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जेपीएससी की कार्यशैली पर झारखंड हाई कोर्ट ने उठाया सवाल, कहा- चेयरमैन और सेक्रेटरी बताएं कब सुधरेगा आयोग

जेपीएससी की कार्यशैली पर झारखंड हाई कोर्ट ने सवाल उठाया (Jharkhand High Court arise question) है. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि चेयरमैन और सेक्रेटरी बताएं कब तक आयोग की कार्यशैली सुधरेगी. सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने आयोग को फटकार लगाई है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 6, 2022, 5:51 PM IST

रांचीः सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी की कार्यशैली पर सवाल (Court arise question on working style of JPSC) उठाते हुए अदालत ने कहा कि जेपीएससी आखिर कब तक गलती करती रहेगी. पीटी परीक्षा में आरक्षण देने की नीति नहीं होने के बाद आरक्षण कैसे दे दिया. अब जेपीएससी इस मामले आगे क्या कार्यवाही करेगी, इसकी जानकारी 8 जून तक अदालत में पेश करनी है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड को जल्द मिलेंगे 542 सहायक अभियंता, जेपीएससी कार्यालय में नियुक्ति के लिए इंटरव्यू


अदालत ने पूछा है कि जेपीएससी (Jharkhand Public Service Commission) अब इस मामले में क्या संशोधित रिजल्ट जारी करेगी. अदालत इस बात को लेकर भी काफी नाराज था कि जेपीएससी को इस मामले में इतनी जल्दी साक्षात्कार की जरूरत क्या थी. जब यह जेपीएससी की ओर से जुलाई में साक्षात्कार कराने की तिथि निर्धारित की गई थी. ऐसा करने से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरे में है और जिन्हें साक्षात्कार में बुलाया गया है उनकी नौकरी के प्रति अपेक्षा बढ़ गई है. ऐसे में जेपीएससी के चेयरमैन और सेक्रेटरी अदालत में हाजिर होकर बताएं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कब तक जेपीएससी की कार्यशैली में सुधार होगा.


जेपीएससी के अधिवक्ता की ओर से बार-बार आग्रह करने पर अदालत ने चेयरमैन और सचिव को अदालत में पेश होने का आदेश नहीं दिया. लेकिन 8 जून तक उन्हें इस मामले में होने वाली सारी कार्यवाही की जानकारी मांगी है.


यहां बता दें कि इस संबंध में भास्कर की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. उनके अधिवक्ता अमृतांश की ओर से अदालत को बताया गया कि सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में जेपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दे दिया है जो झारखंड सरकार की नियुक्ति नियमावली के अनुसार नहीं है इसलिए वक्त परिणाम को रद्द किया जाए. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग की कार्यशैली पर नाराजगी जताई.

रांचीः सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी की कार्यशैली पर सवाल (Court arise question on working style of JPSC) उठाते हुए अदालत ने कहा कि जेपीएससी आखिर कब तक गलती करती रहेगी. पीटी परीक्षा में आरक्षण देने की नीति नहीं होने के बाद आरक्षण कैसे दे दिया. अब जेपीएससी इस मामले आगे क्या कार्यवाही करेगी, इसकी जानकारी 8 जून तक अदालत में पेश करनी है.

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अदालत ने पूछा है कि जेपीएससी (Jharkhand Public Service Commission) अब इस मामले में क्या संशोधित रिजल्ट जारी करेगी. अदालत इस बात को लेकर भी काफी नाराज था कि जेपीएससी को इस मामले में इतनी जल्दी साक्षात्कार की जरूरत क्या थी. जब यह जेपीएससी की ओर से जुलाई में साक्षात्कार कराने की तिथि निर्धारित की गई थी. ऐसा करने से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरे में है और जिन्हें साक्षात्कार में बुलाया गया है उनकी नौकरी के प्रति अपेक्षा बढ़ गई है. ऐसे में जेपीएससी के चेयरमैन और सेक्रेटरी अदालत में हाजिर होकर बताएं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कब तक जेपीएससी की कार्यशैली में सुधार होगा.


जेपीएससी के अधिवक्ता की ओर से बार-बार आग्रह करने पर अदालत ने चेयरमैन और सचिव को अदालत में पेश होने का आदेश नहीं दिया. लेकिन 8 जून तक उन्हें इस मामले में होने वाली सारी कार्यवाही की जानकारी मांगी है.


यहां बता दें कि इस संबंध में भास्कर की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. उनके अधिवक्ता अमृतांश की ओर से अदालत को बताया गया कि सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में जेपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दे दिया है जो झारखंड सरकार की नियुक्ति नियमावली के अनुसार नहीं है इसलिए वक्त परिणाम को रद्द किया जाए. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग की कार्यशैली पर नाराजगी जताई.

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