रांची: झारखंड सरकार का बजट तीन मार्च को पेश किया जाएगा. नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इस साल आम लोगों के जीवन स्तर उठाने के लिए राज्य सरकार कई लोकलुभावन सौगात के साथ बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक बजट पर 2024 में होनेवाले चुनाव की झलक देखने को मिलेगी. गरीबी हटाने और बेरोजगारी को कम करने के लिए सरकार बजट में कई प्रावधान करने जा रही है. बजट को लेकर आम लोगों का सुझाव भी मांगा गया है.
बजट पोर्टल और मोबाइल एप के जरिए सरकार मांग रही सुझाव: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट पोर्टल और मोबाइल ऐप का पिछले दिनों उद्घाटन कर झारखंड के आम नागरिकों से बजट 2023-24 से संबंधित सुझाव मांगा है. वित्त विभाग के द्वारा ऑनलाइन मांगे गए सुझाव के बाद 25 जनवरी को समाज के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ सीधा संवाद आयोजित कर सरकार बजट से संबंधित सुझाव लेने का काम करेगी. इसके अलावे बजट को लेकर सभी विभागों से प्रस्ताव मांगा गया है.
बजट में गरीबी दूर करने और बेरोजगारी कम करने पर फोकसः इस संबंध में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने ईटीवी भारत से कहा इस बार का बजट आम लोगों से जुड़ा हुआ बजट रहेगा. जिसमें गरीबी दूर करने और बेरोजगारी को कम करने पर विशेष रूप से फोकस होगा. इसको लेकर आम लोगों से मिले सुझाव पर सरकार विचार करेगी. नए बजट के केंद्र में आम आदमी होगा. झारखंड में गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ापन अधिक है. इसे दूर करने के लिए बजट में यथासंभव प्रावधान किए जाएंगे. रोजगार का सृजन होगा तो वहीं बेरोजगारी और गरीबी दूर होगी. सरकार किसानों, राज्य के सबसे गरीब लोगों और पिछले वर्गों के लिए बजट पर ज्यादा ध्यान देगी. देगी.उन्होंने कहा कि यह राज्य पिछड़ा राज्य है जहां बेसिक सुविधा को बढ़ाने की आवश्यकता है.
सरकार का फोकस कृषि और पैदावार को बढ़ाने परः गौरतलब है कि झारखंड में बड़े पैमाने पर लोग खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं. शायद यही वजह है कि सरकार का फोकस इस बार कृषि और पैदावार को बढ़ाने को लेकर है. कृषि से सिर्फ लोगों का पेट नहीं भरता, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार का भी सृजन होता है. इन्हीं कारणों से सरकार इस साल अपने बजट में कृषि क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की तैयारी में है.
पिछली बार 10101 लाख करोड़ रुपए का था बजट: झारखंड सरकार का पिछले साल यानी 2022-23 का बजट 10101 लाख करोड़ रुपए का था. 2021-22 के वार्षिक बजट से यह करीब 11% ज्यादा था. इस दृष्टि से इस वर्ष बजट आकार 10 से 12 % ज्यादा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. हालांकि बजट का आकार क्या होगा यह सभी विभागों से प्रस्ताव आने के बाद ही तय हो पाता है. इसको लेकर एक्सरसाइज शुरू कर दी गई है.