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पेट्रोल-डीजल की कीमत छू रही आसमान, टैक्स कम कर सरकार से राहत देने की अपील - झारखंड में पेट्रोल-डीजल की कीमत

अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव के तहत बाजार में पेट्रोल डीजल की कीमत तय होती है, लेकिन राज्य सरकार चाहे तो वैट माफ कर जनता को थोड़ी राहत दे सकती है, लेकिन झारखंड सरकार की ओर से अब तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया है, जिससे लोगों में थोड़ी निराशा है.

Jharkhand government not giving concession to petrol and diesel
पेट्रोल डीजल की कीमत पर बयान देते नेता
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Published : Feb 13, 2021, 8:39 PM IST

रांची: अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव के तहत बाजार में पेट्रोल डीजल की कीमत तय होती है, लेकिन राज्य सरकार चाहे तो वैट माफ कर जनता को थोड़ी राहत दे सकती है. पूर्व की भाजपा सरकार ने साल 2018 में पेट्रोल-डीजल की कीमत में उछाल होने पर जनता को राहत देने के लिए ढाई रुपए की छूट दी थी, लेकिन झारखंड की गठबंधन सरकार की ओर से जनता को राहत देने के लिए कोई पहल नहीं की गई है, बल्कि कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक कारणों की वजह से मई महीने में पूर्व की सरकार की ओर से दी गई ढाई रुपए की छूट को भी खत्म कर दिया. अब संक्रमण काल खत्म होने को है. फिर भी कोई राहत नहीं दी जा रही है.

पेट्रोल-डीजल की कीमत पर नेताओं का बयान

ये भी पढ़ें-संसद में आज झारखंड: सांसद अन्नपूर्णा देवी ने संसदीय क्षेत्र की उठाई समस्या, ट्रेन का परिचालन शुरू करने की मांग
जनता को थोड़ी राहत देने की जरुरत
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि पेट्रोल डीजल का मार्केट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय होता है, लेकिन राज्य सरकार चाहे तो लोगों को रियायत दे सकती है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया हा कि जिस तरह से सरकार ने शराब पर टैक्स को हटा दिया है. उसी प्रकार से जनता को राहत देने के लिए इन्हें पेट्रोल डीजल से भी टैक्स में कमी लानी चाहिए, ताकि राज्य की जनता को कुछ राहत मिल सके.

राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली
इधर, सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि गठबंधन सरकार के संज्ञान में है कि किस तरह जनता को पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमत से राहत दी जाए. मंहगाई कम हो इसको लेकर गठबंधन सरकार पहल कर रही है, लेकिन पिछले 1 साल के कोरोना काल का दौर रहा है, साथ ही पूर्व की सरकार ने इस राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली कर दिया है. केंद्र सरकार जीएसटी का पैसा देने में भी आनाकानी कर रही है. कहीं ना कहीं राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है. थोड़ी समस्याएं गठबंधन सरकार के सामने है, लेकिन इन समस्याओं पर अंकुश लगाने के लिए काम किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस की पद यात्रा, स्वास्थ्य मंत्री बोले- उद्योगपतियों के कहने पर किसानों की नहीं सुन रही मोदी सरकार
महंगाई पर लगाम लगाने का दावा
बता दें कि असम सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमत 5 रुपये घटाई है. हालांकि राजनीतिक दलों का मानना है कि असम में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी लाई गई है, लेकिन इससे यह संदेश जरूर जा रहा है कि राज्य सरकार चाहे तो जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी ला सकती है.

अगर झारखंड की बात करें तो चुनाव से पहले गठबंधन दलों ने महंगाई पर लगाम लगाने का दावा किया था. इस लिहाज से झारखंड की जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल में लगे टैक्स में कमी लाई जानी चाहिए थी, लेकिन इस ओर पहल नहीं की गई है. आलम यह है कि राजधानी रांची में वर्तमान में पेट्रोल की कीमत 86.43 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 83.25 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है.

रांची: अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव के तहत बाजार में पेट्रोल डीजल की कीमत तय होती है, लेकिन राज्य सरकार चाहे तो वैट माफ कर जनता को थोड़ी राहत दे सकती है. पूर्व की भाजपा सरकार ने साल 2018 में पेट्रोल-डीजल की कीमत में उछाल होने पर जनता को राहत देने के लिए ढाई रुपए की छूट दी थी, लेकिन झारखंड की गठबंधन सरकार की ओर से जनता को राहत देने के लिए कोई पहल नहीं की गई है, बल्कि कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक कारणों की वजह से मई महीने में पूर्व की सरकार की ओर से दी गई ढाई रुपए की छूट को भी खत्म कर दिया. अब संक्रमण काल खत्म होने को है. फिर भी कोई राहत नहीं दी जा रही है.

पेट्रोल-डीजल की कीमत पर नेताओं का बयान

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जनता को थोड़ी राहत देने की जरुरत
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि पेट्रोल डीजल का मार्केट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय होता है, लेकिन राज्य सरकार चाहे तो लोगों को रियायत दे सकती है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया हा कि जिस तरह से सरकार ने शराब पर टैक्स को हटा दिया है. उसी प्रकार से जनता को राहत देने के लिए इन्हें पेट्रोल डीजल से भी टैक्स में कमी लानी चाहिए, ताकि राज्य की जनता को कुछ राहत मिल सके.

राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली
इधर, सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि गठबंधन सरकार के संज्ञान में है कि किस तरह जनता को पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमत से राहत दी जाए. मंहगाई कम हो इसको लेकर गठबंधन सरकार पहल कर रही है, लेकिन पिछले 1 साल के कोरोना काल का दौर रहा है, साथ ही पूर्व की सरकार ने इस राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली कर दिया है. केंद्र सरकार जीएसटी का पैसा देने में भी आनाकानी कर रही है. कहीं ना कहीं राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है. थोड़ी समस्याएं गठबंधन सरकार के सामने है, लेकिन इन समस्याओं पर अंकुश लगाने के लिए काम किए जा रहे हैं.

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महंगाई पर लगाम लगाने का दावा
बता दें कि असम सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमत 5 रुपये घटाई है. हालांकि राजनीतिक दलों का मानना है कि असम में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी लाई गई है, लेकिन इससे यह संदेश जरूर जा रहा है कि राज्य सरकार चाहे तो जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी ला सकती है.

अगर झारखंड की बात करें तो चुनाव से पहले गठबंधन दलों ने महंगाई पर लगाम लगाने का दावा किया था. इस लिहाज से झारखंड की जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल में लगे टैक्स में कमी लाई जानी चाहिए थी, लेकिन इस ओर पहल नहीं की गई है. आलम यह है कि राजधानी रांची में वर्तमान में पेट्रोल की कीमत 86.43 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 83.25 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है.

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