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अबुआ आवास योजना के तहत बेघर को अपना घर देने की तैयारी में जुटी हेमंत सरकार, पोर्टल के माध्यम से करना होगा आवेदन

झारखंड सरकार अबुआ आवास योजना को लागू करने की तैयारी में है. एक नवंबर से इसकी प्रक्रिया शुरू होने वाली है. लोग इस योजना का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.

How to take advantage of Abua Housing Scheme
How to take advantage of Abua Housing Scheme
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 31, 2023, 5:10 PM IST

रांची: हेमंत सरकार अबुआ आवास योजना के जरिए बेघर लोगों को अपना घर होने का सपना साकार करने में जुटी है. पिछले दिनों कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब सरकार इसे जमीन पर उतारने में लगी है. वैसे तो औपचारिक रुप से राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर से इसकी शुरुआत होगी मगर 1 नवंबर से इसकी वैधानिक प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की गई है. यह एक ऐसी योजना है जिसके तहत हेमंत सरकार वैसे बेघर जो केन्द्र की प्रधानमंत्री आवास योजना से किसी वजह से लाभान्वित नहीं हो पाये हैं.

ये भी पढ़ें- अबुआ आवास योजना से तीन साल में बनेंगे 8 लाख घर, मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना को भी मिली हरी झंडी

ऐसा होगा गरीबों का आसियाना: अबुआ आवास योजना के तहत इस साल मार्च तक सरकार 4106 करोड़ खर्च करने जा रही है जिसके तहत 2 लाख मकानों का निर्माण करने का लक्ष्य है. इस तरह से अगले तीन वित्तीय वर्ष में ऐसे 8 लाख घर बनाने का लक्ष्य है जिसपर राज्य सरकार करीब 15,000 करोड़ खर्च करेगी. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि इस योजना का लाभ वैसे लोगों को मिलेगा जो कच्चे घर में रहते हैं या बेघर हैं या निराश्रित परिवार के लोग हैं. योजना के तहत आपदा के शिकार, कानूनी तौर पर रिहा किए गए बंधुआ मजदूर जैसे लोगों को सरकार तीन रुम का घर देने का काम करेगी.

पोर्टल के माध्यम से कैसे बेघर करेंगे आवेदन: ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की जा रही तैयारी के तहत अबुआ आवास योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे पोर्टल पर आवेदन करना होगा. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पोर्टल को अंतिम रुप दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री द्वारा झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर पोर्टल को लॉन्च किए जाने की संभावना है.

आवास आवंटन के लिए उठाए जा रहे इस कदम पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए है मगर सवाल यह उठता है कि आखिर बेघर पोर्टल पर कैसे आवेदन करेंगे. जाहिर तौर पर पोर्टल पर आवेदन करने के लिए किसी ना किसी का वे सहयोग लेंगे. वहीं से विचौलिया संस्कृति शुरू हो जायेगी. इसके अलावे अबुआ आवास योजना का लाभ उन्हीं को मिलेगा जिनके पास झारखंड का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र होगा. स्थानीयता को लेकर यहां सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में लाभुकों को पहले मूल निवासी होने का प्रमाण देना होगा तभी उन्हें घर मिलेगा.

रांची: हेमंत सरकार अबुआ आवास योजना के जरिए बेघर लोगों को अपना घर होने का सपना साकार करने में जुटी है. पिछले दिनों कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब सरकार इसे जमीन पर उतारने में लगी है. वैसे तो औपचारिक रुप से राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर से इसकी शुरुआत होगी मगर 1 नवंबर से इसकी वैधानिक प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की गई है. यह एक ऐसी योजना है जिसके तहत हेमंत सरकार वैसे बेघर जो केन्द्र की प्रधानमंत्री आवास योजना से किसी वजह से लाभान्वित नहीं हो पाये हैं.

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ऐसा होगा गरीबों का आसियाना: अबुआ आवास योजना के तहत इस साल मार्च तक सरकार 4106 करोड़ खर्च करने जा रही है जिसके तहत 2 लाख मकानों का निर्माण करने का लक्ष्य है. इस तरह से अगले तीन वित्तीय वर्ष में ऐसे 8 लाख घर बनाने का लक्ष्य है जिसपर राज्य सरकार करीब 15,000 करोड़ खर्च करेगी. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि इस योजना का लाभ वैसे लोगों को मिलेगा जो कच्चे घर में रहते हैं या बेघर हैं या निराश्रित परिवार के लोग हैं. योजना के तहत आपदा के शिकार, कानूनी तौर पर रिहा किए गए बंधुआ मजदूर जैसे लोगों को सरकार तीन रुम का घर देने का काम करेगी.

पोर्टल के माध्यम से कैसे बेघर करेंगे आवेदन: ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की जा रही तैयारी के तहत अबुआ आवास योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे पोर्टल पर आवेदन करना होगा. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पोर्टल को अंतिम रुप दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री द्वारा झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर पोर्टल को लॉन्च किए जाने की संभावना है.

आवास आवंटन के लिए उठाए जा रहे इस कदम पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए है मगर सवाल यह उठता है कि आखिर बेघर पोर्टल पर कैसे आवेदन करेंगे. जाहिर तौर पर पोर्टल पर आवेदन करने के लिए किसी ना किसी का वे सहयोग लेंगे. वहीं से विचौलिया संस्कृति शुरू हो जायेगी. इसके अलावे अबुआ आवास योजना का लाभ उन्हीं को मिलेगा जिनके पास झारखंड का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र होगा. स्थानीयता को लेकर यहां सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में लाभुकों को पहले मूल निवासी होने का प्रमाण देना होगा तभी उन्हें घर मिलेगा.

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