रांची: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लॉकडाउन 4.0 में राज्य सरकार ने शराब दुकानों को खोलने का मन बना लिया है. इस बाबत झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को उत्पाद विभाग के सचिव से मुलाकात कर अपनी मांग रखी.
टैक्स को लेकर संघ ने रखी अपनी मांग
मुलाकात के बाद संघ के अध्यक्ष अचिंत्य शॉ ने बताया कि म्युनिसिपल इलाके में राज्य सरकार होम डिलीवरी कराने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि काउंटर सेल भी रहेगा, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि होम डिलीवरी के लिए स्वीगी या जोमैटो की सर्विस इस्तेमाल करने पर विचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांग टैक्स को लेकर है. संघ ने प्रस्ताव दिया है कि शराब के उठाव के आधार पर ही टैक्स लिया जाए. लॉकडाउन की वजह से मई के पूरे महीने बिक्री नहीं हुई. इसलिए इस महीने की टैक्स उसी हिसाब से लिया जाएंगे, जबकि जून में सरकार तय करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का डायरेक्टिव सुबह 7 से शाम 7 बजे तक दुकान खुला रखने का है. उन्होंने कहा कि इस बाबत राज्य सरकार का जो निर्णय होगा उस पर विचार किया जाएगा.
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समय सीमा और ईटीडी को लेकर दिया ज्ञापन
खुदरा विक्रेता संघ ने सरकार से मांग की है कि शराब का ईटीडी उसी समय विपत्र के साथ काट लिया जाए, जिस प्रकार मार्च 2020 में अतिरिक्त उठाव के वक्त काटा जा रहा था. ईटीडी का कोई लक्ष्य नहीं दिया जाए, साथ ही संघ ने कहा कि उनके उत्पाद की बिक्री शाम 7 बजे के बाद होती है. इसलिए दुकानों के खोलने के समय सीमा पर भी विचार किया जाए. संघ के लोगों ने कहा कि मार्च 2020 में 21 मार्च तक ही दुकानों का संचालन हो पाया, लेकिन लाइसेंस धारियों से पूरे महीने का ईटीडी काट लिया गया, जिससे उनका वायलेट निगेटिव हो गया है. इसलिए 21 दिनों का एचडी काटते हुए बाकी का पैसा रिफंड करने की अनुमति दी जाए. डेलीगेशन में संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल भी शामिल थे.
क्या विचार कर रही है सरकार
दरअसल उत्पाद विभाग सरकार के रेवेन्यू कलेक्शन का एक प्रमुख विभाग है. लॉकडाउन की वजह से इस विभाग से रेवेन्यू शून्य है. ऐसे में राज्य सरकार रेवेन्यू कलेक्शन के मद्देनजर शराब की दुकान खोलने पर विचार कर रही है. लॉकडाउन के दौरान 10 दिनों के होम डिलीवरी के ट्रायल की योजना भी सरकार ने बनाई है. होम डिलीवरी का यह तरीका सफल होता है तो सरकार इसे आगे लागू कर सकती है.