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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने तक पुलिस अधिकारियों को ईडी ना करे तलब, ED को सरकार ने भेजा पत्र

झारखंड सरकार ने ईडी को एक पत्र लिखा है (Jharkhand government letter to ED), जिसमें कहा गया है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से कोई फैसला नहीं आ जाता है तब तक राज्य पुलिस के किसी भी अधिकारी को नोटिस जारी ना करें.

Jharkhand government letter to ED
Jharkhand government letter to ED
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Published : Dec 15, 2022, 7:31 PM IST

रांची: झारखंड मैं अवैध खनन मामले के बड़हरवा केस के अनुसंधान से जुड़े पुलिस अफसरों को पूछताछ के लिए समन नहीं भेजने को लेकर झारखंड सरकार की तरफ से एक पत्र ईडी को भेजा गया है (Jharkhand government letter to ED). पत्र में यह लिखा गया है कि मामले को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है. ऐसे में जब तक सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला नहीं आता है, तब तक किसी भी पुलिस अधिकारी को नोटिस जारी नहीं किया जाए.

ये भी पढ़ें- ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड सरकार, जनवरी में होगी सुनवाई

क्या है मामला: जानकारी के अनुसार अपर गृह सचिव राजीव अरूण एक्का ने पुलिस मुख्यालय के जरिये गुरुवार को एक पत्र ईडी कार्यालय को भेजा है. पत्र में ईडी को बताया गया है कि झारखण्ड सरकार बड़हरवा टॉल प्लाजा केस के अनुसंधान में ईडी को परिवादी बनाए जाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एसएलपी में सुप्रीम कोर्ट गई है. ऐसे में इस मामले में तब तक पुलिस अफसरों को समन कर ईडी कार्यालय न बुलाया जाए, जब तक सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में कोई फैसला नहीं दे देता.



हाजिर नहीं हुए प्रमोद मिश्रा: बड़हरवा के तत्कालीन डीएसपी प्रमोद मिश्रा को ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को 24 घंटे के भीतर क्लीनचिट देने के मामले में पूछताछ के लिए दूसरा समन भेजा था. दूसरे समन में उन्हें 15 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक एजेंसी के रांची जोनल आफिस में पहुंचने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे. मामले को लेकर प्रमोद मिश्रा ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं उसके बाद ही वह आईडी के दफ्तर जाएंगे.

गौरतलब है कि पहली बार डीएसपी प्रमोद मिश्रा को 12 दिसंबर को हाजिर होने को कहा गया था. इस समन पर भी वह उपस्थित नहीं हुए थे. इस मामले में पांच दिसंबर को ईडी के केस के अनुसंधान पदाधिकारी मो सरफुद्दीन खान का बयान दर्ज किया था. वहीं, साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दूबे से ईडी ने पंकज मिश्रा के न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान बातचीत व मुलाकात के मामले में पूछताछ की थी.

रांची: झारखंड मैं अवैध खनन मामले के बड़हरवा केस के अनुसंधान से जुड़े पुलिस अफसरों को पूछताछ के लिए समन नहीं भेजने को लेकर झारखंड सरकार की तरफ से एक पत्र ईडी को भेजा गया है (Jharkhand government letter to ED). पत्र में यह लिखा गया है कि मामले को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है. ऐसे में जब तक सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला नहीं आता है, तब तक किसी भी पुलिस अधिकारी को नोटिस जारी नहीं किया जाए.

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क्या है मामला: जानकारी के अनुसार अपर गृह सचिव राजीव अरूण एक्का ने पुलिस मुख्यालय के जरिये गुरुवार को एक पत्र ईडी कार्यालय को भेजा है. पत्र में ईडी को बताया गया है कि झारखण्ड सरकार बड़हरवा टॉल प्लाजा केस के अनुसंधान में ईडी को परिवादी बनाए जाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एसएलपी में सुप्रीम कोर्ट गई है. ऐसे में इस मामले में तब तक पुलिस अफसरों को समन कर ईडी कार्यालय न बुलाया जाए, जब तक सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में कोई फैसला नहीं दे देता.



हाजिर नहीं हुए प्रमोद मिश्रा: बड़हरवा के तत्कालीन डीएसपी प्रमोद मिश्रा को ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को 24 घंटे के भीतर क्लीनचिट देने के मामले में पूछताछ के लिए दूसरा समन भेजा था. दूसरे समन में उन्हें 15 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक एजेंसी के रांची जोनल आफिस में पहुंचने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे. मामले को लेकर प्रमोद मिश्रा ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं उसके बाद ही वह आईडी के दफ्तर जाएंगे.

गौरतलब है कि पहली बार डीएसपी प्रमोद मिश्रा को 12 दिसंबर को हाजिर होने को कहा गया था. इस समन पर भी वह उपस्थित नहीं हुए थे. इस मामले में पांच दिसंबर को ईडी के केस के अनुसंधान पदाधिकारी मो सरफुद्दीन खान का बयान दर्ज किया था. वहीं, साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दूबे से ईडी ने पंकज मिश्रा के न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान बातचीत व मुलाकात के मामले में पूछताछ की थी.

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