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समय पर जवाब नहीं दिए जाने से झारखंह हाई कोर्ट नाराज, सरकार पर लगाया 5000 का जुर्माना

झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर 5 हजार रुपये का जुर्माना (State government fined five thousands) लगाया है. सोमवार को सेवानिवृत्त असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (एसीएफ) उमाकांत राम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. लेकिन सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया.

Jharkhand High Court angry for not responding on time
समय पर जवाब नहीं दिए जाने से झारखंह हाई कोर्ट नाराज
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Published : Nov 28, 2022, 9:34 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में सेवानिवृत्त असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (एसीएफ) उमाकांत राम की ओर से सेवानिवृत्त बेनिफिट दिलाने का आग्रह करने वाली याचिका पर हुई. मामले में पिछली बार कोर्ट द्वारा अंतिम मौका दिए जाने के बाद भी प्रतिवादी वन सचिव, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (पीसीसीएफ), रीजनल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (बोकारो) की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया.

यह भी पढ़ेंः कटिहार डीएम को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत, अवमानना केस किया ड्रॉप

सोमवार यानी 28 नवंबर को एक बार फिर मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांगा की. इसपर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछली बार ही सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया था. लेकिन इस बार भी जवाब दाखिल नहीं किया गया. यह ठीक नहीं है. नाराज कोर्ट ने राज्य सरकार पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया (State government fined five thousands) है.

कोर्ट ने कहा है जुर्माने की राशि जमा करने के साथ सरकार जवाब दाखिल करे. जुर्माना की यह राशि झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (झालसा) में जमा करने का निर्देश दिया है. बता दें कि उमाकांत राम फरवरी 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे. लेकिन उन्हें रिटायरमेंट बेनिफिट नहीं मिला है. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सेवानिवृत्ति लाभ की मांग की है. इस याचिका पर कई बार हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा था. लेकिन राज्य सरकार की ओर से बार-बार जवाब के लिए समय मांग की गई. इसके बावजूद भी जवाब नहीं दिए जाने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार पर जुर्माना लगाया है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में सेवानिवृत्त असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (एसीएफ) उमाकांत राम की ओर से सेवानिवृत्त बेनिफिट दिलाने का आग्रह करने वाली याचिका पर हुई. मामले में पिछली बार कोर्ट द्वारा अंतिम मौका दिए जाने के बाद भी प्रतिवादी वन सचिव, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (पीसीसीएफ), रीजनल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (बोकारो) की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया.

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सोमवार यानी 28 नवंबर को एक बार फिर मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांगा की. इसपर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछली बार ही सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया था. लेकिन इस बार भी जवाब दाखिल नहीं किया गया. यह ठीक नहीं है. नाराज कोर्ट ने राज्य सरकार पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया (State government fined five thousands) है.

कोर्ट ने कहा है जुर्माने की राशि जमा करने के साथ सरकार जवाब दाखिल करे. जुर्माना की यह राशि झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (झालसा) में जमा करने का निर्देश दिया है. बता दें कि उमाकांत राम फरवरी 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे. लेकिन उन्हें रिटायरमेंट बेनिफिट नहीं मिला है. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सेवानिवृत्ति लाभ की मांग की है. इस याचिका पर कई बार हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा था. लेकिन राज्य सरकार की ओर से बार-बार जवाब के लिए समय मांग की गई. इसके बावजूद भी जवाब नहीं दिए जाने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार पर जुर्माना लगाया है.

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