ETV Bharat / state

संकट में सरकार, टिकी हैं सबकी निगाहें राजभवन पर

Election commission report ने झारखंड की सियासत में भूचाल ला दिया है. यही वजह है कि हर कोई जानना चाह रहा है कि आखिर क्या हो रहा है, बंद लिफाफे में क्या है. इसे जानने के लिए सत्तारूढ़ दल से लेकर मीडियाकर्मी की टकटकी राजभवन पर टिकी हुई है.

Election commission report is awaited
Election commission report is awaited
author img

By

Published : Aug 27, 2022, 2:39 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले (CM Hemant Soren office of profit case) में सबकी नजरें राजभवन पर टिकीं हुईं हैं. चुनाव आयोग के सीलबंद लिफाफे ने झारखंड की सियासत में भूचाल ला दिया है. हर कोई जानने को उत्सुक है कि आखिर चुनाव आयोग ने बंद लिफाफे में क्या सिफारिश की है. इसे जानने के लिए सत्तारूढ़ दल से लेकर मीडियाकर्मी तक राजभवन की तरफ देख रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: Jharkhand Political Crisis, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम से खास बातचीत

राजभवन पर टिकी हैं निगाहें: चुनाव आयोग की सिफारिश (Election commission report) के बाद सबकी नजरें चुनाव आयोग पर टिकी हुईं हैं. राजभवन ने चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर एक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसका फलाफल सोमवार या मंगलवार तक दिखेगा. राजभवन द्वारा विधि विशेषज्ञों की राय जानने के बाद आदेश जारी किए जाने की तैयारी की जा रही है. जिसके बाद चुनाव आयोग विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय का पालन कराने के लिए चिठ्ठी जारी करेगा. इधर झामुमो विधायक बसंत सोरेन से जुड़े मामले में चुनाव आयोग सोमवार को सुनवाई करने जा रहा है. इस केस में भी फैसला जल्द आने की संभावना जताई जा रही है.

क्या है पूरा मामला: 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस (Jharkhand Governor) से मिलकर भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए, उन्हें बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए, अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया है. इसी तरह बसंत सोरेन पर भी आरोप लगाया गया है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले (CM Hemant Soren office of profit case) में सबकी नजरें राजभवन पर टिकीं हुईं हैं. चुनाव आयोग के सीलबंद लिफाफे ने झारखंड की सियासत में भूचाल ला दिया है. हर कोई जानने को उत्सुक है कि आखिर चुनाव आयोग ने बंद लिफाफे में क्या सिफारिश की है. इसे जानने के लिए सत्तारूढ़ दल से लेकर मीडियाकर्मी तक राजभवन की तरफ देख रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: Jharkhand Political Crisis, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम से खास बातचीत

राजभवन पर टिकी हैं निगाहें: चुनाव आयोग की सिफारिश (Election commission report) के बाद सबकी नजरें चुनाव आयोग पर टिकी हुईं हैं. राजभवन ने चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर एक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसका फलाफल सोमवार या मंगलवार तक दिखेगा. राजभवन द्वारा विधि विशेषज्ञों की राय जानने के बाद आदेश जारी किए जाने की तैयारी की जा रही है. जिसके बाद चुनाव आयोग विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय का पालन कराने के लिए चिठ्ठी जारी करेगा. इधर झामुमो विधायक बसंत सोरेन से जुड़े मामले में चुनाव आयोग सोमवार को सुनवाई करने जा रहा है. इस केस में भी फैसला जल्द आने की संभावना जताई जा रही है.

क्या है पूरा मामला: 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस (Jharkhand Governor) से मिलकर भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए, उन्हें बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए, अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया है. इसी तरह बसंत सोरेन पर भी आरोप लगाया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.