रांचीः कुख्यात अपराधी सुरेंद्र बंगाली के आपराधिक मामले का रिकॉर्ड रांची सिविल कोर्ट से गायब हो गया है. तकरीबन 20 वर्ष से गायब रिकॉर्ड आज तक नहीं मिले हैं. मामले को लेकर रांची सिविल कोर्ट ने अब तक रिकॉर्ड तैयार नहीं किया है. वहीं संबंधित थाने और एसएसपी कार्यालय से रिपोर्ट नहीं लाया गया. सुरेंद्र बंगाली लाइव रिपोर्ट की जांच के लिए निचली अदालत ने एक कमेटी बनाई है, लेकिन समिति अब तक इस पर कुछ नहीं कर पाई है.
झारखंड हाई कोर्ट ने दिया आदेश
सुरेंद्र बंगाली के एक आपराधिक मामले के रिकॉर्ड की जांच के आदेश झारखंड हाई कोर्ट ने दिए हैं. सुरेंद्र बंगाली की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इसकी जांच के लिए रिटायर जिला और सत्र न्यायाधीश जीके राय की वन मैन कमेटी का गठन किया है. कमेटी को 2 महीने में रिपोर्ट पेश करने का आदेश अदालत ने दिया है. कमेटी को रिपोर्ट गायब होने के लिए दोषी और दोबारा रिपोर्ट तैयार करने में दिलचस्पी आखिर क्यों नहीं दिखाई गई है, इन सभी बिंदु को बताने के लिए कहा गया है.
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डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज
इस संबंध में सुरेंद्र बंगाली ने नई याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1987 में उनके खिलाफ डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया, लेकिन अब तक इसकी सुनवाई शुरू नहीं हुई है. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निचली अदालत से रिपोर्ट मांगी थी. निचली अदालत को हाई कोर्ट की ओर से रिमाइंडर दिया गया है. इसके बाद निचली अदालत ने बताया कि संबंधित मामले का रिकॉर्ड गायब है, इस कारण सुनवाई नहीं हो पा रही है. इसके बाद हाई कोर्ट ने रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश को मामले की जांच का आदेश दिया है.