रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार के नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एससी मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की खंडपीठ में हुई. प्रार्थी सोनी कुमारी ने हाई स्कूल युक्ति मामले में नियोजन नीति को चुनौती दी है. नियोजन नीति में सरकार ने 13 अनुसूचित जिला और 11 गैर अनुसूचित जिला घोषित किया है. इसके तहत गैर अनुसूचित वाले अनुसूचित जिले में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं दे सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी.
अदालत ने मामले की गंभीरता को मानते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है साथ ही अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन न्यायाधीशों की बेंच गठित करने का निर्देश दिया है. इस मामले में 4 नवंबर से हर रोज सुनवाई करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में सुनवाई के दौरान निर्देश दिया है.
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सरकार ने अदालत को बताया 24 जिलों में से 13 जिलों को अनुसूचित और 11 को गैर अनुसूचित जिले में शामिल किया है. याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार की उस नीति को चुनौती दी है, जिसके तहत गैर अनुसूचित जिले के लोगों को अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन नहीं देने का प्रावधान किया गया है. वहीं, अनुसूचित जिले के लोगों को गैर अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन देने का प्रावधान रखा गया है. प्रार्थी सोनी कुमारी ने अनुसूचित जिले के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उनका आवेदन यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि वह गैर अनुसूचित जिले के रहने वाली है. अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन नहीं दे सकती है.