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झारखंड हाई कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज, कहा- नहीं हुई कोई गड़बड़ी

झारखंड हाई कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से दिए गए जवाब पर संतुष्टी जाहिर करते हुए कहा कि साक्षात्कार सूची में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.

Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jan 12, 2022, 4:38 PM IST

रांचीः झारखंड में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनी. सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से दिए जवाब पर अपनी संतुष्टि जाहिर की और कहा कि साक्षात्कार सूची में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. इसके साथ ही याचिका खारिज कर दी.

यह भी पढ़ेंः झारखंड पुलिस को हाई कोर्ट से फटकार, कहा- पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी के नियम मालूम नहीं

झारखंड हाई कर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति को लेकर साक्षात्कार के लिए जो सूची बनाई है. उसमें काफी गड़बड़ी है. याचिकाकर्ता अनूप कुमार मेहता ने कहा कि मुझे 53.25 प्वाइंट है. लेकिन साक्षात्कार सूची में शामिल नहीं किया गया है. जबकि कम प्वाइंट वालों को शामिल किया गया है. उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि साक्षात्कार पर रोक लगाते हुए साक्षात्कार सूची को रद्द कर दिया जाए.

जानकारी देते अधिवक्ता

वहीं, झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि दो याचिकाओं में से एक याचिकाकर्ता अनूप कुमार मेहता है. उनका प्वाइंट आयोग की ओर से बनाई गई साक्षात्कार सूची के अंतिम अभ्यर्थियों से कम है. इसकी वजह है कि बीसी-2 के लिए बनाई गई सूची के अंतिम अभ्यर्थी को 54 प्वाइंट है. इसलिए उनका यह कहना गलत है कि अधिक प्वाइंट होने के बावजूद उन्हें चयनित नहीं किया गया. वहीं दूसरे अभ्यर्थी के आरोप पर आयोग की ओर से जवाब दिया गया कि विज्ञापन में दिए गए शैक्षणिक योग्यता की शर्त के अनुरूप उनकी शैक्षणिक योग्यता नहीं है. इसलिए साक्षात्कार सूची में उनका चयन नहीं किया गया है.

अदालत ने जेपीएससी के जवाब पर अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए याचिका खारिज कर दी. बता दें कि साल 2018 में झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से बैकलॉग असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए विज्ञापन संख्या 05/2018 प्रकाशित किया था. याचिकाकर्ता अनूप कुमार मेहता और पूनम कुमारी ने आवेदन दिया था. लेकिन आयोग ने जो साक्षात्कार की सूची बनाई. उसमें इन दोनों को शामिल नहीं किया था. इसपर दोनों अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया है.

रांचीः झारखंड में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनी. सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से दिए जवाब पर अपनी संतुष्टि जाहिर की और कहा कि साक्षात्कार सूची में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. इसके साथ ही याचिका खारिज कर दी.

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झारखंड हाई कर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति को लेकर साक्षात्कार के लिए जो सूची बनाई है. उसमें काफी गड़बड़ी है. याचिकाकर्ता अनूप कुमार मेहता ने कहा कि मुझे 53.25 प्वाइंट है. लेकिन साक्षात्कार सूची में शामिल नहीं किया गया है. जबकि कम प्वाइंट वालों को शामिल किया गया है. उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि साक्षात्कार पर रोक लगाते हुए साक्षात्कार सूची को रद्द कर दिया जाए.

जानकारी देते अधिवक्ता

वहीं, झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि दो याचिकाओं में से एक याचिकाकर्ता अनूप कुमार मेहता है. उनका प्वाइंट आयोग की ओर से बनाई गई साक्षात्कार सूची के अंतिम अभ्यर्थियों से कम है. इसकी वजह है कि बीसी-2 के लिए बनाई गई सूची के अंतिम अभ्यर्थी को 54 प्वाइंट है. इसलिए उनका यह कहना गलत है कि अधिक प्वाइंट होने के बावजूद उन्हें चयनित नहीं किया गया. वहीं दूसरे अभ्यर्थी के आरोप पर आयोग की ओर से जवाब दिया गया कि विज्ञापन में दिए गए शैक्षणिक योग्यता की शर्त के अनुरूप उनकी शैक्षणिक योग्यता नहीं है. इसलिए साक्षात्कार सूची में उनका चयन नहीं किया गया है.

अदालत ने जेपीएससी के जवाब पर अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए याचिका खारिज कर दी. बता दें कि साल 2018 में झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से बैकलॉग असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए विज्ञापन संख्या 05/2018 प्रकाशित किया था. याचिकाकर्ता अनूप कुमार मेहता और पूनम कुमारी ने आवेदन दिया था. लेकिन आयोग ने जो साक्षात्कार की सूची बनाई. उसमें इन दोनों को शामिल नहीं किया था. इसपर दोनों अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया है.

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