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झारखंड सरकार का रॉयल क्रिकेट: टेनिस बॉल के दो मैच पर 42 लाख खर्च, खेल निदेशक ने कहा- विभाग से पूछिए

साल 2019 में रघुवर दास को हटाकर मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन ने कहा था कि विरासत में उन्हें खाली खजाना मिला है. इसको लेकर उनकी सरकार ने श्वेत पत्र भी जारी किया था. इसी बीच मार्च 2020 में कोरोना ने दस्तक दे दी. गरीबों को घर पहुंचाते और खाना खिलाते साल गुजर गया. लेकिन मार्च 2021 में खाली खजाने के बावजूद दो अनऑफिशियल टेनिस बॉल क्रिकेट मैच पर सरकार ने 42 लाख रुपए खर्च कर दिए.

Tennis ball cricket match
Tennis ball cricket match
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Published : Dec 8, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 6:19 PM IST

रांची: झारखंड को हॉकी का नर्सरी कहा जाता है. लेकिन जब बात क्रेज की होती है तो क्रिकेट के आगे कोई खेल नहीं टिकता. इसकी सबसे बड़ी वजह हैं महेंद्र सिंह धोनी . इन्होंने क्रिकेट को अलग मुकाम तक पहुंचाकर झारखंड को एक अलग पहचान दिलाई है. इसका असर झारखंड की सरकार पर भी पड़ा है. यहां की सरकारें रॉयल अंदाज में क्रिकेट का आयोजन करवाती है. भले मैच टेनिस बॉल से ही क्यों न हो. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसी साल मार्च में दो अनऑफिशियल टेनिस बॉल क्रिकेट मैच के आयोजन पर 42 लाख रुपए खर्च हुए हैं.

ये भी पढ़ें- विधानसभा अध्यक्ष एकादश ने मुख्यमंत्री एकादश को हराया, विधायक अमित मंडल बने 'मैन ऑफ द मैच'

18 मार्च को जेएससीए स्टेडियम में टेनिस बॉल से मुख्यमंत्री एकादश और स्पीकर एकादश के बीच मैच हुआ था. इस मैच के आयोजन पर 30 लाख 85 हजार 616 रुपए का बिल बना है. दूसरा मैच 22 मार्च को होटवार स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में सीएम एकादश और पत्रकार एकादश के बीच मैच हुआ था. इस मैच पर 11 लाख 33 हजार 636 रुपए का बिल बना है. आरटीआई के तहत मांगे जाने पर खुद खेल निदेशलाय ने यह जानकारी दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा

सबसे खास बात है कि रांची के राज स्पोर्ट्स ने 18 मार्च के मैच के लिए ट्रैकशूट, टी-शर्ट, कैप, जूता, शॉक्स और किट बैग के बदले 24 लाख का बिल बनाया है. वहीं डिनर मद में कावेरी रेस्टूरेंट ने 3.19 लाख का बिल बनाया है. शेष पैसे टेंट हाउस, रिकॉर्डिंग समेत अन्य मद में क्लेम किए गए हैं. 22 मार्च को हुए मैच के एवज में राज स्पोर्ट्स ने ट्रैकशूट, टी-शर्ट, कैप, जूता, शॉक्स और किट बैग के बदले 9.37 लाख रू.क्लेम किया है. वहीं कावेरी रेस्टूरेंट ने डिनर मद में 94,500 का बिल बनाया है.

अब सवाल है कि सीएम एकादश और स्पीकर एकादश के बीच हुए मैच के दौरान ट्रैकशूट, टी-शर्ट, कैप, जूता, शॉक्स और किट बैग के बदले 24 लाख बना है. वहीं 22 मार्च को सीएम एकादश और पत्रकार एकादश के बीच हुए मैच के दौरान ट्रैकशूट, टी-शर्ट, कैप, जूता, शॉक्स और किट बैग मद में 9.37 लाख का बिल क्यों नहीं बना है. इसके जवाब में बताया गया कि माननीयों को पहले ही किट मिल चुका था, इसलिए दूसरे मैच पर किट मद में कम खर्च हुआ.

क्यों कैबिनेट में लटका पड़ा है बिल

ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों जब बिल को क्लियर करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव आया था तब सत्ताधारी कांग्रेस ने इसपर सवाल उठाया था. सवाल यही था कि टेनिस बॉल के दो अनऑफिशियल मैच पर 42 लाख रुपए कैसे खर्च हो सकते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यह सवाल स्पोर्ट्स किट सप्लाई करने वाले राज स्पोर्ट्स के मालिक और अंतर्राष्ट्रीय पावर लिफ्टर इंद्रजीत सिंह से पूछा. उन्होंने कहा कि खेल निदेशालय की तरफ से कोटेशन मंगवाया गया था. उसी आधार पर ऑर्डर मिला था. उन्होंने कहा कि अभी तक बिल क्लियर क्यों नहीं हुआ है, इसकी सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. उन्होंने इतना जरूर कहा कि 22 मार्च को पत्रकार एकादश के साथ बहुत कम नोटिस में मैच आयोजित किया गया था. इसलिए किट को आनन फानन में दिल्ली से मंगवाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि दोनों मैच के एवज में करीब 180 स्पोर्ट्स किट सप्लाई किए गए थे.

180 स्पोर्ट्स किट क्यों खरीदे गए?

बकौल राज स्पोर्ट्स के मालिक इंद्रजीत सिंह के मुताबिक 180 स्पोर्ट्स किट के एवज में 27.20 लाख का बिल बना है. यानी एक किट पर 15 हजार से ज्यादा खर्च हुआ है. अब सवाल है कि जो मैच एक मामली टेनिस बॉल से होना था, उसके लिए इतने महंगे किट क्यों बनाए गए. सवाल यह भी है कि सीएम एकादश और स्पीकर एकादश के मैच में कुल 22 खिलाड़ी शामिल हुए थे. इसके बाद सीएम और स्पीकर एकादश मिलाकर 11 खिलाड़ियों ने पत्रकार एकादश से मुकाबला किया था. ऐसे में तीन टीम के हिसाब से अधिकर 50 किट की खरीद होनी चाहिए थी. लिहाजा, सवाल यह है कि शेष 100 किट क्यों खरीदे गये और इनका वितरण किनके बीच हुआ. सवाल तो और भी कई हैं लेकिन जवाब कोई नहीं दे रहा है.

क्या कहा निदेशक ने?

इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने खेल निदेशक जिशान कमर से बात की. उनसे पूछा गया कि इतनी बड़ी संख्या में किट खरीदने का ऑर्डर किसने दिया और पेमेंट अबतक क्यों लटका पड़ा है. इसके जवाब में उन्होंने बस इतना कहा कि इसकी जानकारी विभाग ही दे सकता है.

रांची: झारखंड को हॉकी का नर्सरी कहा जाता है. लेकिन जब बात क्रेज की होती है तो क्रिकेट के आगे कोई खेल नहीं टिकता. इसकी सबसे बड़ी वजह हैं महेंद्र सिंह धोनी . इन्होंने क्रिकेट को अलग मुकाम तक पहुंचाकर झारखंड को एक अलग पहचान दिलाई है. इसका असर झारखंड की सरकार पर भी पड़ा है. यहां की सरकारें रॉयल अंदाज में क्रिकेट का आयोजन करवाती है. भले मैच टेनिस बॉल से ही क्यों न हो. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसी साल मार्च में दो अनऑफिशियल टेनिस बॉल क्रिकेट मैच के आयोजन पर 42 लाख रुपए खर्च हुए हैं.

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18 मार्च को जेएससीए स्टेडियम में टेनिस बॉल से मुख्यमंत्री एकादश और स्पीकर एकादश के बीच मैच हुआ था. इस मैच के आयोजन पर 30 लाख 85 हजार 616 रुपए का बिल बना है. दूसरा मैच 22 मार्च को होटवार स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में सीएम एकादश और पत्रकार एकादश के बीच मैच हुआ था. इस मैच पर 11 लाख 33 हजार 636 रुपए का बिल बना है. आरटीआई के तहत मांगे जाने पर खुद खेल निदेशलाय ने यह जानकारी दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा

सबसे खास बात है कि रांची के राज स्पोर्ट्स ने 18 मार्च के मैच के लिए ट्रैकशूट, टी-शर्ट, कैप, जूता, शॉक्स और किट बैग के बदले 24 लाख का बिल बनाया है. वहीं डिनर मद में कावेरी रेस्टूरेंट ने 3.19 लाख का बिल बनाया है. शेष पैसे टेंट हाउस, रिकॉर्डिंग समेत अन्य मद में क्लेम किए गए हैं. 22 मार्च को हुए मैच के एवज में राज स्पोर्ट्स ने ट्रैकशूट, टी-शर्ट, कैप, जूता, शॉक्स और किट बैग के बदले 9.37 लाख रू.क्लेम किया है. वहीं कावेरी रेस्टूरेंट ने डिनर मद में 94,500 का बिल बनाया है.

अब सवाल है कि सीएम एकादश और स्पीकर एकादश के बीच हुए मैच के दौरान ट्रैकशूट, टी-शर्ट, कैप, जूता, शॉक्स और किट बैग के बदले 24 लाख बना है. वहीं 22 मार्च को सीएम एकादश और पत्रकार एकादश के बीच हुए मैच के दौरान ट्रैकशूट, टी-शर्ट, कैप, जूता, शॉक्स और किट बैग मद में 9.37 लाख का बिल क्यों नहीं बना है. इसके जवाब में बताया गया कि माननीयों को पहले ही किट मिल चुका था, इसलिए दूसरे मैच पर किट मद में कम खर्च हुआ.

क्यों कैबिनेट में लटका पड़ा है बिल

ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों जब बिल को क्लियर करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव आया था तब सत्ताधारी कांग्रेस ने इसपर सवाल उठाया था. सवाल यही था कि टेनिस बॉल के दो अनऑफिशियल मैच पर 42 लाख रुपए कैसे खर्च हो सकते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यह सवाल स्पोर्ट्स किट सप्लाई करने वाले राज स्पोर्ट्स के मालिक और अंतर्राष्ट्रीय पावर लिफ्टर इंद्रजीत सिंह से पूछा. उन्होंने कहा कि खेल निदेशालय की तरफ से कोटेशन मंगवाया गया था. उसी आधार पर ऑर्डर मिला था. उन्होंने कहा कि अभी तक बिल क्लियर क्यों नहीं हुआ है, इसकी सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. उन्होंने इतना जरूर कहा कि 22 मार्च को पत्रकार एकादश के साथ बहुत कम नोटिस में मैच आयोजित किया गया था. इसलिए किट को आनन फानन में दिल्ली से मंगवाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि दोनों मैच के एवज में करीब 180 स्पोर्ट्स किट सप्लाई किए गए थे.

180 स्पोर्ट्स किट क्यों खरीदे गए?

बकौल राज स्पोर्ट्स के मालिक इंद्रजीत सिंह के मुताबिक 180 स्पोर्ट्स किट के एवज में 27.20 लाख का बिल बना है. यानी एक किट पर 15 हजार से ज्यादा खर्च हुआ है. अब सवाल है कि जो मैच एक मामली टेनिस बॉल से होना था, उसके लिए इतने महंगे किट क्यों बनाए गए. सवाल यह भी है कि सीएम एकादश और स्पीकर एकादश के मैच में कुल 22 खिलाड़ी शामिल हुए थे. इसके बाद सीएम और स्पीकर एकादश मिलाकर 11 खिलाड़ियों ने पत्रकार एकादश से मुकाबला किया था. ऐसे में तीन टीम के हिसाब से अधिकर 50 किट की खरीद होनी चाहिए थी. लिहाजा, सवाल यह है कि शेष 100 किट क्यों खरीदे गये और इनका वितरण किनके बीच हुआ. सवाल तो और भी कई हैं लेकिन जवाब कोई नहीं दे रहा है.

क्या कहा निदेशक ने?

इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने खेल निदेशक जिशान कमर से बात की. उनसे पूछा गया कि इतनी बड़ी संख्या में किट खरीदने का ऑर्डर किसने दिया और पेमेंट अबतक क्यों लटका पड़ा है. इसके जवाब में उन्होंने बस इतना कहा कि इसकी जानकारी विभाग ही दे सकता है.

Last Updated : Dec 8, 2021, 6:19 PM IST
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