की पीटी परीक्षा में आरक्षण का दावा करने और इसके कारण उस एग्जाम को रद्द करने की मांग पर दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी.

Jharkhand High court
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Published : Jul 14, 2022, 7:24 PM IST

रांची: असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति की पीटी परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के कारण एग्जाम को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है. 4 जुलाई को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने आज उसी फैसले को सुनाया गया है.

इसे भी पढ़ें: ऑफिस ऑफ प्रॉफिटः 5 अगस्त को होगी सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े मामले की सुनवाई

महाधिवक्ता ने बताया नहीं दिया गया कोई आरक्षण: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में इस मामले पर पूर्व में सुनवाई हुई थी. अदालत ने इस केस से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के उपरांत अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि इस नियुक्ति में किसी तरह का आरक्षण नहीं दिया गया है और स्क्रीनिंग की लिस्ट विज्ञापन के अनुरूप जारी की गई है.

अधिवक्ता धीरज कुमार

आरक्षण देने का दावा कर परीक्षा रद्द करने की थी मांग: दरअसल, असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति की पीटी परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ भास्कर कुमार एवं अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थी लेकिन, कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. राज्य सरकार की ओर से बहस करते हुए महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने जो रिजल्ट जारी किया है, वह नियुक्ति विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक है. अनरिजर्व केटेगरी में रिजर्व केटेगरी के अभ्यर्थियों को एडजस्ट किया गया है, जो गलत नहीं है. जो भी प्रक्रिया अपनाई गई है, वह नियमसंगत है. जेपीएससी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने कोर्ट को बताया था कि अनरिजर्व केटेगरी में रिजर्व केटेगरी के अभ्यर्थियों को समाहित करना गलत नहीं है. प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स और हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने अदालत में पक्ष रखा.

रांची: असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति की पीटी परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के कारण एग्जाम को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है. 4 जुलाई को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने आज उसी फैसले को सुनाया गया है.

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महाधिवक्ता ने बताया नहीं दिया गया कोई आरक्षण: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में इस मामले पर पूर्व में सुनवाई हुई थी. अदालत ने इस केस से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के उपरांत अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि इस नियुक्ति में किसी तरह का आरक्षण नहीं दिया गया है और स्क्रीनिंग की लिस्ट विज्ञापन के अनुरूप जारी की गई है.

अधिवक्ता धीरज कुमार

आरक्षण देने का दावा कर परीक्षा रद्द करने की थी मांग: दरअसल, असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति की पीटी परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ भास्कर कुमार एवं अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थी लेकिन, कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. राज्य सरकार की ओर से बहस करते हुए महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने जो रिजल्ट जारी किया है, वह नियुक्ति विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक है. अनरिजर्व केटेगरी में रिजर्व केटेगरी के अभ्यर्थियों को एडजस्ट किया गया है, जो गलत नहीं है. जो भी प्रक्रिया अपनाई गई है, वह नियमसंगत है. जेपीएससी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने कोर्ट को बताया था कि अनरिजर्व केटेगरी में रिजर्व केटेगरी के अभ्यर्थियों को समाहित करना गलत नहीं है. प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स और हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने अदालत में पक्ष रखा.

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