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झारखंड हाईकोर्ट ने हाई स्कूल नियुक्ति पर लगाई रोक, मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी

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Published : Sep 18, 2019, 11:37 PM IST

हाईकोर्ट में सरकार के नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एससी मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की खंडपीठ में हुई. नियोजन नीति में सरकार ने 13 अनुसूचित जिला और 11 गैर अनुसूचित जिला घोषित किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में 4 नवंबर से हर रोज सुनवाई करने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्तासंजय पीपलवाल

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार के नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एससी मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की खंडपीठ में हुई. प्रार्थी सोनी कुमारी ने हाई स्कूल युक्ति मामले में नियोजन नीति को चुनौती दी है. नियोजन नीति में सरकार ने 13 अनुसूचित जिला और 11 गैर अनुसूचित जिला घोषित किया है. इसके तहत गैर अनुसूचित वाले अनुसूचित जिले में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं दे सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी.

जानकारी देते अधिवक्तासंजय पीपलवाल

अदालत ने मामले की गंभीरता को मानते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है साथ ही अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन न्यायाधीशों की बेंच गठित करने का निर्देश दिया है. इस मामले में 4 नवंबर से हर रोज सुनवाई करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में सुनवाई के दौरान निर्देश दिया है.

इसे भी पढ़ें:- लालू प्रसाद यादव समेत छह लोगों को हाईकोर्ट से नोटिस, कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में मांगा जवाब

सरकार ने अदालत को बताया 24 जिलों में से 13 जिलों को अनुसूचित और 11 को गैर अनुसूचित जिले में शामिल किया है. याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार की उस नीति को चुनौती दी है, जिसके तहत गैर अनुसूचित जिले के लोगों को अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन नहीं देने का प्रावधान किया गया है. वहीं, अनुसूचित जिले के लोगों को गैर अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन देने का प्रावधान रखा गया है. प्रार्थी सोनी कुमारी ने अनुसूचित जिले के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उनका आवेदन यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि वह गैर अनुसूचित जिले के रहने वाली है. अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन नहीं दे सकती है.

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार के नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एससी मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की खंडपीठ में हुई. प्रार्थी सोनी कुमारी ने हाई स्कूल युक्ति मामले में नियोजन नीति को चुनौती दी है. नियोजन नीति में सरकार ने 13 अनुसूचित जिला और 11 गैर अनुसूचित जिला घोषित किया है. इसके तहत गैर अनुसूचित वाले अनुसूचित जिले में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं दे सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी.

जानकारी देते अधिवक्तासंजय पीपलवाल

अदालत ने मामले की गंभीरता को मानते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है साथ ही अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन न्यायाधीशों की बेंच गठित करने का निर्देश दिया है. इस मामले में 4 नवंबर से हर रोज सुनवाई करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में सुनवाई के दौरान निर्देश दिया है.

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सरकार ने अदालत को बताया 24 जिलों में से 13 जिलों को अनुसूचित और 11 को गैर अनुसूचित जिले में शामिल किया है. याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार की उस नीति को चुनौती दी है, जिसके तहत गैर अनुसूचित जिले के लोगों को अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन नहीं देने का प्रावधान किया गया है. वहीं, अनुसूचित जिले के लोगों को गैर अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन देने का प्रावधान रखा गया है. प्रार्थी सोनी कुमारी ने अनुसूचित जिले के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उनका आवेदन यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि वह गैर अनुसूचित जिले के रहने वाली है. अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन नहीं दे सकती है.

Intro:
रांची

बाइट-- संजय पीपलवाल अधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट


झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार के नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई हाईकोर्ट ने तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एससी मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की खंडपीठ में हुई। प्रार्थी सोनी कुमारी ने हाई स्कूल युक्ति मामले में नियोजन नीति को चुनौती दी है नियोजन नीति में सरकार ने 13 अनुसूचित जिला और 11 गैर अनुसूचित जिला घोषित किया है इसके तहत गैर अनुसूचित वाले अनुसूचित जिले में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं दे सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी


Body:अदालत ने मामले की गंभीरता को मानते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है साथ ही अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन न्यायाधीशों की बेंच गठित करने का निर्देश दिया है मामले में 4 नवंबर से हर रोज सुनवाई करने का निर्देश दिया है हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में सुनवाई के दौरान निर्देश दिया है मामले को लेकर सोनी कुमारी ने याचिका दायर की है


सरकार ने 24 जिलों में से 13 जिलों को अनुसूचित और 11 को गैर अनुसूचित जिले में शामिल किया है अदालत को बताया गया ।याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार की उस नीति को चुनौती दी है जिसके तहत गैर अनुसूचित जिले के लोगों को अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन नहीं देने का प्रावधान किया गया है वहीं अनुसूचित जिले के लोगों को गैर अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन देने का प्रावधान रखा गया है। प्रार्थी सोनी कुमारी ने अनुसूचित जिले के लिए आवेदन दिया था लेकिन उनका आवेदन यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि वह गैर अनुसूचित जिले के रहने वाली है अनुसूचित जिले की नौकरी के लिए आवेदन नहीं दे सकती है


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